गर्भावस्था का पहला महीना – 1 Month Pregnancy in Hindi जानिये लक्षण, सावधानियाँ और शरीर में होने वाले बदलाव

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माँ बनना एक स्त्री के जीवन की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि होती है और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए नौ महींने के नाजुक समयांतराल से गुज़ारना पड़ता है। ऐसे में अधिकतर महिलाओं को उनके गर्भवती होने का एहसास पहले महींने में नहीं होता एवं पहली बार माँ बनने जा रहीं महिलाओं को गर्भावस्था के पहले महींने में बरतने वाली सावधानियों का भी पता नही होता। अगर आप इस समयांतराल से गुज़र रहीं हैं या आपकी कोई परिजन या मित्र गुज़र रहीं हैं तो चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको गर्भावस्था के पहले महींने से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे जिसमे, पहले महींने के लक्षण , शरीर में होने वाले बदलाव, इस दौरान कराये जाने वाले टेस्ट एवं सावधानियां शामिल हैं।

प्रेगनेंसी के प्रथम माह के दौरान दिखाई देने वाले लक्षण

मोर्निंग सिकनेस – इस दौरान गर्भवती महिला को सुबह सुबह जी मिचलाने, उल्टी एवं चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

पेट के निचले हिस्से में दर्द – इस दौरान गर्भवती महिला के पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है जिसका कारण गर्भ में भ्रूण का प्रत्यारोपित होना होता है ।

बार- बार पेशाब लगना – प्रथम माह के दौरान बार- बार पेशाब लगने की समस्या उत्पन्न होती है और यह आपके माँ बन ने तक बनी रहती है।

थकान होना – इस दौरान गर्भवती महिला को बिना कुछ किये ही थकान लग सकती है और इसी के साथ सोने में दिक्कत का सामना करना पद सकता है।

मासिक धर्म का रुक जाना – इसे प्रेगनेंसी की शुरुआत होने का संकेत कहा जाता है, इस दौरान शरीर में प्रोजेस्टोरोन नामक हारमोन बनने लगता है जिसके फलस्वरूप पीरिअड्स रुक जाता है।

मूड स्विंग होना – गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग होना आम बात है। इस दौरान गर्भवती महिला के व्यवहार में लगातार बदलाव देखने को मिलता है।

स्तनों में बदलाव – इस दौरान गर्भवती महिला के स्तन कड़े होना शुरू हो जाते हैं और इसी के साथ निप्पल का रंग गाढ़ा भी नज़र आना शुरू हो जाता है।

प्रेगनेंसी की पुष्टि के लिए होने वाले जांच

अगर ऊपर बताये गए लक्षण आपसे मेल खातें हैं तो आपको अवश्य ही प्रेगनेंसी की जांच करानी चाहिए। आगे हम आपको इसके लिए तीन विधियों के बारे में बताने जा रहें हैं-

प्रेगनेंसी किट से जांच – आजकल बाजार में बहुत से उपकरण मौजूद हैं जिनसे आप अपने गर्भवती होने की जांच कर सकती हैं। जांच के लिए आपको सुबह के पहले पेशाब की कुछ बूँदें प्रेगनेंसी किट में दिए गए एक स्थान पर गिरानी होती है जिसके फलस्वरूप एक या दो गहरी गुलाबी लकीरें दिखाई देती हैं। प्रेगनेंसी किट पर दिए गए विवरण को पढ़कर अर्थात उन लकीरों के सही मतलब को समझकर आप अपने प्रेगनेंसी की पुष्टि कर सकती हैं।

यूरीन या ब्लड टेस्ट – डॉक्टर से यूरीन या ब्लड टेस्ट कराकर भी प्रेगनेंसी की पुष्टि की जाती है। हालाँकि डॉक्टर द्वारा की गयी जांच को अधिक सटीक माना जाता है।

अल्ट्रासाउंड द्वारा जाँच – अगर मन में अभी भी अपनी प्रेग्नेसी को लेकर संदेह बना हुआ है तो आपको अल्ट्रासाउंड तकनीक का सहारा लेना चाहिए। जांच की यह तकनीक सबसे सटीक मानी जाती है ।

