October 2024 Tyohar Vrat List: हमारे हिंदू धर्म के अंतर्गत प्रत्येक माह में आने वाले व्रत और त्योहारों का हम पूरे हर्ष और उल्लास के साथ स्वागत करते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार प्रत्येक व्रत का और त्योहार का अपना एक अलग महत्व होता है, उस व्रत और त्योहार को ध्यान में रखते हुए हम विधि विधान से उसे मानते हैं, और अपने इष्ट का आशीर्वाद पाते हैं।
आज हम इस लेख के अंतर्गत आपको अक्टूबर माह में आने वाले समस्त व्रत और त्योहारों का विवरण देंगे जहां से आप जानकारी प्राप्त करके व्रत को रखने और त्योहार को मनाने के लिए स्वयं को तत्पर रखेंगे।
व्रत और त्योहार की तिथि | व्रत और त्योहार के नाम |
2 अक्टूबर 2024, बुधवार | सर्वपितृ अमावस्या |
3 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार | नवरात्रि शुरू |
3 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार | सूर्य ग्रहण वलयाकार |
12 अक्टूबर 2024, शनिवार | दशहरा |
13 अक्टूबर 2024, रविवार | पापांकुशा एकादशी |
15 अक्टूबर 2024, मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
17 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार | शरद पूर्णिमा कोजागरी पूर्णिमा वाल्मीकि जयंती पूर्णिमा सत्यनारायण व्रत कार्तिक स्नान शुरू |
24 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार | अहोई अष्टमी व्रत |
28 अक्टूबर 2024, सोमवार | रमा एकादशी |
29 अक्टूबर 2024, मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
30 अक्टूबर 2024, बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
31 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार | नरक चतुर्दशी |
2 अक्टूबर 2024,बुधवार – सर्वपितृ अमावस्या
सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन शुभ मुहूर्त में श्राद्ध करने से पितृ आत्मा को तृप्ति और शांति प्राप्त होती है। यदि आप अपने पित्रो के प्रति पूरी श्रद्धा भाव से अपने दायित्वों का निर्वाह करते हैं तो, आपको आने वाली पीढियां में सफलता, स्वयं की सफलता और आपके किए अच्छे कार्यों का फल मिलता है, जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या का सही मुहूर्त 1 अक्टूबर रात्रि 9:39 से लेकर 3 अक्टूबर सुबह 12:18 तक है।
3 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार – नवरात्रि शुरू
हिंदू धर्म में नवरात्रों का एक बहुत बड़ा महत्व है। नवरात्रों के समय मां दुर्गा के नौ रूपों की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना होती है। पूरे देश में यह बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार अक्टूबर 2024 में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से आरंभ होकर 11 अक्टूबर को समाप्त होंगे।
3 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार – सूर्य ग्रहण वलयाकार
2 अक्टूबर 2024 बलिया कर सूर्य ग्रहण पड़ेगा जिसके दौरान चंद्रमा सूर्य से पहले गुजरेगा जिससे आकाश में “रिंग ऑफ फायर” जैसा प्रभाव दिखाई देगा। इस परिस्थिति में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढकेगा जिससे एक अनोखा दृश्य दिखाई देगा।
यह ग्रहण 2 अक्टूबर 9:13 शुरू होकर 3 अक्टूबर को सुबह 3:17 तक रहेगा।
12 अक्टूबर 2024,शनिवार – दशहरा
अक्टूबर माह में दशहरा पर्व मनाया जाता है, इस दिन श्री राम जी की पूजा की जाती है और रावण के पुतले में आग लगाकर रावण दहन किया जाता है, जिसे बुराई पर अच्छाई का पर्व माना जाता है।
दशहरे का शुभ मुहूर्त 12 अक्टूबर को सुबह 10:58 शुरू होकर 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 समापन होगा।
13 अक्टूबर 2024,रविवार – पापांकुशा एकादशी
