Basant Panchami Kab hai, Shubh Muhurat: बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है, महत्व और संपूर्ण विधि यहां से जाने

Basant Panchami: पूरे साल हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं। बसंत पंचमी भी हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहार में से एक है। बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है, बसंत पंचमी मनाने की सही विधि क्या है और बसंत पंचमी से संबंधित सभी जानकारी इस पोस्ट में जानेंगे।

Basant Panchami Vrat 2024 Mai Kab Hai: 2024 में बसंत पंचमी कब मनाई जाएगी?

हर वर्ष बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 14 फरवरी 2024 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। 13 फरवरी से बसंत पंचमी शुरू हो जाएगी और 14 फरवरी को दोपहर 12:09 तक बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा ।

14 फरवरी को सुबह 7:01 मिनट से शुभ मुहूर्त शुरू होगा और दोपहर 12:35 तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है। आप बसंत पंचमी के दिन व्रत रखना चाहते हैं, तो शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें ।

Basant Panchami Vrat Kya Hai: बसंत पंचमी क्या है?

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है । इस दिन विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती के अलावा माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। मां सरस्वती की पूजा करते समय पुस्तक, वाद्य यंत्र और अन्य शिक्षा से संबंधित सामान की भी पूजा की जाती है।

Basant Panchami Kyo Manate Hai: बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं?

हर व्रत एवं त्योहार को मनाने के पीछे कोई ना कोई पौराणिक मान्यता या कथा जरूर जुड़ी होती है। इसी प्रकार बसंत पंचमी का त्योहार मनाने के पीछे भी कई मान्यताएं जुड़ी हुई है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां सरस्वती का अवतरण हुआ था। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत भी हो जाती है। जिस कारण प्रत्येक वर्ष इस तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है ।

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बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए उनके लिए व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है। बसंत पंचमी से संबंधित अन्य पौराणिक मान्यताएं भी है। यह कहा जाता है कि इसी दिन सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के द्वारा मनुष्य और जीवों की रचना की गई थी।

भगवान ब्रह्मा जी ने कमंडल से पृथ्वी पर जल का छिड़काव किया था। इसके बाद पृथ्वी पर कंपन शुरू हो गई और एक अद्भुत शक्ति प्रकट हुई ,जो की सरस्वती माता थी। इनके एक हाथ में वीणा थी। दूसरे हाथ में वर मुद्रा और अन्य हाथ में माला और पुस्तक थी ।

जब वीणा बजाई गई उसी से संसार के जीवों को वाणी प्राप्त हुई थी। मां सरस्वती के हाथ में पुस्तक और माला थी, जिससे ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति हुई।

Basant Panchami ke Fayde: बसंत पंचमी व्रत का महत्व क्या है?

  • बसंत पंचमी का व्रत रखने से और माता सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान बढ़ता है।
  • इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, ताकि धन की प्राप्ति हो सके।

Basant Panchami Vrat Vidhi: बसंत पंचमी व्रत विधि क्या है?

बसंत पंचमी व्रत को विधि विधान अनुसार ही करना चाहिए, तभी इसका फल मिलता है।

  • सुबह उठकर स्नान करके साफ सुथरे कपड़े पहन ले।
  • मां सरस्वती की प्रतिमा पर पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
  • केसर, चंदन, हल्दी, रोली और सफेद रंग के फूलों से मां सरस्वती की पूजा करें और मिठाई का भोग लगाएं।
  • जिस स्थान पर आप मां सरस्वती की पूजा कर रहे हैं, वहां पर अपनी पुस्तक, वाद्य यंत्र और शिक्षा से संबंधित जो भी आपका समान है, वह रखकर पूजा अवश्य करनी चाहिए।

बसंत पंचमी का व्रत रखने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।

  • बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना चाहिए।
  • मीठे में भी अगर आप पीली मिठाई या फिर पीले रंग का हलवा बनाएंगे, तो मां सरस्वती आपसे प्रसन्न होगी।
  • मां सरस्वती की पूजा करते समय एवं तिलक लगाते समय चंदन एवं हल्दी का ही उपयोग करें।
  • इस दिन भूलकर भी पुस्तक या ज्ञान से जुड़ी चीजों का अपमान ना करें। इससे मां सरस्वती क्रोधित हो सकती हैं।
  • इस दिन वृक्षों को ना काटे।

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