Breast Cancer Kya Hai? जाने इसके कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय

Breast Cancer Kya Hai: महिलाओं के अंदर स्तन कैंसर सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों में से एक है पूरी दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर से हर साल 20 लाख से भी ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती है स्तन कैंसर की वजह से हर साल हजारों महिलाएं मर जाती हैं महिलाओं में यह सबसे बड़ा कैंसर है जो कभी भी किसी को हो सकता है महिलाओं में सामान्य तौर पर यह कैंसर ब्रेस्ट में उपस्थित दुग्ध ग्रंथियां में होता है जिनकी वजह से दूध निप्पल तक पहुंचता है ब्रेस्ट कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या है ऐसे में सभी महिलाओं को इसके बारे में सही जानकारी होना जरूरी है

Table of Contents | विषयसूची

आज इस आर्टिकल में हम आपके ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित सही और सटीक जानकारी देने वाले हैं इस आर्टिकल में आपको पता चलेगा कि ब्रेस्ट कैंसर क्या है यह कितने प्रकार का होता है ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और उपचार क्या है? ब्रेस्ट कैंसर से आप किस प्रकार से खुद को बचा सकती हैं ऐसी सभी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलेगी पूरी जानकारी के लिए अंत तक हमारे साथ बने रहे

ब्रेस्ट कैंसर क्या है? | Breast Cancer Kya Hai?

ब्रेस्ट कैंसर सामान्य तौर पर महिलाओं के स्तन में होता है लेकिन आजकल यह है कभी-कभी पुरुषों में भी देखा जाता है इस कैंसर के अंदर महिलाओं की ब्रेस्ट के अंदर एक से अधिक गांठ का निर्माण होने लग जाता है जिससे महिलाएं बाहर से भी स्तन को दबाकर महसूस कर सकती हैं सामान्य तौर पर यह ब्रेस्ट कैंसर की गांठ आपके स्तन के ऊपरी और निचले हिस्से में बनती है जिसकी वजह से महिलाओं को बहुत ही ज्यादा डिसकम्फर्ट और दर्द का अनुभव होता है समय रहते अगर इस कैंसर का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है तो कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन आगे चलकर हो सकते हैं

Breast Cancer Kya Hai? जाने इसके कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के उपाय

ब्रेस्ट कैंसर कितने प्रकार का होता है? | Breast Cancer Ke Prakar

ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार के होते हैं लेकिन इनमें से कुछ बहुत ही आम होते हैं और सबसे ज्यादा इन्हीं की वजह से महिलाओं को परेशानी होती है यहां पर हम आपको कैंसर के कुछ प्रमुख चार प्रकार बता रहे हैं इसके अलावा भी कैंसर के कई अन्य प्रकार होते हैं

Ductal Carcinoma In Situ (DCIS) 

ब्रेस्ट कैंसर की यह सबसे शुरुआती स्टेज मानी जाती है जो सामान्य तौर पर दुग्ध ग्रंथियां में असामान्य वृद्धि की वजह से होती है यह आक्रामक नहीं होती है और एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं फैलती है अगर समय पर इसका डायग्नोसिस करके इसका ट्रीटमेंट कर दिया जाता है तो इसका उपचार संभव है ब्रेस्ट में बनने वाली दूध को जो ग्रंथियां निप्पल तक लेकर जाती है यह उनके अंदर होता है

Lobular Carcinoma In Situ (LCIS)

पहले इस स्थिति को ब्रेस्ट कैंसर में नहीं रखा जाता था लेकिन इसकी वजह से आपको ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है ब्रैस्ट में लोब्यूल कोशिकाएं होती है जो असामान्य रूप से वृद्धि करने लगते हैं लोब्यूल ग्रंथि ही दूध बनाने का काम करती है

Invasive Ductal Carcinoma (IDC)

यह ब्रेस्ट कैंसर का सबसे बड़ा टाइप है जिसमें दूध नलिकाओं में असामान्य वृद्धि होने लगती है और यह ब्रेस्ट के टिश्यू पर आक्रमण करने लगता है एक बार जब यह कैंसर दुग्ध नलिकाओं के बाहर फैल जाता है तो इसकी वजह से आसपास के अंगों और टिश्यू तक भी फैल जाता है समय रहते अगर इसका ट्रीटमेंट और इसे कंट्रोल नहीं किया जाता है तो यह जानलेवा साबित हो सकता है

