Pregnancy me Bleeding Hone Ke Karan: प्रेगनेंसी के नौ महीने एक महिला के लिए बहुत ही ख़ास और नाजुक होते हैं। प्रेगनेंसी के दिनों में महिला को अपने खानपान और दिनचर्या पर भी अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती हैं। अगर महिला प्रेगनेंसी के दिनों में अपनी सेहत का ध्यान नही रखती हैं। तो यह गर्भ में पल रहे शिशु और माँ दोनों के लिए नुकसानदायी साबित हो सकता हैं। इन दिनों में महिला को काफी सारी परेशानी का भी सामान करना पड़ता हैं।
प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में गर्भवर्ती महिला को सिरदर्द, थकान, चिडचिडापन, मतली, उल्टी, कमर में दर्द, पेट के नीचले हिस्से में दर्द आदि समस्या होती हैं। लेकिन काफी प्रेगनेंट महिलाओ को प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग की समस्या होती हैं। लेकिन इस समस्या को सामान्य नही मानना चाहिए। यह महिला और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायी साबित हो सकता हैं।
अगर प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को ब्लीडिंग हो रही हैं तो यह अच्छी बात नही है। इस समस्या को हल्के में ना ले। अगर ऐसा होता हैं तो तुरंत ही डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग होने के पीछे काफी सारे कारण होते हैं, ऐसा क्यों होता हैं? इन सभी के बारे में आगे हम डिटेल्स में आपको जानकारी देने वाले हैं।
Pregnancy me Bleeding Hone Ke Karan | प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होने के कारण
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग होने के पीछे काफी सारे कारण हो सकते हैं। जिसमे कुछ मुख्य कारण के बारे में हमने नीचे डिटेल्स में जानकारी दी हैं।
- अगर किसी महिला की प्रेगनेंसी कमजोर हैं या फिर इंटरनल कोई ब्लड क्लोटिंग हुआ हैं। तो इस कारण प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग हो सकती हैं।
- गर्भ नाल बच्चे दानी के साथ अच्छे चिपकी हुई ना हो या फिर अच्छे जुडी हुई ना हो तब भी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग हो सकती हैं।
- अगर प्रेगनेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना में कोई इन्फेक्शन हुआ हैं। तो इस कारण भी प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग हो सकती हैं।
- कई बार प्रेगनेंसी की तिमाही में गर्भनाल टूटने की वजह से भी ब्लीडिंग हो सकती हैं।
इन सभी कारण से प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग हो सकता हैं। एक्सपर्ट डॉक्टर का कहना है की प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में ब्लीडिंग होने से समय से पहले महिला की डिलीवरी हो सकती हैं। इसलिए अगर प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को प्रेगनेंसी हो रही हैं। तो उन्हें तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। और अपना इलाज करवाना चाहिए।
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प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग के लक्षण | Pregnancy me Bleeding Ke Lakshan
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में हल्की सी ब्लीडिंग या स्पोटिंग हो सकती हैं। इसमें कोई भी प्रकार का अन्य कोई लक्षण नही दिखाई देता हैं। कई बार ऐसी हल्की ब्लडिंग को महिलाएं पीरियड्स समझ लेती हैं। अगर प्रेगनेंसी में आपको पेट में एंठन के साथ ब्लीडिंग हो रही हैं। तो इससे मिसकैरेज होने का खतरा बनता हैं। इसलिए ऐसी परिस्थति में आपको डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है की प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में इन्फेक्शन के कारण ब्लीडिंग हो रही हैं तो इस स्थिति में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे की इन्फेक्शन के कारण ब्लीडिंग होने पर यूरिन पास करते समय दर्द होना, बुखार आना, योनि के आसपास छूने से दर्द आदि होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग रोकने के घरेलू उपाय
अगर प्रेगनेंसी की पहली तिमाही या फिर किसी भी तिमाही में ब्लीडिंग हो रही हैं। तो ऐसे में आपको सीधे ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आपको कोई भी घरेलू उपाय का सहारा नही लेना चाहिए। लेकिन प्रेगनेंसी के दिनों में ब्लीडिंग होने पर आपको कुछ बातो को ध्यान में रख सकते हैं। जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं।
डॉक्टर से संपर्क करे
अगर आपको प्रेगनेंसीके दिनों में ब्लीडिंग हो रही हैं। तो ऐसे में सबसे पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करके डॉक्टर की राय लेनी चाहिए। अगर आप समय पर डॉक्टर से इलाज करवाते है। तो कुछ दवाई और सही इलाज से ब्लीडिंग रुक सकती हैं।
आराम करे
वैसे अगर देखा जाए तो प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में डॉक्टर महिला को ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह देते हैं। ऐसे में आपको अधिक समय तक आराम करना चाहिए। अगर ब्लीडिंग हो रही हैं। तो आपको कोई भी काम करने से बचना चाहिए। आपको प्रेगनेंसी के दिनों में भारी सामान उठाने से और सीढियां चढने से भी बचना चाहिए।
पौष्टिक आहार ले
कई बार अनीमिया होने के कारण भी प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होती हैं। ऐसे में आपको अपने खानपान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। ऐसे में आपको पौष्टिक आहार लेना चाहिए। प्रेगनेंसी के दिनों में गर्म वस्तु का सेवन करने से भी बचे। अगर आप गर्म वस्तु खाते हैं। तो आपकी ब्लीडिंग की समस्या बढ़ सकती हैं।
शारीरिक संबंध से बचे
प्रेगनेंसी के दिनों में अगर ब्लीडिंग हो रही हैं। तो आपको शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए। क्योंकि संबंध बनाने से ब्लीडिंग बढ़ सकती हैं। ब्लीडिंग हल्के से भारी हो सकती हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में शारीरिक संबंध बनाने से भी बचना चाहिए।
ज्यादा मात्रा में पानी पीए
प्रेगनेंसी के दिनों में आपको थोडा ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। एक्सपर्ट का मानना है की वेजाइना इन्फेक्शन के कारण अगर ब्लीडिंग हो रही हैं। तो खूब पानी पीने से इन्फेक्शन कम होता हैं। इन्फेक्शन का खतरा टल जाता हैं।
प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग से बचाव
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में अगर आपको ब्लीडिंग हो रही हैं। तो डॉक्टर की राय ले। उनके बताये अनुसार समय समय पर दवाई लेते रहे। अपनी सेहत का अधिक ध्यान रखे। अगर कोई भी ज्यादा परेशानी होती हैं। तो आप डॉक्टर से तुरंत ही संपर्क करे।
इन दिनों में एक महिला को अपनी सेहत का खूब ध्यान देने की सलाह दी जाती हैं। इसलिए प्रेगनेंसी से जुडी कोई भी परेशानी होती हैं। तो बचाव के लिए खुद अपनी मर्जी से कोई भी उपचार ना करे। इन दिनों में घरेलू उपाय का सहारा लेने से बचे और डॉक्टर के टच में रहे।
डिस्क्लेमर
हम कोई हेल्थ एक्सपर्ट नहीं है, दी गई जानकारी आपको एजुकेशन देने के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी प्रकार का हेल्थ इशू होने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करे।