पिस्ता के फायदे और नुकसान

छोटे-छोटे हलके हरे रंग के मेवे जिसे हम पिस्ता के नाम से जानते है, प्रकृति का मनुष्य को एक और वरदान है। पिस्ता प्रोटीन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है। शोध बताते हैं कि लोग हजारों सालों से पिस्ता खा रहे हैं और पिस्ते के नियमित सेवन से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ होते हैं। सलाद से लेकर आइसक्रीम तक में पिस्ते को शामिल कर के कई तरह के व्यंजनों का लोग आज सेवन करते हैं। परंतु हमारे शरीर पर किसी भी खाद्य प्रदार्थ के कुछ अच्छे एवं कुछ बुरे असर होते हैं। आइए पिस्ते के फायदे और नुक्सान पर बारीकी से नज़र डालते हैं।

पिस्ते खाने के फायदे

पिस्ते में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो की हमारे शरीर के लिए बेहद्द लाभकारी है। पिस्ता में बीटा-कैरोटीन और यौगिक ओलीनोलिक एसिड भी उच्च होता है, और ये दोनों ही गुणकारी प्रज्वलनरोधी यौगिक हैं। पिस्ता में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है और प्रोटीन हमारे विकास के लिए बहुत ही आवश्यक पोषक तत्व है। यदि सही मात्रा में पिस्ता का नियमित सेवन किया जाए तो हमें इससे काफी फायदा होता है। एक दिन में लगभग 30 ग्राम पिस्ते का सेवन करने का सुझाव दिया जाता है। आइए, अब पिस्ते से होने वाले कुछ फायदे देखते हैं:

  1. पोषक तत्वों से भरपूर और कैलोरी में कम
  2. हृदय के लिए लाभकारी
  3. वजन घटाने के लिए सहायक
  4. आंत के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
  5. एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ
  6. नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
  7. प्रतिरक्षा प्रणाली यानी हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है
  • पिस्ता पोषक तत्वों से भरपूर और कैलोरी में कम:

पिस्ता में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। दिन में केवल 30 ग्राम पिस्ते के सेवन से हमारे शरीर को अनुशंसित दैनिक का 37 प्रतिशत विटामिन बी -6 मिलता है। विटामिन बी -6 शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से प्रोटीन चयापचय यानि मेटाबोलिज्म और संज्ञानात्मक विकास के संबंध में। साथ ही पिस्ते में कम कैलोरी पाई जाती है जिससे की आप अपनी दैनिक कैलोरी की सीमा के अंदर रहते हुए इसका सेवन कर सकते हैं।

  • पिस्ता के फायदे हृदय के लिए

सही मात्रा में पिस्ता खाने से हमारे दिल की सेहत बनी रहती है। विशेषज्ञों के अनुसार पिस्ता में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। इसमें फाइटोस्टेरॉल भी होते हैं जो की शरीर में विभिन्न खाद्य पदार्थों से लिए गए कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करते हैं, जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। या अगर सरल भाषा में कहें तो पिस्ता हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है और उच्च रक्तचाप को कम करके हृदय की रक्षा कर सकता है। एक परीक्षण में पाया गया है की सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों रक्तचाप को कम करने में पिस्ता अन्य सभी मेवों से अधिक प्रभावशाली है। इसलिए, यदि आप अपने दिल को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप रोज़ाना मुट्ठी भर मेवे का सेवन करें जिनमें पिस्ता भी हो।

  • पिस्ता के फायदे वजन घटाने के लिए

पिस्ता में फाइबर बहुत होता है जो आपको अधिक समय तक भरा रखता है, और बार बार खाने से रोकता है। इनमें मौजूद फाइबर आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके अलावा, पिस्ता में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड वसा यानि फैट्स घुलनशील होते हैं और इसलिए वजन बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं। खाने से पहले पिस्ता खाने से वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है। पिस्ता को कम कैलोरी वाले स्नैक्स के रूप में भी माना जाता है, इसलिए इसके सेवन से आपको फ़ालतू कैलोरी प्राप्त नहीं होगी।

  • पिस्ता के फायदे आंत के स्वास्थ्य के लिए

हमारी आधी शारीरिक परेशानियां हमारी आंतों से जुड़ी हुई होती है। यदि हमारे आंतें स्वस्थ रहेंगे तो हम कई बीमारी से दूर रहेंगे। पिस्ता में उच्च मात्रा में आहार संबधी फाइबर पाए जाते हैं जो की हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करते हैं। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में आयोजित एक अध्ययन से पता चलता है कि पिस्ता आंत के बैक्टीरिया के लिए अच्छा है और आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करता है। पिस्ता स्वस्थ वसा, प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत है जो की इसे आपकी आंत के लिए एक बढ़िया भोजन बनाते हैं।

  • पिस्ता एंटीऑक्सिडेंट से भरा हुआ:

