आज कल व्यापारी अपने फायदे को मद्दे नज़र रखते हुए मिलावट वाला दूध बेचते हैं। तेज़ रूप से मिलावट वाले दूध की बिक्री से हर कोई परेशान क्योकि जानकारी के आभाव में असली दूध और मिलावटी दूध में फर्क करना मुश्किल काम है, पर अगर जानकारी हो मिलावट का पता लगाना आसान है।
घर पे दूध में मिलावट का पता लगाने के सबसे सरल उपाय इस प्रकार हैं –
दूध को सूंघे:
असली दूध से गंध नहीं आती यदि आपको आशंका है की दूध में मिलावट की गयी है तो उसे सूंघे, सिंथेटिक दूध से साबुन जैसी गंध आती है।
दूध का स्वाद:
यदि आपके दूध में कड़वापन है तो उसमे डिटर्जेंट की मिलावट की गयी है। असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है यदि दूध में कड़वाहट है तो वो मिलावटी है।
दूध में पानी की मात्रा:
दूध में पानी की मात्रा मिलायी गयी है या नहीं ये जानने के लिए किसी पत्थर की सतह पर दूध की एक-दो बूँदे गिरायें और सतह को थोड़ा टेढ़ा कर के देखें। अगर दूध में पानी मिला है तो वह बिना निशान छोड़े बह जायेगा जब की असली दूध के गिरने से सतह पर निशान छूट जाता है।
दूध का रंग:
असली दूध को अगर हम कुछ देर के लिए स्टोर कर के रख भी दे उसका रंग नहीं बदलता वही अगर दूध का रंग पीला पड़ जाये तो समझ लीजिये दूध में मिलावट की गयी है। असली दूध में यूरिया हो तो वह हलके पीले रंग का हो जाता है पर सिंथेटिक दूध गाढ़े पीले रंग का दिखता है।
सिंथेटिक दूध की पहचान:
यदि दूध को हाथ में लगा के हाथ को रगड़ने पर चिकनाहट का एहसास हो तो दूध सिंथेटिक है, असली दूध को हाथ में रगड़ने से उसमे चिकनाट नहीं महसूस होती।
दूध में यूरिया और स्टार्च:
दूध में मिलाया जाने वाला यूरिया बहुत ही आसानी से एग्रीकल्चर स्टोर पर मिल जाता है। टेस्टिंग में दूध में प्रोटीन की मात्रा अधिक आये इस कारण से दूध में यूरिआ मिलाया जाता है। इसकी जाँच के लिए एक चम्मच दूध एक परखनली में डालें और उसमे आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर डालें। हिला के अच्छे से मिलाये। कुछ देर के बाद लाल लिटमस पेपर को उससे भिगोये और 30 सेकंड के बाद लिटमस पेपर को देखें। अगर लिटमस पेपर लाल से नीला हो जाये तो उसमें यूरिया मिला हुआ है।
स्टार्च भी आसानी से किराना स्टोर पर मिलने वाला सामान है।इसकी मिलावट का पता लगाने के लिए एक चम्मच दूध एक परखनली में डालें और उसमें २-५ बूंद आयोडीन का घोल मिलायें अगर आपको नीला रंग दिखाई दे तो उसमें स्टार्च मिला हुआ हैं।