Invasive Lobular Carcinoma (ILC)

ब्रेस्ट कैंसर का यह है खतरनाक रूप होता है अगर आपको डायग्नोसिस में यह कैंसर मिला है तो इसका मतलब है कि कैंसर आपकी दुग्ध वाहिकाओं से बाहर निकाल कर आसपास के अंगों तक भी फैल चुका है

ब्रेस्ट कैंसर के अन्य प्रकार

  • Angiosarcoma के अंदर रक्त वाहिकाओ और लिंफ वाहिकाओं के अंदर यह कैंसर होता है
  • Phyllodes Tumor एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार का ब्रेस्ट कैंसर है जो स्तन में पाए जाने वाले कनेक्टिव टिश्यू में होता है
  • Paget Disease Of The Nipple ब्रेस्ट कैंसर सामान्य तौर पर ब्रेस्ट में उपस्थित डक्ट में होता है और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है यह निप्पल के आसपास की एरिया को प्रभावित करता है
  • Inflammatory Breast Cancer के अंदर लिम्फ नोड अवरुद्ध हो जाते हैं जिसकी वजह से स्तन में सूजन आ जाती है और स्तन बहुत लाल और गरम लगने लगते हैं जिस ब्रेस्ट में कैंसर हो जाता है वह बहुत मोटा और छिला हुआ लगने लगता है जैसे कोई संतरे का छिलका हो, हालांकि इस प्रकार के केस सिर्फ एक प्रतिशत ही देखने को मिलते हैं
  • Male Breast Cancer भी पुरुषों में हो सकता है और इसके लक्षण महिलाओं के समान ही होते हैं

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ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज | Breast Cancer Ki Stages

कैंसर किसी भी प्रकार का होता है तो उसके कुछ चरण होते हैं ऐसा नहीं होता है कि कैंसर आपको एक ही दिन में अचानक बहुत तेजी से फैल जाए कैंसर स्टेज बाय स्टेज धीरे-धीरे आगे बढ़ता है ब्रेस्ट कैंसर में भी आपको बहुत सारे चरण देखने को मिलते हैं शुरुआत में आपको शायद कैंसर का एहसास नहीं हो लेकिन आप कुछ लक्षणों को ध्यान में रखेंगे तो आपको इन स्टेज के बारे में पता लग सकता है आईए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर के कुछ प्रमुख स्टेज…

Stage 0

इस प्रकार के कैंसर में कैंसर सेल ब्रेस्ट के डक्ट के बाहर नहीं फैलती है यहां तक की एक ही जगह पर रहती है और ब्रेस्ट के दूसरे हिस्सों में भी नहीं जाती है इस स्टेज में आप ब्रेस्ट कैंसर को डायग्नोसिस करवा लेते हैं तो इसका तुरंत इलाज किया जा सकता है

Stage 1

पहले स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर की बनने वाली गांठ 2 सेंटीमीटर से ज्यादा चौड़ी नहीं होती है और इस समय तक इसे लिंफ नोड भी ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं लेकिन यहां से कैंसर सेल की साइज बढ़ना शुरू होती है जो धीरे-धीरे स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करने लगती है हालांकि इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर कोशिकाओं की साइज 2mm से कम ही होती है इस स्टेज तक ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा फैल जाता है ऐसे में इसका इलाज करने में भी डॉक्टर को कई प्रकार की समस्या हो सकती है, हालांकि इलाज संभव है

Stage 2

दूसरे स्टेज तक आते-आते ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाएं अपनी साइज बढ़ने लगती है और ब्रेस्ट के दूसरे हिस्सों में भी फैलना शुरू कर देती है कई बार ब्रेस्ट के अलावा भी यह है शरीर के दूसरे अंगों तक फैलने लगता है तीसरे स्टेज तक का कैंसर अगर आपको हो गया है तो यह बहुत ही सीरियस कंडीशन है और आपको कोई प्रकार की कीमोथेरेपी और ट्रीटमेंट के माध्यम से कुछ समय का जीवन प्रदान किया जा सकता है कई बार आपको बचाने के लिए ब्रेस्ट रिमूव भी कर दिए जाते हैं