पिस्ता में कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को जारणकारी यानि ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं और आगे के नुकसान से बचाते हैं। विटामिन सी और विटामिन ई जैसे एंटीऑक्सिडेंट की उपस्थिति शरीर को मुक्त कणों से सुरक्षित करती है जो शरीर में क्षति का कारण बनती हैं और हमें नुक्सान पहुंचते हैं। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में सेल-हानिकारक यानि सेल बिगाड़ने वाली मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं जो समय से पहले बूढ़ा होने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

  • पिस्ता के फायदे नेत्र के लिए

पिस्ता में मौजूद विटामिन ई की उच्च मात्रा नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और आपकी दृष्टि में सुधार करने में भी मदद करती है। इसमें कैरोटिनॉयड भी होते हैं जो की आंखों को धब्बेदार अध: पतन और मोतियाबिंद से बचाता है। पिस्ता में ल्युटिन और ज़ेक्सैन्थिन भी होते हैं, ये दोनों आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे एंटीऑक्सीडेंट हैं। वे आंखों को सूरज की क्षति और अन्य रोशनी से बचाते हैं। इन नेत्र रोगों को विकसित होने से रोकने में मदद करने के लिए पिस्ता सहित एक स्वस्थ आहार का सेवन एक आशाजनक तरीका है।

  • पिस्ता प्रतिरक्षा प्रणाली यानी हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है:

पिस्ता का रोजाना सेवन आपके इम्युनिटी लेवल को ऊपर रखने में मदद कर सकता है। इसमें विटामिन बी 6 की उच्च मात्रा होती है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक से काम करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करके शरीर में रक्त के प्रवाह को भी बढ़ाता है और इस प्रकार, शरीर के अन्य अंगों और अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त की अधिक आपूर्ति की अनुमति देता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी शामिल हैं जो संक्रमण यानी इन्फेक्शन को दूर रखने में मदद कर सकते हैं; यह प्रतिरक्षा यानी इम्युनिटी को बढ़ाने के द्वारा किया जाता है। साथ ही, यह अमीनो एसिड के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पाया जाता है और एक स्वस्थ तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम को बनाए रखने में मदद करता है।

पिस्ता खाने के नुक्सान

हालांकि पिस्ता बहुत पौष्टिक और  हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में खाने से आपके वजन, रक्तचाप और जठरांत्र मार्ग पर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। प्राकृतिक रूप से पके हुए पिस्ता स्वस्थ होते हैं, लेकिन उत्पाद में मौजूद कृत्रिम योजक के कारण मीठा या नमकीन पिस्ता हानिकारक हो सकता है। उनकी उच्च सोडियम या चीनी सामग्री पिस्ता के प्राकृतिक स्वास्थ्य लाभों को पूर्ववत कर सकती है। चिकित्सक और पोषण विशेषज्ञ भी लोगों को आगाह करते हैं पिस्ता को फ्रुक्टेन के साथ सेवन करने से बचें। हालांकि फ्रुक्टेन खतरनाक नहीं हैं, लेकिन वे पाचन तंत्र को परेशान कर सकते हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बन सकते हैं जैसे कि सूजन, पेट फूलना, पेट में दर्द और दस्त या कब्ज जैसी परेशानियों पैदा हो सकती है। यहाँ हम पिस्ते के फायदे के साथ साथ उससे जुड़े कुछ प्रमुख नुक्सान एवं दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

  1. बहुत अधिक फाइबर हमारे पेट के लिए खराब है
  2. मैंगनीज ज्यादा होने का खतरा
  3. कीटनाशकों के होने का खतरा
  4. एफ़्लोटॉक्सिन एलर्जी का कारण हो सकता है
  5. किडनी स्टोन्स यानी पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है
  6. यह गुर्दे यानी किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए बुरा है
  7. कुछ व्यक्तियों में जठरांत्र यानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं
  8. वजन बढ़ने का कारण हो सकता है
  • बहुत अधिक फाइबर हमारे पेट के लिए खराब है

पिस्ता में मौजूद आहार फाइबर हमारे पेट के लिए अच्छे होते हैं और हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं लेकिन बहुत अधिक आहार फाइबर हमारे पेट के लिए खराब होते हैं और दस्त, पेट दर्द और ऐंठन, खराबी, आंतों में दर्द, उद्दीप्य आन्त्र सहलक्षण को जन्म दे सकते हैं।

  • मैंगनीज ज्यादा होने का खतरा:

पिस्ता मैंगनीज का एक अच्छा स्रोत है जो एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो की संयोजी ऊतकों के निर्माण, कैल्शियम के अवशोषण, रक्त शर्करा के स्तर के विनियमन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय, थायरॉयड ग्रंथियों के समुचित कार्य में प्रमुख भूमिका निभाता है। हालांकि, मैंगनीज का उच्च स्तर हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा है क्योंकि यह सिरदर्द, कंपकंपी, भूख न लगना, पैर में ऐंठन, मतिभ्रम और तंत्रिका संबंधी विकार (स्रोत) को जन्म दे सकता है।

