मौसमी के फ़ायदे और नुक़सान

फलों की लिस्ट में मौसमी का एक महत्वपूर्ण स्थान है।  ये फल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है जिसका स्वाद लोगों को काफ़ी पसंद आता है।  कई लोग तो इसका जूस भी बनाकर पीते हैं।  मौसमी में पाए जाने वाले विटामिन्स और अन्य मिनरल्स हमें तरोताज़ा रखने में मदद करते हैं। मौसमी हरे या पीले रंग का फल होता है। मुख्य रूप से यह फल दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। भारत में इस फल को खाने वालों की संख्या काफ़ी ज़्यादा है। मौसमी के फ़ायदे और नुक़सानों के बारे में हम इस लेख में चर्चा करेंगे लेकिन उससे पहले मौसमी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों पर एक नज़र डालते हैं।

Table of Contents | विषयसूची

मौसमी में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं

  • पानी 88.26 g
  • शुगर 1.69 g
  • कार्बोहाइड्रेट 10.54 g
  • ऊर्जा 30 calory
  • फ़ैट 0.2 mg
  • प्रोटीन 0.7 mg
  • फ़ाइबर 2.8 mg
  • कॉलिन 5.1 mg
  • जिंक 0.11 mg
  • पोटैशियम 2 mg
  • कॉपर 0.0065 mg
  • मैग्नीशियम 6 mg
  • विटामिन सी 29.1 mg
  • विटामिन ई 0.22 मिलीग्राम
  • फॉस्फोरस 18 मिलीग्राम
  • आयरन 0.6 मिलीग्राम
  • सोडियम 2 मिलीग्राम
  • कैल्शियम 33 मिलीग्राम

मौसमी के फ़ायदे Mausami ke Fayade / Benefits in Hindi

1. कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने में मौसमी के फ़ायदे – Mausami benefits Cholestrol kam karne me

कोलेस्ट्रॉल हृदय संबंधी समस्याओं को जन्म देता है। मौसमी ना सिर्फ़ एक एंटी ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है बल्कि मौसमी के जूस में एंटी हाईपरलिपिडेमिक गुण पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप दोनों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल या रक्तचाप से संबंधित समस्याएं हैं उन्हें मौसमी का जूस पीने की सलाह दी जाती है।

2. मौसमी के फ़ायदे गर्भावस्था के दौरान – Pregnancy me Mausami ke fayade

गर्भवती महिलाओं को अपना ख़ास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि इससे उनके बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में आयरन की प्रचुर मात्रा होना आवश्यक है।आयरन की मात्रा में होने वाली कमी बच्चे के लिए काफ़ी नुक़सानदेह हो सकती है। यह जन्मदोष जैसी समस्या का भी कारण बन सकता है।मौसमी में आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है इसलिए मौसमी का सेवन करना फ़ायदेमंद हो सकता है।

इसके अलावा मौसमी विटामिन सी से भरपूर होता है जो महिला और उसके बच्चे दोनों की प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने में सहायक होता है। मौसमी में पाया जाने वाला विटामिन सी शरीर में आयरन अवशोषित करने में मदद देता है। कुल मिलाकर गर्भवती महिला मौसमी का सेवन कर सकती है किन्तु गर्भावस्था बहुत ही कोमल और जटिल अवस्था होती है इसलिए किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।

3. आँखों के लिए मौसमी के फ़ायदे – Mausami ke fayade for eyes in hindi

मौसमी के जूस का सेवन करने से आँखों से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा मौसमी की तीन चार बूंदें सादे पानी में मिलाकर उससे आँखों को धोने पर भी काफ़ी लाभ मिलता है। दरअसल मौसमी एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है और यही कारण है कि यह मैकुलर डिजनरेशन जो कि आँखों में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है उस से निजात देता है। इसके अलावा जिन लोगों को कंजंक्टिवाइटिस की समस्या हो रही हो उन्हें भी इस मिश्रण से आख़ धोना होना चाहिए।

4. स्वस्थ पाचन के लिए मौसमी के फ़ायदे – Mausami benifits in hindi for Digestion

जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हैं उन्हें मौसमी का सेवन करना चाहिए। मौसमी में फ़्लेवेनोएड गुण पाए जाते हैं जो गैस या एसिडिटी जैसी समस्या का समाधान करते हैं। इसके अलावा मौसमी शरीर में बनने वाले टॉक्सिक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में भी मदद करता है। इसके साथ ही यह मांसपेशियों को मज़बूत करता है। उल्टी, दस्त या जी मिचलाने की स्थिति में मौसमी का सेवन करना आराम देता है।

