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गर्भावस्था का साँतवा महीना अर्थात आप अब तीसरी तिमाही के चरण में प्रवेश कार चुकी हैं। अब आपका बेबी आपके गर्भ में तेज़ी से विकसित हो रहा है और प्रत्येक महीने की तुलना में इस महीने आपको अधिक देखभाल की आवश्यकता है। इस लेख में हमने सातवें महीने के लक्षण, शरीर में होनें वाले बदलाव, सावधानियाँ एवं कराये जाने वाले टेस्ट आदि के बारें में महत्वपूर्ण जानकारी दी है जिसे आपके लिए जान लेना अत्यंत आवश्यक है।
सातवें महीने के लक्षण –
1. इस महीने के दौरान आप वास्तव में एक गर्भवती स्त्री की तरह चलने और बर्ताव करने लगेंगी।
2. तीव्र गति से बढ़ते वजन के कारण पीठ दर्द की समस्या में वृद्धि हो सकती है।
3. बढ़ते पेट के कारण आपके पैरों और मूत्राशय पर भारी दबाव पड़ता है जिससे चलने की समस्या में इजाफ़ा हो जाता है।
4. इस दौरान योनी स्त्राव में भी वृद्धि होती है। अगर आपको योनी स्त्राव के साथ साथ दुर्गन्ध आने की समस्या भी है तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
5. इस दौरान स्तनों से भी रिसाव होने लगता है जो कि गाढ़े पीले रंग का पदार्थ होता है। जैसे जैसे प्रसव का समय नजदीक आता है वैसे वैसे ये रंगहीन होता जाता है। हालाँकि यह गर्भावस्था की सामान्य प्रक्रिया है।
सांतवे महीने में होने वाले शारीरिक बदलाव
1. इस दौरान आपका गर्भाशय आपकी नाभि के ऊपर आ जाता है जिस से आपको कभी- कभी सांस लेने व सोने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
2. स्तनों के आकार में और वृद्धि होगी एवं निप्पलस व उसके आस- पास की जगह और गाढ़े रंग की हो जायेगी।
3. शरीर में सूजन होना भी एक आम समस्या है जिसका कारण शरीर में तेज़ रक्त प्रवाह का होना होता है।
4. सातवें महीने के दौरान आप हर तरह के मौसम में गरम महसूस करने लगेंगी।
5. इन दिनों आपको स्तनों में दर्द का भी अनुभव हो सकता है इसलिए आपको बड़ी साइज़ की आरामदायक ब्रा पहनने की आवश्यकता है।
सातवें महीने में कराये जाने वाले टेस्ट व स्कैन
गर्भावस्था के प्रत्येक चरण में आपको नियमित रूप से डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता होती है, ऐसे में इस महीने भी डॉक्टर द्वारा कुछ महत्वपूर्ण जाँचे की जाती हैं जिनके बारे में आपको जान लेना आवश्यक है।
1. डॉक्टर द्वारा शिशु के शरीर की पूरी जाँच की जाती है जिसमे शिशु के दिल की धड़कन की जांच के लिए फीटल हार्ट रेट मॉनिटरिंग जाँच की जाती है, इसी के साथ आपका रक्त संचार, गर्भाशय का आकार व किसी तरह का संक्रमण पता लगाने के लिए आपके पेशाब की जांच भी की जाती है।
2. इसके अलावा भी बायोफिज़िकल प्रोफाइल टेस्ट व कॉन्ट्रैक्शन स्ट्रेस नामक टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट अल्ट्रासाउंड की मदद से होता है, जिसमें शिशु के दिल की स्वास्थ्य की जाँच की जाती है।
आगे हम आपको सातवे महीने के दौरान खान- पान में बरतने वाली सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं –
क्या खाएं –
1. इस दौरान आपको एक्स्ट्रा आयरन की आवश्यकता होती है जिसकी आपूर्ति आपको आयरनयुक्त भोजन के साथ प्रोटीन युक्त भोजन कर करनी चाहिए।