मैंगनीज के अधिक सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम के कारण, हमारे लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हम मध्यम मात्रा में पिस्ता खाएं। इसके अलावा, जो व्यक्ति पार्किंसनिज़्म, हाइपरमैन्जेसिमिया, पॉलीसिथेमिया और पुरानी यकृत की बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें मैंगनीज युक्त भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।

  • कीटनाशकों के होने का खतरा:

कीटों के हमले से पिस्ता की रक्षा करने के लिए, उन्हें अक्सर कीटनाशकों के संपर्क में लाया जाता है। ये कीटनाशक कीटों के हमले से पिस्ता की रक्षा करते हैं, लेकिन वे स्वयं हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। कीटनाशकों का अत्यधिक सेवन करने से उल्टी, दस्त, मतली और अन्य एलर्जी हो सकती है। इसे एक संभावित मानव कार्सिनोजेन के रूप में जाना जाता है जिसका अर्थ है कि यह कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

  • एफ़्लोटॉक्सिन एलर्जी का कारण हो सकता है:

पिस्ता कभी-कभी एफ़्लोटॉक्सिन द्वारा दूषित हो सकता है। एफ़्लोटॉक्सिन द्वारा दूषित पिस्ता का सेवन करने से जानवरों में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, और यह हेपेटाइटिस बी और यकृत कैंसर के जोखिम से भी जुड़ा हुआ पाया गया। एफ्लाटॉक्सिन के लिए जिम्मेदार कवक यानी बैक्टीरिया आसानी से नग्न आंखों के लिए दिखाई नहीं देते है, लेकिन यूवी प्रकाश द्वारा इसका पता लगाया जा सकता है। पिस्ता को भून कर एफ़लाटॉक्सिन के जोखिम को कम किया जा सकता है क्योंकि भुने हुआ पिस्ता में एफ़लाटॉक्सिन की मात्रा को काफी कम होती है।

  • किडनी स्टोन्स यानी पथरी के खतरे को बढ़ा सकता है:

पिस्ता का सही मात्रा में सेवन भी न केवल उन लोगों के लिए नुकसानदायक है जो किडनी की बीमारियों से पीड़ित हैं बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी हैं जो किडनी की पथरी के खतरे से खुद को बचाना चाहते हैं।ऐसा इसलिए है क्योंकि पिस्ता में एक मध्यम मात्रा में ऑक्सालेट्स (लगभग 10 से 25 मिलीग्राम प्रति औंस) और मेथियोनीन (जो सिस्टीन में परिवर्तित हो जाता है, एक एमिनो एसिड होता है) और इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से कैल्शियम ऑक्सालेट और सिस्टीन गुर्दे की पथरी के विकास का खतरा बढ़ सकता है।

  • यह गुर्दे यानी किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए बुरा है:

पिस्ता पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है जो एक प्रमुख पोषक तत्व है जो रक्तचाप को विनियमित करके हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि बहुत अधिक पोटेशियम हमारे गुर्दे के लिए बुरा है और जो लोग गुर्दे की बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें अपने आहार में बहुत अधिक पोटेशियम का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि उनके गुर्दे उनके शरीर से अतिरिक्त पोटेशियम को खत्म करने में इतने प्रभावी नहीं हैं। बहुत अधिक पोटेशियम न केवल किडनी के लिए खराब है, बल्कि यह मतली, कमजोरी, धीमी गति से पल्स, अनियमित दिल की धड़कन, दिल की विफलता, निर्जलीकरण, टाइप -1 मधुमेह, एडिसन रोग और आंतरिक रक्तस्राव (स्रोत, स्रोत) को भी जन्म दे सकता है।

  • कुछ व्यक्तियों में जठरांत्र यानी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं:

पिस्ता में मौजूद डाइटरी फाइबर उन्हें हमारे पेट के लिए बहुत फायदेमंद बनाते हैं। हालाँकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिस्ता में एक यौगिक नाम “फ्रुक्टन” भी होता है, जो सामान्य रूप से खतरनाक नहीं है, लेकिन यह उन लोगों के लिए परेशान हो सकता है जिन्हें इससे एलर्जी है। जिन लोगों को फ्रक्टेन से एलर्जी होती है, उन्हें पिस्ता से बचना चाहिए क्योंकि यह पाचन संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि सूजन, दस्त, कब्ज, पेट फूलना और पेट दर्द।

  • वजन बढ़ने का कारण हो सकता है:

पिस्ता का नियमित और मध्यम सेवन मोटापे को नियंत्रित करता है। हालांकि, यह याद रखना चाहिए कि 100 ग्राम पिस्ता लगभग 562 कैलोरी प्रदान कर सकता है, जो हमारे शरीर की दैनिक कैलोरी आवश्यकता का एक चौथाई से भी अधिक (2000 कैलोरी आधार आहार पर) है। पिस्ते के स्वादिष्ट स्वाद के कारण ऐसा हो सकता है की हम ज्यादा खा लें लेकिन ये हमारे लिए नुकानदायक होगा।

पिस्ता के फायदे और नुकसान