तिल के बीज जो सामान्य सफेद और काले रंग के होते हैं, भारत मे कई वर्षों से प्रयोग किए जा रहें हैं और मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाना तो हमारी संस्कृति का एक अनूठा हिस्सा है । इस सभी के अतिरिक्त तिल हमारे स्वास्थ के लिए भी काफी लाभदायक होते हैं, तिल में एक खास प्रकार का एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कैंसर की कोशिकाओं को भी बढ़ने से रोकता है । आज इस लेख में हम यही जानने की कोशिश करेंगे कि तिल का प्रयोग करने से हमे क्या-क्या फायदे होते हैं और इसी के साथ साथ क्या-क्या नुकसान होते हैं,
तिल के फायदे:
तिल त्वचा के लिए लाभदायक होता है:
तिल का तेल हमारी त्वचा के लिए काफी ज्यादा लाभदायक होता है, इसके अंदर मौजूद भिन्न-भिन्न पोषक तत्व हमारी त्वचा का ख्याल रखते हैं और और उसे नमी प्रदान करते हैं ।
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तिल कैंसर से बचाव करता है:
जैसा कि हमने ऊपर देखा कि तिल में ऐसे विशेष एंटी ऑक्सीडेंट जिन्हें हम सेसमीन के नाम से जानते हैं, होते हैं और जिसके कारण उनमें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को रोकने की भी क्षमता होती है । इसी खूबी के कारण तिल को कैंसर रोकने का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है।
तिल रक्तचाप कम करने में कारगर होता है:
भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से हमे यह पता चला है तिल के तेल का उपयोग हमारे शरीर के रक्तचाप को कम करता है और इसी कारण से तिल के तेल को “ तेलों की रानी” भी कहा जाता है ।
- तिल मानसिक तनाव में कमी करता है:
आज के आधुनिक युग मे तनाव सबसे बड़ी समस्या हो चुकी है और बड़े बड़े लोग आज इस समस्या से प्रभावित हैं, परन्तु यदि आप इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको अपने भोजन में तिल के तेल को शामिल करना चाहिए, क्योंकि इसमें टायरोसिन नामक एसिड होता है जो सीधे हमारे मस्तिष्क को प्रभावित करता है और हमे संतुलित बनाए रखने में सहायता करता है।
- तिल शुगर में फायदेमंद होता है:
कुछ शोधों के अनुसार तिल और उसके तेल का 45 दिन या उससे अधिक दिनों तक करने से हमे मधुमेह जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है । इससे हमारे शरीर मे शर्करा की मात्रा कम हो जाती है और धीरे धीरे मधुमेह भी खत्म हो जाता है।
तिल के नुकसान:
कोलोन कैंसर:
वैसे तो तिल में सेसमीन मौजूद होता है जो हमे कैंसर से बचाता है, लेकिन इसका आवश्यकता से अधिक उपयोग करने से यह हमारे कोलोन को प्रभावित कर सकता है और उसमें सूजन भी आ सकती है जो कोलोन कैंसर का कारण बन सकता है।
अपेंडिक्स का दर्द:
कभी कभी तिल के बीज अपेंडिक्स में फंस जाते हैं और जिसके कारण उसमे दर्द दर्द शुरू हो जाता है और अपेंडिक्स में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
वजन बढ़ाता है:
यदी आप वजन बढ़ाने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको तिल का प्रयोग नही करना चाहिए, क्योंकि तिल में कैलोरी और वसा बहुत ज्यादा मात्रा में होता है जो आपका वजन काफी ज्यादा बढ़ा देगा।