गर्भावस्था के प्रथम माह में होने वाले शारीरिक बदलाव

1. इस दौरान गर्भवती महिला को उसका शरीर थोडा सूजा हुआ महसूस हो सकता है।
2. पीठ के हिस्से में दर्द जैसी समस्या हो सकती है।
3. शरीर में ऐंठन एवं योनी से अधिक स्त्राव तथा रक्स्त्राव हो सकता है ।
4. इस दौरान सीने में जलन और कब्ज की शिकायत हो सकती है।
5. इसी के साथ सिर दर्द एवं भूख बढ़ना भी आम बात है।

प्रेगनेंसी के पहले महींने मे आहार सम्बन्धी सावधानियाँ

प्रेगनेंसी के प्रथम माह के दौरान गर्भवती महिला को अपने खान– पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में आपका यह जान लेना आवश्यक है की इस दौरान क्या खाएं और क्या नही।

प्रेगनेंसी के पहले महींने मे क्या खाएं –

1. इस दौरान गर्भवती स्त्री को दिन भर में तीन तरह के फलों का सेवन करना चाहिए जो की फाइवर युक्त होने चाहिए।
2. इस दौरान गर्भवती स्त्री को आयरन युक्त आहार लेना चाहिए जिसमे पालक, चुकंदर इत्यादि शामिल हैं।
3. दूध एवं दूध से बने उत्पादों का भरपूर सेवन करना चाहिये।
4. इस दौरान फोलेट युक्त पदार्थ जैसे ब्रोकली व संतरा आदि का सेवन लाभकारी साबित होगा।
5. गर्भवती स्त्री को चाहिए की वो विटामिन बी-6 युक्त पदार्थ जैसे केला, साबूत अनाज एवं सूखे मेवे का सेवन करे।

प्रेगनेंसी के पहले महींने मे क्या ना खाएं

1. प्रथम माह के दौरान कच्चा पपीता और अनानास खाने से बचना चाहिए।
2. इस दौरान गर्भवती महिला को कच्चे मांस और कच्चे अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. इस दौरान गर्भवती स्त्री को जंक फ़ूड का इस्तेमाल कम से कम कर देना चाहिए।
4. शराब और तम्बाकू का सेवन हानिकारक साबित हो सकता है।
5. इस दौरान कैफ़ीन युक्त चीजें जैसे चाय, कॉफ़ी और चॉकलेट खाना कम कर देना चाहिए।

प्रेगनेंसी के प्रथम माह के दौरान बरतने वाली सावधानियाँ

खान पान के अलावा कुछ अन्य सावधानियाँ बरतने की भी आवश्यकता होती है, जिसके बारे में हम आपको आगे बताने जा रहे हैं।

प्रेगनेंसी के पहले महींने मे क्या करें –

1. हर रोज़ थोडा बहुत व्यायाम करते रहें।
2. हमेशा हाइड्रेटेड रहें अर्थात जमकर पानी पियें।
3. चिकित्सक के सलाह अनुसार विटामिन्स और अन्पूरक लेना प्रारम्भ करें।
4. हमेशा खुश रहने का प्रयास करें और सकारात्मक सोचें।
5. ज्यादा से ज्यादा निद्रा लें और भरपूर आराम लें।

प्रेगनेंसी के पहले महींने मे क्या करें –

1. भारी चीजें उठाने से बचें और झुकें नहीं इससे भ्रूण के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
2. चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी दवा का सेवन ना करें।
3. डाइटिंग करने से बचे क्योंकि इस दौरान शरीर को पोषक तत्वों की बेहद आवश्कता होती है।
4. प्रथम माह के दौरान गर्भपात का खतरा अधिक होता है इसलिए आपको लम्बी यात्रा करने से बचना चाहिए।
5. तनाव ना होने दें और इस से बचने के लिए अपनी मनपसंद धारावाहिक देखें या किताबें पढ़ें।

तो इस प्रकार आप गर्भावस्था के इस प्रथम पड़ाव के बारे में भली- भाँती जान गयी होंगी । आशा है की ये जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
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