प्रेगनेंसी टेस्ट किट का कब और कैसे करें इस्तेमाल, जानिये टेस्ट किट से जुड़ी सभी आवश्यक बातें

माँ बनना प्रत्येक स्त्री के लिए दुनिया का सबसे सुखद एहसास होता है। वहीँ माँ बनने तक का सफ़र बहुत सारे संघर्षों व सावधानियों से भी भरा होता है। ऐसे में माँ बनने वाली स्त्री का पहला पड़ाव उसकी प्रेगनेंसी की जांच करना होता है। महिलायें अपने गर्भ की जांच बहुत से तरीकों से कर सकती हैं। जिनमें घरेलु तरीके, टेस्ट किट से जांच एवं क्लिनिकल टेस्टिंग शामिल है।

इस लेख में हम आपको प्रेगनेंसी किट से जुड़ी सभी बातों से अवगत करायेंगे। जिसमें हम आपको प्रेगनेंसी टेस्ट किट इस्तेमाल करने का सही समय, सही तरीका, जांच के दौरान बरतने वाली सभी सावधानियों और रिजल्ट्स के अर्थों से भी अवगत करायेंगे।

प्रेगनेंसी किट यूज करने का सही समय

प्रेगनेंसी की जांच के लिए मासिक धर्म का समय निकल जाने के पश्चात 1 से 2 हफ़्तों का समय सबसे सटीक माना जाता है। यौन संबंध स्थापित होने बाद जब स्त्री के अंडाणुओं के साथ पुरुष के शुक्राणुओं  का मेल होता है,  तब निषेचित हुए डिंब गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाते हैं। इसके पश्चात स्त्री के शरीर में एचसीजी हार्मोन बनना प्रारम्भ हो जाता है। यह हार्मोन निषेचन के बाद लगभग 7 से 14 दिनों के भीतर स्त्री के पेशाब में पाया जा सकता है। इसलिए, पीरियड्स का समय निकलने के बाद  अगर एक सप्ताह तक पीरियड्स न आए, अनियमित हो या फिर देर से आए तब दो सप्ताह के बाद गर्भावस्था की जांच करनी चाहिए। बात अगर प्रेगनेंसी किट से जाँच की करें तो शाम की जगह सुबह का समय सबसे अच्छा होता है, क्योंकि सुबह के समय गर्भावस्था की सूचना देने वाले एचसीजी हारमोन का असर सबसे अधिक होता है।

प्रेगनेंसी किट इस्तेमाल करने का सही तरीका

प्रेगनेंसी किट का इस्तेमाल करने से पहले किट के सभी दिशा निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए क्योंकि अलग-अलग कंपनियों के जांच किट्स के दिशा निर्देश अलग-अलग होते हैं। टेस्ट किट से गर्भावस्था की जांच करने के लिए सुबह के पहले पेशाब के नमूने को एक छोटे पात्र में भरकर टेस्ट किट के साथ दिए गए ड्रॉपर से कुछ बूंदें जांच पट्टी पर बने खांचे में डालें। इसके पश्चात 5 मिनट तक प्रतीक्षा करें। अब आपको एक या दो हल्की या गहरी गुलाबी लकीरें दिखाई पड़ेंगी। इन रंगीन लकीरों का अर्थ समझने के लिए जांच किट के साथ दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें। इन्हीं निर्देशों के आधार पर आप टेस्ट के नतीजे का पता लगा सकती हैं और जान सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट के रिजल्ट्स के मतलब

टेस्ट किट में एक नियंत्रण लाइन परीक्षण करने से पहले और दूसरी लाइन टेस्ट के बाद दिखाई देती है। टेस्ट करने से पहले किट पर दिए गए निर्देशों को ठीक से पढ़ें और उनके अनुसार टेस्ट रिजल्ट्स देखें। पॉजिटिव परिणाम की लाइन पहले से उपस्थित लाइन के जितनी गहरी नहीं होती है, परन्तु अगर आपको दूसरी लाइन भी दिखाई दे रही है तो यह खुश होने का समय है। क्योंकि इसका मतलब है कि आप प्रेग्नेंट हैं। साथ ही इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लाइन कितनी गहरी या हल्की दिखाई दे रही है।

यदि परिक्षण के बाद केवल नियंत्रण लाइन दिखाई दे रही है जो की पहले से ही दिख रही थी तो टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव माना जाता है। कभी-कभी निर्धारित समय के बाद एक हल्की लाइन दिखने लग जाती है तो इसे भी नकारात्मक ही माना जायगा।

प्रेगनेंसी किट से जांच करते वक्त बरतने वाली सावधानियाँ

1. अगर घर में किट से टेस्ट करने पर नकारात्मक परिणाम सामने आता है,  तो 72 घंटे या तीन दिनों के बाद दोबारा टेस्ट अवश्य करें। क्योंकि, शुरुआती दिनों में मूत्र में एचसीजी हार्मोन का स्तर थोड़ा कम होता है,  जिसके कारण गर्भावस्था की सही पहचान हो पाना मुश्किल होता है। यदि 72 घंटे के बाद दूसरी जांच का नतीजा भी नकारात्मक आता है,  तब आपको किसी योग्य महिला चिकित्सक से मिलकर परामर्श लेने की आवश्यकता है।

2. जांच से पूर्व अधिक मात्रा में चाय, कॉफ़ी और जल आदि का सेवन न करें इससे क्योंकि इससे शरीर में एचसीजी हारमोन का स्तर घटने की संभावना होती है और टेस्ट किट से जांच की विश्वसनियता में कमी आ जाती है।

3. किसी भी प्रेगनेंसी किट का उपयोग करने से पूर्व उसकी एक्सपायरी डेट अवश्य देख लें। डॉक्टर्स के अनुसार किट का पैकेट खोलने के 10 घंटे के अंदर-अंदर जांच कर लेनी चाहिए।

4. जांच के दौरान सभी उपकरणों के सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

आशा करता हूँ कि अब आप प्रेगनेंसी किट से जुड़ी इन सभी बातों को भली-भाँती समझ गयीं होंगी। अगर अभी भी आपके मन में किसी बात को लेकर शंका है तो इस लेख पर टिप्पणी कर हमें अवगत कराएं।

 

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