Stage 3

अगर आपका ब्रेस्ट कैंसर तीसरी स्टेज तक पहुंच गया है तो यह सीरियस हो जाता है इस स्थिति में यह ब्रेस्ट कैंसर आपके शरीर की हड्डियों और शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करना शुरू कर देता है आपके ब्रेस्ट और हाथ के साथ कॉलर बोन के आसपास के क्षेत्र को भी यह प्रभावित कर देता है इस स्थिति में आपका ब्रेस्ट कैंसर फैलता हुआ आपके लीवर, गुर्दे, दिमाग तक भी पहुंच जाता है ऐसी स्थिति में इलाज कर पाना संभव नहीं होता है

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ब्रेस्ट कैंसर के कारण और रिस्क फैक्टर | Breast Cancer Ke Karan or Risk Factor

ब्रेस्ट कैंसर का सही कारण अभी तक किसी को पता नहीं है लेकिन कुछ ऐसे फैक्टर होते हैं जिनकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर ट्रिगर हो सकती है आपको इनके बारे में पता होना चाहिए अगर आप इनमें से किसी भी रिस्क फैक्टर का सामना कर रहे हैं तो आपको पहले से ही सावधान रहना चाहिए

उम्र बढ़ना

जैसे-जैसे उम्र बढ़ने लगती है महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ने लगता है सामान्य तौर पर महिलाओं में 50 वर्ष की उम्र के आसपास ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा देखे जाते हैं कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले अभी तक नहीं देखे जाते हैं अगर आप 50 वर्ष के आसपास की महिला है तो आपको ब्रेस्ट कैंसर को लेकर अवेयर रहना चाहिए

पारिवारिक हिस्ट्री

अगर आपके परिवार में किसी भी महिला या पुरुष को ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास रहा है तो आगे आने वाली वीडियो में या आपको भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है यह एक जेनेटिक्स वाली बीमारी है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हो जाती है

हार्मोनल थेरेपी

अगर आप लंबे समय तक किसी भी हार्मोनल थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं या बहुत ज्यादा कांट्रेसेप्टिव का उपयोग करते हैं तो आपके अंदर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में आपको सोच समझकर ही कांट्रेसेप्टिव का उपयोग करना चाहिए

रेडिएशन एक्स्पोज़र

अगर आप किसी ऐसी जगह काम करती हैं या ऐसे एरिया में रहती है जहां पर रेडिएशन बहुत ज्यादा है तो ब्रेस्ट कैंसर आपको हो सकता है रेडिएशन के संपर्क में बहुत ज्यादा आने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और इसकी वजह से आपको कम उम्र में भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है

हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

अगर आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग बहुत लंबे समय से कर रहे हैं जिसमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के साथ कोई भी थेरेपी कर रहे हैं तो आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है

रिप्रोडक्टिव फैक्टर

30 साल की उम्र के बाद अगर आप प्रेग्नेंट होती है तो आपके अंदर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में आपको समय रहते ही रिप्रोडक्टिव एक्टिव हो जाना चाहिए 30 वर्ष के पहले ही जिन महिलाओं के बच्चे जन्म ले लेते हैं उनके अंदर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम रहता है

मेंस्ट्रुएशन और मेनोपॉज का समय

अगर आपको बहुत कम उम्र में पीरियड्स आना शुरू हो गए हैं या आपके मेनोपॉज 50 वर्ष के बाद में हुआ हैं तो इसकी वजह से आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत बढ़ जाता है

ब्रेस्ट डेंसिटी

जिन महिलाओं में ब्रेस्ट डेंसिटी टिश्यू ज्यादा रहते हैं उनके अंदर ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है इसको सीधे शब्दों में समझे तो ब्रेस्ट का साइज और कोशिकाएं जितनी ज्यादा बड़ी होती है उनके अंदर ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी उतना ही ज्यादा होता है

