Meena Sankranti: हिंदू धर्म में पूरे वर्ष कोई ना कोई व्रत एवं त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 12 संक्रांति मनाई जाती है। इन 12 संक्रांति में से मीन संक्रांति का काफी महत्व है। इसीलिए आपको भी मीन संक्रांति का व्रत रखना चाहिए। हम आपको मीन संक्रांति का महत्व, व्रत विधि और मीन संक्रांति से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
Meena Sankranti 2024 Mai Kab Hai: मीन संक्रांति 2024 में कब मनाई जाएगी?
हर वर्ष की तरह इस साल भी मीन संक्रांति का व्रत रखा जाएगा। इस साल 15 मार्च 2024 को मीन संक्रांति मनाई जाएगी।
Meena Sankranti Kya Hai: मीन संक्रांति क्या है?
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने को ही मीन संक्रांति कहा जाता हैl इस दिन पवित्र नदी जैसे की गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान किया जाता है और सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। मीन संक्रांति का दिन सूर्य देव की पूजा करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है।
सूर्य प्रत्येक माह अपना स्थान परिवर्तित करके दूसरे स्थान पर जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह साल का आखिरी माह होता है। इस दिन लोग पवित्र नदी में स्नान के अलावा दान भी करते हैं।
दान करने से भी उन्हें काफी फल मिलता है। लेकिन जब मीन संक्रांति होती है, तो उसके बाद कोई भी मांगलिक कार्य, वास्तु पूजन, गृह परिवेश और अन्य शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
Meena Sankranti Kyo Manayi Jati Hai: मीन संक्रांति क्यों मनाते हैं?
मीन संक्रांति के दिन भगवान सूर्य देव जी की पूजा की जाती है। इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदी में जो भी कोई स्नान कर ले, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य देव जी को अर्घ्य दी जाती है।
Also Read This
Falgun Amavasya: फाल्गुन अमावस्या क्यों मनाई जाती है, महत्व और व्रत विधि यहां देखें
सूर्य को तेज प्रतिष्ठा और भाग्य का कारक माना जाता है। इसीलिए सूर्य की पूजा के दौरान आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ किया जाता है। ताकि सूर्य देव की कृपा हम पर बनी रहे।
सूर्य देव की पूजा करने से आत्मा को शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर जाती है। इसीलिए मीन संक्रांति मनाई जाती है।
Meena Sankranti Ka Mahatv: मीन संक्रांति का महत्व क्या है?
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मीन संक्रांति से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती है और जिसके कारण प्रकृति में नया जीवन शुरू होता है।
- मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से और पवित्र नदी जैसे की गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है।
- मीन संक्रांति को दान करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इसीलिए इस दिन काफी दान पुनः भी किया जाता है।
- दान पुण्य करने से सुख शांति मिलती है।
Meena Sankranti Vrat Vidhi Kya Hai: मीन संक्रांति की व्रत विधि क्या है?
- मीन संक्रांति के दिन गंगा, यमुना वा सरस्वती नदी में स्नान करना चाहिए।
- अगर आप नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा सकते हैं, तो घर पर आप गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं।
- स्नान करते समय भगवान सूर्य देव का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें।
- धूप ,अगरबत्ती, फुल, फल और मिठाई आदि पूजन सामग्री से पूजा करें।
- ब्राह्मण एवं जरूरतमंद लोगों को वस्त्र एवं दान दे।
- इस प्रकार से विधिपूर्वक मीन संक्रांति का व्रत करने से हर संकट से आपको मुक्ति मिल सकती है।