हमारे हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इसे व्रत राज भी कहा जाता है क्योंकि, यह सभी व्रत में श्रेष्ठ होता है। आश्विन मास शुक्ल पक्ष के दशहरे के अगले ही दिन पडने वाली एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है।
इसका शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को सुबह 9:08 शुरू होकर 14 अक्टूबर को प्रातः 8:41तक रहेगा।
15 अक्टूबर 2024,मंगलवार – भौम प्रदोष व्रत
भौम का सही मतलब होता है “मंगल और मंगलवार” के दिन पडने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस दिन शिवजी और हनुमान जी की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। भगवान शिव की आराधना से जीवन खुशहाल होता है और हनुमान जी की आराधना से शत्रुओं का जीवन में से विनाश होता है।
भौम प्रदोष व्रत के पूजन का समय संध्या काल में 5:52 मिनट से लेकर रात्रि 8:33 तक रहेगा।
17 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार – शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, वाल्मीकि जयंती, पूर्णिमा सत्यनारायण व्रत, कार्तिक स्नान शुरू
17 बृहस्पतिवार अक्टूबर 2024, पूर्णिमा को जिस दिन पूरा चांद दिखता है, हिंदू धर्म में पूर्णिमा का एक अपना खास महत्व है। पूर्णिमा के व्रत के दिन दान-पुण्य करना अत्यधिक शुभ माना जाता है, आश्विन पूर्णिमा व्रत इस साल 17 अक्टूबर 2024 को पड़ेगा।
इसकी शुरुआत 16 अक्टूबर रात 8:44 से शुरू होकर 17 अक्टूबर गुरुवार शाम 4:58 तक रहेगी।
24 अक्टूबर 2024,बृहस्पतिवार – अहोई अष्टमी व्रत
अहोई अष्टमी का उत्सव हर वर्ष कार्तिक मानस के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। साल 2024 में यह उपवास बृहस्पतिवार 24 अक्टूबर 2024 को पड़ेगा। इस दिन माताएं अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना करते हुए यह उपवास करती है।
अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को 1:18 आरंभ होकर 25 अक्टूबर को 1:58 तक रहेगा।
28 अक्टूबर 2024,सोमवार – रमा एकादशी
हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है, इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन किया जाता है। इस व्रत को देवी मां लक्ष्मी के नाम “राम” से जाना जाता है। यह व्रत दीपावली के चार दिन पहले पड़ता है।
रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त का आरंभ 27 अक्टूबर को संध्या 5:25 लेकर 28 अक्टूबर को 7:55 तक रहेगा।
29 अक्टूबर 2024, मंगलवार – भौम प्रदोष व्रत
यह प्रदोष व्रत दूसरी बार अक्टूबर माह में ही 29 अक्टूबर को मंगलवार के दिन पड़ेगा। यह हर माह की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी में मनाया जाता है जो की विशेषतः भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाता है। 13 नवंबर को जो प्रदोष व्रत पड़ता है वह शुक्ल पक्ष पर पड़ता है और 28 नवंबर को पडने वाला व्रत कृष्ण पक्ष पर पड़ता है।
30 अक्टूबर 2024, बुधवार – मासिक शिवरात्रि
भगवान भोलेनाथ की जिस व्यक्ति पर भी कृपा बरस जाती है, उसके सारे काम बनते चले जाते हैं। वह अपने श्रद्धालुओं पर कल्याण करते हैं। शिव जी के खास व्रत में से सोमवार प्रदोष और शिवरात्रि का व्रत होता है। इसमें से प्रत्येक माह में एक मासिक शिवरात्रि पड़ती है।
31 अक्टूबर 2024, बृहस्पतिवार – नरक चतुर्दशी
हिंदू धर्म के अनुसार नरक चतुर्थी, दिवाली से एक दिन पहले अश्विन महीने में मनाया जाता है। यह उत्तर भारतीय मान्यता के अनुसार कार्तिक माह का 14 दिन काली चौदस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में नरक चतुर्दशी बृहस्पतिवार 31 अक्टूबर 2024 को आ रही है। काली चौदस भाई दूज से 3 दिन पहले और लाभ पंचम से 6 दिन पहले आती है।