शराब का सेवन

जो महिलाएं नियमित रूप से बहुत ज्यादा शराब पीती हैं और स्मोकिंग भी करती हैं तो उनके अंदर ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है

मोटापा

ऐसी महिलाएं जिनके अंदर वजन बहुत ज्यादा है तो ऐसी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है

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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण | Breast Cancer Ke Lakshan

जब किसी महिला में ब्रेस्ट कैंसर हो जाता है तो उसके अंदर बहुत सारे लक्षण नजर आने लगते हैं महिलाएं अगर समय रहते इन लक्षणों की जांच कर लेती हैं और पता लगा लेती है तो ब्रेस्ट कैंसर को रोका जा सकता है और इसका ट्रीटमेंट भी किया जा सकता है शुरुआती स्टेज में ही इन लक्षणों को आपको ध्यान रखना है

  • ब्रेस्ट कैंसर होने पर आपको निप्पल के आसपास की त्वचा में लाल रंग सूजन और दर्द का एहसास हो सकता है
  • ब्रेस्ट कैंसर की वजह से आपके स्तन में एक गांठ का अनुभव होता है जिसकी वजह से आपको चुभन दर्द और ठंडक जैसा एहसास होता है
  • स्तन की त्वचा में आपको एक खिंचाव और तनाव के साथ सूजन महसूस होती है
  • निप्पल के आसपास अगर आपको कोई अपनी रक्त या म्यूकस निकलता हुआ नजर आता है तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण है
  • स्तन के आकार और रंग में किसी भी प्रकार का परिवर्तन होना
  • स्तन में हमेशा ही एक दर्द का बने रहना इसकी वजह से आपको बहुत डिसकम्फर्ट होता है
  • निप्पल से दूध के अलावा अन्य पदार्थ का स्त्राव होना
  • निपल्स का उभार बाहर की तरफ होने की जगह अन्दर की तरफ होना

ब्रेस्ट कैंसर की जांच | Breast Cancer Ki Jaanch

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण अगर आपको दिखाई देते हैं तो आपको अपने ब्रेस्ट का जांच जरुर करवा लेना चाहिए। कुल चार प्रकार से ब्रेस्ट कैंसर की जांच की जा सकती है। आईए जानते हैं इसके बारे में…

Breast Examination

ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत में अगर आपको कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो आप अपने ब्रेस्ट के एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। डॉक्टर आपके अंगों की सामान्य जांच करते हैं जिससे यह पता लगता है कि आपके ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं। इसमें सामान्य तौर पर डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करता है।

Mammograph

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए ब्रेस्ट की इमेजिंग स्कैन की जाती है जिसे हम मैमोग्राम के नाम से जानते हैं। बहुत सारी महिलाएं हर साल मैमोग्राफी करवाती है ताकि ब्रेस्ट कैंसर शुरुआती स्टेज में ही पता लग सके। अगर डॉक्टर को ब्रेस्ट एग्जामिनेशन से कुछ पता नहीं चलता है और उन्हें कुछ भी संदिग्ध लगता है तो मैमोग्राफी करवाया जाता है।

Ultrasound

अगर मैमोग्राफी करवाने के बाद भी आपको डाउट है कि ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है तो आप अल्ट्रासाउंड के लिए जा सकते हैं। अल्ट्रासाउंड के अंदर आपकी ब्रेस्ट की टिश्यू की एक तस्वीर बन जाती है जिसमें किसी भी प्रकार की गांठ का पता लग जाता है।

Biopsy

अंत में आपके ऊपर बताए गए तीनों ही तरीके से कोई परिणाम नहीं मिलता है तो फाइनल जांच बायोप्सी की होती है जिसमें आपकी ब्रेस्ट के टिश्यू का एक छोटा हिस्सा लेकर उसकी जांच की जाती है ताकि पता लगा सके की आपको ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं, इस प्रकार की जांच को बायोप्सी कहते हैं।

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ब्रेस्ट कैंसर का इलाज | Breast Cancer Ka ilaj