5. वज़न घटाने में मौसमी के फ़ायदे – Mausami ke fayade for weight loss

जो लोग घर पर रह कर ही मोटापे की समस्या का समाधान चाहते हैं वे अपने आहार में मौसमी को शामिल कर सकते हैं। रोज़ सुबह ख़ाली पेट एक मौसमी का सेवन करने से शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम किया जा सकता है। मौसमी में विटामिन सी पाया जाता है जो शरीर में मौजूद वसा में ऑक्सीकरण का स्तर बढ़ा देता है। इससे वसा तेज़ी से जलने या बर्न होने लगती है जिससे कि वज़न कंट्रोल में आ जाता है।

6. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए मौसमी के फ़ायदे – Mausami ke fayade immunity badhane me

मौसमी में मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है और इसके एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण संक्रमण से शरीर की रक्षा करते हैं। जो लोग मौसमी का नियमित रूप से सेवन करते हैं उनके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता मज़बूत होती है। ये हृदय संबंधी रोगों से भी शरीर की रक्षा करता है।

7. अस्थमा की समस्या से राहत – Mausami ke fayade asthama se rahat dilane me

जो लोग अस्थमा की समस्या से ग्रस्त हैं उन्हें मौसमी के जूस का सेवन करना चाहिए। एक गिलास मौसमी के जूस में एक चुटकी ज़ीरा और एक चुटकी अदरक का चूरन मिलाएँ और उसके बाद इसका सेवन करें। मौसमी में एंटी इन्फ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं जो अस्थमा की समस्या का समाधान करते हैं। इसके साथ साथ अदरक का चूरन और ज़ीरा जूस में मिलाकर पीने से प्रतिरक्षा तंत्र मज़बूत होता है।

8. यूरीनेशन या मूत्र संबंधी समस्याओं में आराम

मोटर संबंधी समस्याओं का एक बड़ा कारण किडनी में होने वाला संक्रमण होता है। मौसमी में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो किडनी और मूत्राशय को डिटॉक्सीफाई करता है। अर्थात यह किडनी और मूत्राशय में मौजूद हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है जिससे कि संक्रमण का ख़तरा कम होता है। मौसमी के जूस को उबाल लें और फिर ठंडा करके इसे पिएँ। यह सिस्टिटिस की समस्या में तुरंत आराम दिलाता है। जिन लोगों को पेशाब में जलन की समस्या है वे भी मौसमी के जूस का सेवन कर सकते हैं।

9. मौसमी के फ़ायदे – गाउट या गठिया की समस्या में राहत

यूरिक सीरम एसिड प्रोटीन से मिलने वाला एक हानिकारक एमिनो एसिड होता है जो मूत्र के माध्यम से शरीर से निकल जाता है। यदि मूत्राशय डिटॉक्सीफाई नहीं हो पाता है और शरीर में इस सीरम का स्तर बढ़ जाता है तो ऐसे में हमें मूत्राशय में जलन की समस्या होने लगती है। मौसमी के जूस में मौजूद विटामिन सी एक डिटॉक्सीफायर का कार्य करता है। यही कारण है कि यह शरीर से टॉक्सिन पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।

10. कैंसर से बचाव में मौसमी के फ़ायदे

शायद आपको ये बात मालूम न हो और इससे आपको काफ़ी हैरानी हो लेकिन ये बात सच है कि मौसमी कैंसर से बचाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मौसमी में डीलिमोनन गुण पाए जाते हैं जिन्हें एंटी कैंसर गुण भी कहते हैं। यही कारण है कि मौसमी ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में मदद करता है। शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि उच्च बैटरी वाले फल जैसे कि मौसमी आदि का सेवन करने से कैंसर की समस्या से 20% तक निजात मिल सकती है।

11. डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण की समस्या से निजात

शरीर में पानी की कमी होना एक सोचनीय समस्या है। ज़्यादातर गर्मी के मौसम में हमारे शरीर में डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में हम मौसमी का जूस पीकर पानी के स्तर को मेंटेन कर सकते हैं। मौसमी के जूस में मौजूद विटामिन और मिनरल्स शरीर को राहत पहुँचाते हैं और इसके साथ शरीर में पानी के स्तर को बैलेंस करते हैं।

12. त्वचा के लिए मौसमी के फ़ायदे – Mausami ke fayade skin ke liye

साफ़ चमकती त्वचा पाने के लिए हम क्या क्या नहीं करते हैं। इसके लिए हम नित्य नयी क्रीम्स और केमिकल उत्पादों का उपयोग करते हैं लेकिन हमें ये सब करने की ज़रूरत नहीं है। मौसमी का सेवन और उपयोग करने से हम साफ़ व चमकती त्वचा पा सकते हैं। मौसमी में मौजूद विटामिन सी शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकलता है जिससे कि त्वचा पर दाग़ धब्बों की समस्या का निवारण हो जाता है। मौसमी के छिलकों को पीस कर उसे है चेहरे पर लगाने से मुंहासों की समस्या से राहत मिलती है। मौसमी में मौजूद डिटॉक्सीफाई और एंटी ऑक्सीडेंट गुण त्वचा से हानिकारक पदार्थों को अलग करते हैं। इसके साथ साथ ये घाव या कीड़े मकौड़े काटने के कारण होने वाले दर्द से भी आराम दिलाते हैं। अगर आपके शरीर में विटामिन सी की कमी हो रही है तो इसके कारण होठों के आस पास जलन और संक्रमण देखा गया है। ऐसे में आप रोज़ाना 3-4 बार मौसमी के जूस को पिएं! इसके साथ ही इस जूस को होठों के आस पास के एरिया पर लगाएं।

