तरबूज ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरा परंतु अंदर से लाल और पानी से भरपूर होता है। तरबूज की फसल गर्मियों में होता है। तरबूज को गर्मियों में खाना लाभदायक माना जाता है क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है। तरबूज को अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे हिन्दी की उपभाषाओं में इसे मतीरा और हरियाणा में हद्वान के नाम से पुकारा जाता है। तरबूज एक ऐसी फसल है जिसका अधिक तापमान में ज्यादा उत्पादन होता है। तरबूज की पहली बार खेती चीन और मिस्र में 1000 साल पहले से शुरू हुई थी, लेकिन आज ये देश भर में उगाया जाता है, इसका उत्पादन देश भर में फेल गया है।सभी प्रकार के फलों और सब्जियों को उपभोग करने से कई जीवनशैली-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं को कम किया जा सकता है। कई अध्ययनों से ये पता चला है कि तरबूज मोटापे, मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम करता किया है।
तरबूज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और विटामिन सी, विटामिन ए पाया जाता है। आयरन, पोटैशियम,फॉस्फोरस आदि खनिज भी निहित है। इस स्वादिष्ट और पौष्टिक फल के फायदे और नुकसान भी होते हैं।
152 ग्राम तरबूज में शामिल पोषक तत्व:
- 43 ग्राम कैलोरी
- 0 ग्राम वसा
- 2 मिलीग्राम सोडियम
- 11 ग्राम कार्बोहाइड्रेट
- 1 ग्राम फाइबर
मिठास से भरे, ठंडक पहुंचाने वाले स्वादिष्ट फल तरबूज के फायदे:
1. पानी की कमी:
सुखा देने वाली गर्मियों में तरबूज का सेवन पानी की कमी को होने से रोकता है। तरबूज में पानी की मात्रा अधिक पाई जाती है।
2. वजन कम करने के लिए:
आजकल वजन बढ़ने की समस्या से हर एक इंसान परेशान है, लेकिन वज़न कम करने के लिए तरबूज का रोजाना सेवन करना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे शरीर में वसा का संग्रह नहीं होता और पेट जल्दी भर जाता है।
3. दृष्टि के लिए:
तरबूज में विटामिन ए और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो कि हमारी आंखों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। तरबूज के सेवन से रतोंधी और मोतियाबिंद जैसे रोगों से बचाव होता है और दृष्टि भी मज़बूत होती है।
4. त्वचा के लिए:
तरबूज त्वचा में नमी और ताजगी को बरकरार रखता है। तरबूज झुर्रियों से बचाने में भी कारगर है। तरबूज के टुकड़ों को त्वचा पर रगड़ने से सफाई होती है और त्वचा का निखार बढ़ता है और परिणाम स्वरूप त्वचा कोमल और ताजगी भरी दिखाई देती है।
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5. हृदय रोग के लिए:
तरबूज में बीटा केरोटीन पाया जाता है। जिसके कारण यह सेल रिपेयर कर हृदय रोग के खतरे को कम करता है। तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में होता है।
6. माँसपेशियों के लिए:
तरबूज में पोटैशियम अधिक मात्रा में होता है जो शरीर में नर्वस सिस्टम और अन्य मांसपेशियों के लिए जरूरी है। तरबूज का सेवन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और इससे जुड़ी समस्याओं को दूर करता है।
7. अस्थमा की रोकथाम हेतु:
तरबूज में विटामिन सी पाया जाता है जो अस्थमा का विकास होने से रोकता है। तरबूज का सेवन अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद सिद्ध हुआ है।
8. पाचन में असरदार:
तरबूज में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है तरबूज का उचित मात्रा में सेवन कब्ज को रोकने और स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है।
9. खून की कमी होने पर:
खून की कमी होने पर इसका जूस फायदेमंद होता है।
चोलिन तरबूज में पाया जाने वाला एक बहुत महत्वपूर्ण और बहुमुखी पोषक तत्व है। यह हमारे शरीर की मांसपेशियों की गति बढ़ाने में और स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायता करता है। चोलिन सेलुलर मेम्ब्रेन की संरचना को बनाए रखने में भी मदद करता है। नर्व में ब्लड के सुचारु संचरण में सहायता करता है। शरीर से वसा के अवशोषण में सहायता करता है। पुरानी सूजन को भी कम करता है।
तरबूज की फाँकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारें आना बंद होती हैं।
तरबूज के नुकसान:
- तरबूज का सेवन एक दिन में 200 ग्राम से अधिक नही होना चाहिए अन्यथा यह हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
- जो लोग गुर्दे की बीमारियों से परेशान हैं, उन्हें तरबूज का सेवन नही करना चाहिए।
- तरबूज में अधिक मात्रा में पोटैशियम होता है जो कि रक्तचाप को कम करता है,तरबूज का अधिक सेवन हृदय संबंधी समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है।
- तरबूज आई लाइकोपीन की मात्रा अधिक होती है,इसका अधिक सेवन दस्त, उलटीं, उपज और गैस समस्याओं को उत्पन्न कर देता है।
- तरबूज कर खाने के बाद लगभग एक घंटे तक पानी नही पीना चाहिए।
- डियाबिटीज और गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि तरबूज का सेवन ब्लड में रक्त शर्करा को बढ़ा देता है।