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सामान्य तौर पर दो प्रकार से किया जाता है। पहली है सर्जरी और दूसरा है दवाओं और थेरेपी के माध्यम से। आईए जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर का इलाज किस प्रकार से किया जाता है।

सर्जरी के माध्यम से सर्जरी के माध्यम से

जब ब्रेस्ट कैंसर स्तन के किसी एक हिस्से में होता है तो उस हिस्से को कट करके अलग निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया को लम्पेक्टॉमी कहा जाता है। अगर अगर ब्रेस्ट कैंसर बहुत ज्यादा फैल जाता है तो ऐसी स्थिति में पूरा स्तन सर्जरी के द्वारा हटा दिया जाता है जिसे मास्टेक्टॉमी कहते हैं।

एक्स-रे चिकित्सा 

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज एक्स-रे के लिए उपयोग में ली जाने वाली रेडियोएक्टिव किरणों से भी किया जाता है। इसके माध्यम से एक मशीन का प्रयोग करके शरीर के अंदर कैंसर सेल को नष्ट करने के लिए रेडियोएक्टिव किरणों का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया को ब्रेकी थेरेपी कहते हैं।

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी के माध्यम से कैंसर का इलाज किया जाता है। इसमें मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है और साथ में उसकी बहुत सारी दवाइयां चलती हैं। अगर कोई मरीज सर्जरी नहीं करवाना चाहता है तो कीमोथेरेपी के माध्यम से इलाज करवा सकता है। अगर कोई मरीज गांठ को नहीं निकालना चाहता है और चीर फाड़ से डरता है तो कीमोथेरेपी किया जाता है।

हार्मोन थेरेपी

अगर किसी हार्मोन की वजह से आपको ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तो डॉक्टर आपको उस हार्मोन को रोकने के लिए दूसरे हार्मोन की थेरेपी देता है। सामान्य तौर पर महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की थेरेपी दी जाती है। इन हार्मोन को रोकने के लिए बहुत सारी दवा डॉक्टर द्वारा दी जाती है।

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय | Breast Cancer Se Bachav Ke Upaay

  • ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के लिए आपको सिगरेट और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। उनके नियमित उपयोग से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • आपको एक हेल्थी लाइफस्टाइल जीनी चाहिए और सप्ताह में कम से कम 5 दिन नियमित तौर पर एक्सरसाइज और व्यायाम करना चाहिए जिससे ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
  • नियमित रूप से बैलेंस डाइट लेने से और स्वस्थ आहार खाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
  • मेनोपॉज के बाद में महिलाओं को हार्मोन थेरेपी लेनी चाहिए। इससे स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है लेकिन इसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए
  • अपने वजन को हमेशा मेंटेन रखना चाहिए। बहुत अधिक मोटापा होने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • जो महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान नहीं करवाती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जितना हो सके बच्चों को स्तनपान करवाना चाहिए।

सारांश | Conclusion

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार है। दुनिया भर में बहुत सारी महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का सामना करती हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने के बाद अगर शुरुआती स्टेज में इसका पता लगा लिया जाता है तो इसका इलाज संभव है। लेकिन एक बार यह अंतिम पड़ाव पर पहुंच जाती है तो फिर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव नहीं हो पाता है। हालांकि टेक्नोलॉजी धीरे-धीरे बहुत तेजी से विकसित हो रही है ऐसे में हेल्थ सेक्टर का भी विकास हो रहा है। आने वाले समय में हमें ब्रेस्ट कैंसर का बिल्कुल सही इलाज मिलना संभव हो सकता है।

हालांकि इस समय ब्रेस्ट कैंसर का सबसे अच्छा इलाज यही है कि आप इसका बचाव करें। जितना ज्यादा आप ब्रेस्ट कैंसर का बचाव करके चलेंगे आपको आने वाले दिनों में ब्रेस्ट कैंसर का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर आपने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा है तो आपको ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद करते हैं कि यहां पर जो भी जानकारी हमने दी है वह आपको पसंद आई होगी। इसी प्रकार की जानकारी के लिए नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

 

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