13. बालों के लिए मौसमी के फ़ायदे – Mausami benefits for hair

रूखे, दोमुँहे, बेजान बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए मौसमी का उपयोग करना चाहिए। जिन लोगों को डैंड्रफ की समस्या है उन्हें मौसमी का सेवन करना चाहिए और जूस पीना चाहिए। अगर आप भी चमकदार बाल पाना चाहते हैं तो ऐसे में मौसमी के जूस को अपने बालों पर लगा सकते हैं। मौसमी का जूस विटामिन सी से भरपूर होता है जो बालों की जड़ों को मज़बूत करता है जिससे कि बालों का झड़ना कम हो जाता है। मौसमी में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेंट गुण जड़ों की किसी भी संक्रमण से रक्षा करते हैं।

14. क़ब्ज़ की समस्या से राहत – Mausami ke fayade for constipation

क़ब्ज़ की समस्या का एक बड़ा कारण आंतों में होने वाला सूखापन है। जब भी हमारी आँतें ड्राई हो जाती हैं तो ऐसे में भोजन का सही प्रकार से पाचन नहीं हो पाता है। क़ब्ज़ की समस्या होने पर मौसमी को काटकर उसमें चुटकीभर काला नमक डालकर उसका सेवन करें। मौसमी आंतों के ड्राई होने की समस्या को दूर करता है क्योंकि यह शरीर और शरीर के अंगों से डिहाइड्रेशन की समस्या को ख़त्म करता है। मौसमी में पाया जाने वाला फ़ाइबर भोजन को सही प्रकार से पचाने और गीला करने में मदद करता है। इससे क़ब्ज़ की समस्या का समाधान हो जाता है।

15. जॉंडिस की समस्या से निजात – Mausami ke fayade in Jaundish

लीवर के लिए मौसमी काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। जांडिस लीवर से संबंधित एक समस्या है जो लीवर के ख़राब हो जाने पर उत्पन्न होती है। इससे पाचन शक्ति पर भी असर पड़ता है।मौसमी का सेवन करके हम लीवर कि इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। मौसमी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं जो जॉंडिस के चांसेस को कम करते हैं।

16. साँस संबंधी समस्याओं में राहत – Mausami ke fayade in breath deseases

मौसमी में विटामिन सी पाया जाता है। इसके साथ साथ मौसमी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि अपने इन्हीं गुणों के कारण मौसमी साँस संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से बचाव करने में सहायक होता है।

17. रूमेटाइट अर्थराइटिस के लिए मौसमी

मौसमी में एंट्री इन्फ्लेमेटरी गुण और विटामिन सी मौजूद होता है जो रूमेटाइट अर्थराइटिस और ऑस्टियो अर्थराइटिस जैसी समस्या का समाधान करता है। प्रतिदिन एक मौसमी का सेवन करने से इन समस्याओं से तो निजात मिलती ही है इसके अलावा इनसे होने वाला दर्द ख़त्म हो जाता है।

मौसमी के नुक़सान – Mausami ke nuksan in Hindi

  • जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है उन्हें मौसमी का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा यदि आप मौसमी का ज़्यादा सेवन कर लेते हैं तो गले में जलन और एसिडिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • मौसमी का जूस चेहरे या त्वचा पर लगाकर धूप में जाने से बचें। अगर आप मौसमी के जूस को त्वचा पर लगाकर सूरज की रोशनी में जाएंगे तो इससे त्वचा जल सकती है और उस पर घाव हो सकते हैं।
  • साइप्रस एसिड से एलर्जी होने की स्थिति में मौसमी का सेवन बिलकुल भी न करें। यदि आप ऐसी स्थिति में मौसमी का सेवन कर लेते हैं तो इससे आपके मुँह में सूजन, शरीर पर रैशेज और साँस लेने में तक़लीफ़ की समस्या हो सकती है।
  • यदि आपके दाँत संवेदनशील हैं तो मौसमी का सेवन नुक़सानदेह हो सकता है। इससे ना सिर्फ़ दाँत कमज़ोर हो सकते हैं बल्कि मसूड़ों में घाव होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं।

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