मेथी भारत की लोकप्रिय जड़ी बूटियों में से एक है। मेथी का इस्तेमाल इसके स्वाद और खुश्बू को देखते हुए भोजन में, एवं बहुत से आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में होता है। मुख्यतः मेथी की पत्तियाँ सब्जी के रूप में और इसके बीज मसालों व औषधियों के रूप में प्रयोग होते हैं। मेथी फैबेसी कुल का पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम ट्रीगोनेला फोनीम ग्रींक है एवं संस्कृत नाम बहुपर्णी है। आज के इस लेख में हम आपको मेथी के सभी फायदे, मेथी के नुक्सान, मेथी में सम्मिलित पोषक तत्वों व मेथी के उपयोग विधि के बारे में विस्तार से बताने जा रहें हैं। जिसे जानकर आप मेथी का ठीक तरीके से उपयोग अपने फायदे के लिए कर पायेंगे।
मेथी के फायदे
1. मेथी बालों के लिए है लाभकारी – मेथी में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो बालों को मजबूती प्रदान कर उसका रोकना कम करता है। इसी के साथ मेथी के उपयोग से बालों की रूसी भी काफी हद तक कम हो जाती है और मेथी बालों के रंग को भी बनाये रखने का कार्य करता है।
2. मेथी करता है मधुमेह नियंत्रण – मेथी के बीज मधुमेह के रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। मेथी का ह्य्पोग्ल्य्सिमिक गुण रक्त में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके अलावा मेथी में पाए जाने वाला फाइबर कार्बोहाइड्रेट शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है। शुगर कण्ट्रोल के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार आपको मेथी का सेवन करना चाहिए।
3. मेथी है कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक – अध्ययनों में पाया गया है की मेथी के अंदर बैड कोलेस्ट्रोल को कम करने की क्षमता होती है। मेथी में पाए जाने वाला घुलनशील फाइबर पचे हुए भोजन में चिपचिपाहट की मात्रा को बढ़ाकर शरीर में कोलेस्ट्रोल कम करने का कार्य करता है। मेथी के बीज में निहित नारिंगेनिन नामक एक फ्लैवोनॉयड पाया जाता है, जो उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगो में लिपिड स्तर को कम करने का कार्य करता है।
4. अर्थराइटिस में कारगर है मेथी – उम्र बढ़ने के साथ ही जोड़ों में सूजन होने लग जाती है, जिसके कारण असहनीय दर्द का अनुभव होता है, जिसे जोड़ों का दर्द अथवा अर्थराइटिस कहा जाता है। इससे निजात पाने के लिए मेथी एक अच्छा विकल्प है। मेथी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण निहित होते हैं। ये गुणकारी तत्व जोड़ों की सूजन में आराम पहुचाकर अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने का कार्य करते हैं। मेथी में कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जिसके फलस्वरूप मेथी के इन औषधीय गुणों से हड्डियों व जोड़ों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे हड्डियां स्वस्थ व मजबूत रहती हैं।
5. मासिक धर्म में भी है लाभकारी – मेथी के दानों में एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीस्पास्मोडिक व ड्यूरेटिक गुण निहित होते हैं। वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि मेथी के ये गुणकारी तत्व मासिक धर्म में होने वाली लगभग हर तरह की पीड़ा से राहत दिलाने का कार्य करने में सक्षम हैं, जिसे मेडिकल भाषा में डिसमेनोरिया कह कर भी संबोधित किया जाता है। पीरियड्स के समय मेथी को डॉक्टर की सलाह पर कम मात्रा में ही उपयोग में लेना चाहिए।
6. कैंसर से बचाव में लाभकारी है मेथी – कैंसर जैसी गंभीर व घातक बीमारी से बचे रहना ही सबसे अच्छा उपाय है। मेडिकल रिसर्च्स के अनुसार मेथी के अन्दर एंटी कैंसर प्रभाव देखे गये हैं जो कैंसर को दूर रखने में कारगर सिद्ध हुए हैं।
7. ब्लड प्रेसर कण्ट्रोल में सहायक – हाई ब्लड प्रेसर कई तरह की बीमारियों को न्यौता देने का कार्य करता है, जिनमें हार्ट प्रोब्लम्स जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हैं। मेथी के औषधीय गुण ऐसी समस्या को कम करने में कारगर सिद्ध होते हैं। एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, मेथी में एंटीहाइपरटेंसिव प्रभाव पाया जाता है, जो ब्लड प्रेसर की समस्या को कम करने का कार्य करता है।
8. मेथी से बढ़ता है स्तन दूध – नवजात बच्चे को जन्म देने वाली महिला को मेथी के बीज से बनी हर्बल चाय का सेवन करना चाहिए। क्योंकि मेथी स्तन दूध की मात्रा व गुणवत्ता बढ़ाने का कार्य करता है।
प्रति 100 ग्राम मेथी में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों की मात्रा
पोषक तत्व मूल्य प्रति ग्राम
कैल्शियम 176 mg
मैग्नीशियम 191 mg
आयरन 33.53 mg
पानी 8.84 g
ऊर्जा 323 g
प्रोटीन 23 g
टोटल लिपिड(फैट) 6.41 g
कार्बोहाइड्रेट 58.35 g
पोटैशियम 770 mg
सोडियम 67 mg
जिंक 2.5 mg
विटामिन सी 3 mg
फोलेट 57 µg
विटामिन ए 60 IU
फैटी एसिड 1.46 g
विटामिन बी-6 0.6 g
राइबोफ्लेविन 0.366 mg
मेथी के नुक्सान
मेथी के तमाम फायदों के साथ इसके कुछ दुष्परिणाम भी देखे गएँ हैं। आइये आपको मेथी से होने वाले नुकसानों से अवगत कराते हैं।
1. एलर्जी – कुछ लोगों को मेथी के दाने से एलर्जी हो जाती है। जिसका असर चेहरे पर सूजन व शरीर पर रैसेज हो जाने के रूप में दिखता है। इसी के साथ स्वाभाव से गर्म मेथी की वजह से कुछ लोगों को बवासीर, गैस व एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको चाहिए की मेथी की सही मात्रा का ठीक तरीके से उपयोग करें।
2. दस्त – जरूरत से ज्यादा कोई भी चीज ली जाय तो वो नुक्सान ही करती है। उसी प्रकार पाचन सम्बन्धी समस्याओं में कारगर मेथी अगर अधिक मात्रा में ली जाय तो यह दस्त का कारण बन जाती है और पेट खराब कर देती है।
3. गर्भाशय संकुचन – मेथी की तासीर गर्म होती है, जिसे गर्भवती महिला अगर अधिक सेवन कर ले तो समय से पूर्व ही गर्भाशय संकुचन जैसी पीड़ा का सामना करना पड़ जाता है। मेथी के इन दानों में ऑक्सीटोसिन पाया जाता है, जो गर्भाशय संकुचन का कारण होता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को मेथी के दाने का सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।
4. अन्य दवाओं के साथ मेथी है हानिकारक – अगर आप पहले से ही बीमारियों के लिए अन्य दवाइयां ले रहें हैं तो मेथी का सेवन करने से पहले डाक्टरी परामर्श अवश्य ले लें, अन्यथा इसके बहुत से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
तो इस प्रकार अब आप मेथी से जुड़ी इन सभी बातों को भली भाँती समझ गये होंगे, आशा करता हूँ यह लेख आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होगा।