2. गर्भावस्था के इस चरण के दौरान आपको कैल्शियम की आवश्यकता बढ़ जाती है इसलिए आपको दूध एवं इस से बने उत्पाद का सेवन करना चाहिए।
3. मैग्नीशियम आपके द्वारा सेवन किये गए कैल्शियम को पचाने में सहायक होता है और आपके मांसपेशियों को आराम देता है एवं समयपूर्व होने वाली प्रसव पीड़ा को भी रोकता है। बादाम, ओटब्रान, काली सेम, जौ, चुकंदर, कद्दू के बीज आदि मैग्नीशियम के अच्छे स्त्रोत हैं।
4. गर्भवती महिला के लिए गर्भावस्था के पहले और गर्भावस्था के दौरान फोलिक एसिड का सेवन करना बहुत आवश्यक होता है। सांतवे महीने के दौरान फोलिक एसिड आपके बच्चे के न्यूरल ट्यूब के दोष के खतरे को कम करने में सहायता का कार्य करता है। ओटमील, पत्तागोभी या हरी पत्तेदार सब्जियां तथा फल जैसे स्ट्रॉबेरीज़ और संतरे आदि में फोलिक एसिड पाया जाता है, जिसका सेवन आप कर सकती हैं।
5. गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या तो रहती ही है। इससे बचने के लिए आपको फाइबर युक्त आहार का अधिक सेवन करना चाहिए, आपको अपने आहार में सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज शामिल करना चाहिए।
क्या ना खाएं
1. इस दौरान आपको तले हुए खाद्य पदार्थ जिनमें फैट बहुत अधिक होता है, से बचने की आवश्यकता है।
2. इसके अलावा आपको मसालेदार खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जिनके कारण हार्टबर्न की समस्या हो सकती है।
3. अधिक नमक युक्त पदार्थ जैसे चिप्स, कैचप, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, अचार और सॉस आदि से आपको दूर रहना चाहिए।
4. शराब, सिगरेट से दूर रहने के साथ ही आपको कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय- कॉफ़ी का सेवन कम से कम करना चाहिए।
आइये, अब आपको गर्भावस्था के सातवें माह से जुड़ी कुछ अन्य महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में बताते हैं –
क्या करें
1. इस दौरान आपको नियमित रूप से हल्का – फुल्का व्यायाम कर लेना चाहिए जिससे आप चुस्त और तंदरूस्त महसूस करेंगी।
2. विटामिन सी और लौह–युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे- अंडे, फल, अनाज, पत्तेदार सब्जियां, लाल माँस का सेवन करें।
3. सातवें महीने में नियमित रूप से सैर करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इससे आपको प्रसव के दौरान आसानी होगी।
4. गर्भावस्था में खाने वाली चीजे ही नहीं बल्कि डॉक्टर के बताए हुए ज़रूरी अनुपूरक लेना भी आवश्यक है।
5. इस दौरान आपको व्यस्त रहने की ज़रुरत है। आप इसके लिए मनोरंजन का सहारा ले सकती हैं जिस से आपका प्रसव को लेकर होने वाली घबराहट कम होगी।
क्या न करें
1. सांतवें महीने के बाद आप झुक नहीं पाएंगी और ना ही आप झुककर बैठने की कोशिश करें अर्थात अपना उठना – बैठना व लेटना सभी ही उचित मुद्रा में करें।
2. इस दौरान आपको बिलकुल भी भारी वजन नहीं उठना चाहिए।
3. डॉक्टर से समय – समय पर परामर्श लेने में कोई लापरवाही ना करें।
तो इस प्रकार अब आप सातवें महीने से जुड़ी इन सभी महत्वपूर्ण बातों को समझ गयीं होंगी। आपको आपके होने वाले शिशु के लिए शुभकामनाएं।
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