Malaria Kya Hota Hai: मलेरिया बुखार संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने की वजह से फैलता है। हर साल इस मलेरिया बुखार की वजह से हजारों लाखों की संख्या में लोग शिकार होते हैं। अगर शुरुआत में ही मलेरिया के लक्षणों की पहचान कर ली जाती है तो इसका जल्दी इलाज कर लिया जाता है। मलेरिया का संक्रमण होने के कुछ दिन के बाद आपको इसके लक्षण शरीर में नजर आने लगते हैं। जल्दी लक्षण पहचान कर अगर जल्दी ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं तो आपको इस इंफेक्शन से राहत मिल जाती है।
आज इस आर्टिकल में हम मलेरिया बुखार के बारे में बात करेंगे। हम जानेंगे कि मलेरिया क्या होता है? मलेरिया कितने प्रकार का होता है? मलेरिया के कारण लक्षण और बचाव के उपाय क्या है? मलेरिया का उपचार और घरेलू उपचार क्या है? साथ ही जानेंगे कि मलेरिया में किस प्रकार से आप बचाव कर सकते हैं? पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।
मलेरिया क्या है | Malaria Kya Hai?
मलेरिया एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें रोगी को सर्दी लगती है, सर दर्द होता है और बार-बार बुखार आता है। इसमें बुखार कम हो जाता है फिर ज्यादा हो जाता है। अगर मलेरिया का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो कई बार मरीज कोमा में भी चला जाता है और लापरवाही बढ़ती जाए तो मरीज की मृत्यु भी संभव है। सामान्य तौर पर यह मलेरिया बुखार मादा एनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। मादा एनाफिलीज मच्छर जब काटता है तो प्लाज्मोडियम नाम का एक परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है जिसकी वजह से हमें बुखार होने लगता है।
मलेरिया के प्रकार | Malaria Ke Parkar
मलेरिया का बुखार कम उम्र से लेकर अधिक उम्र के सभी लोगों को समान रूप से प्रभावित करता है। एक बार जब यह हो जाता है तो आपको इसको ठीक करने में कुछ दिन का समय लगता है। मलेरिया फैलाने वाली परजीवी मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते हैं। आईए जानते हैं उनके बारे में…
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium Falciparum)
प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम सबसे ज्यादा पाया जाने वाला मलेरिया परजीवी है। दुनियाभर में ज्यादातर जगहों पर प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम की वजह से ही मलेरिया का बुखार होता है और यह सबसे ज्यादा खतरनाक भी है। इसी की वजह से सबसे ज्यादा मरीजों की मौत होती है।
प्लाज्मोडियम विवैक्स (Plasmodium Vivax)
यह परजीवी एशिया और दक्षिणी अमेरिका में पाया जाता है। प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के समान ही इस परजीवी के द्वारा इनफैक्ट होने पर आपको मलेरिया के लक्षण दिखाई देते हैं। एक बार शरीर में प्रवेश करने पर लीवर के अंदर यह परजीवी दो से तीन वर्ष तक बने रह सकते हैं जिसकी वजह से दोबारा आपको रोग हो सकता है।
प्लाज्मोडियम ओवेल (Plasmodium Ovale)
यह परजीवी बहुत ही ज्यादा खतरनाक है जो आपके शरीर में कई वर्षों तक बिना कोई लक्षण दिखाएं बने रहते हैं। दक्षिणी अफ्रीका में इस तरीके के परजीवी देखे जाते हैं।
प्लाज्मोडियम मलेरिया (Plasmodium Malaria)
यह दुर्लभ परजीवी भारत में नहीं पाया जाता है। सामान्य तौर पर इस परजीवी की वजह से मलेरिया का बुखार अफ्रीकी क्षेत्र में प्रभावित करता है।
प्लास्मोडियम नाउलेसी (Plasmodium Knowlesi)
यह बहुत ही दुर्लभ परजीवी होता है जो विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। सामान्य तौर पर भारत में इस परजीवी की वजह से मलेरिया बुखार नहीं होता है।
मलेरिया के कारण | Malaria Ke Karan
सामान्य तौर पर मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी के संक्रमण की वजह से होता है। ऊपर हमने आपको अलग-अलग प्रकार के प्लाज्मोडियम परजीवी के बारे में जानकारी दी है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण है जिनकी वजह से आप मलेरिया बुखार के मरीज बन सकते हैं।
प्लाज्मोडियम परजीवी का इन्फेक्शन
ऊपर बताये गए पांच प्रकार के प्लाज्मोडियम परजीवी में से अगर किसी भी प्रकार का परजीवी आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है और वहां पर संक्रमण फैलाता है तो इसकी वजह से आपको मलेरिया का बुखार हो सकता है। मादा एनाफिलीज मच्छर जब आपको काटता है तो सामान्य तौर पर इस प्रकार की परजीवी आपके रक्त में प्रवेश कर जाते हैं।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को मच्छर काटने से
मादा एनाफिलीज मच्छर अगर किसी मलेरिया इनफेक्टेड मरीज को काटने के बाद एक स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो उसके अंदर भी मलेरिया का बुखार हो जाता है।
संक्रमित रक्त चढ़ाने से
अगर मलेरिया परजीवी से इनफेक्टेड ब्लड किसी व्यक्ति को चढ़ा दिया जाता है तो उसके अंदर मलेरिया का इंफेक्शन हो जाता है।
संक्रमित मां से जन्म लेने वाले बच्चों को
अगर एक गर्भवती महिला को मलेरिया है तो उसके जन्म लेने वाले बच्चों को भी मलेरिया हो सकता है।
संक्रमित इंजेक्शन के इस्तेमाल से
अगर कोई संक्रमित व्यक्ति एक सिरिंज का इस्तेमाल करता है और उसके बाद कोई स्वस्थ व्यक्ति इस फ्रिज का इस्तेमाल करता है तो उसे मलेरिया का इंफेक्शन हो सकता है।
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मलेरिया के लक्षण | Malaria Ke Lakshan
जब किसी व्यक्ति को मलेरिया बुखार हो जाता है तो शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। हालांकि यह सभी लक्षण सामान्य बुखार के लगभग समान ही होते हैं। ऐसे में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल होता है। आईए जानते हैं मलेरिया होने पर कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं।
- ठंड लगना और कांपना
- जोड़ों में दर्द होना
- एक दिन बुखार आना और एक दिन का ब्रेक देकर दोबारा बुखार आ जाना।
- उल्टी होना और जी मिचलाना
- शरीर में खून की कमी
- मूत्र में खून आना
- बार-बार दौरे पड़ना
- सर दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- दस्त हो जाना
- चक्कर आना
- बहुत ज्यादा पसीना आना
- शरीर का टेंपरेचर बहुत ज्यादा होना
मलेरिया से बचाव के उपाय | Malaria Se Bachav Ke Upay
- अगर आप मलेरिया को होने से रोकना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले से ही कुछ उपाय अपना लेने चाहिए जिससे आपको मलेरिया नहीं होगा।
- जितना ज्यादा हो सके आपके घर के अंदर ही रहना है। जिन दिनों में मच्छर ज्यादा होते हैं उसे समय घर से बाहर कम निकलना है।
- रात को सोते समय आपको मच्छरदानी का उपयोग करना है ताकि आपको मच्छर काटे नहीं।
- इसके अलावा मच्छर भगाने के लिए बाजार में कई प्रकार की मॉस्किटो कॉइल और फास्ट कार्ड मिलते हैं उनका उपयोग करें।
- ऐसे कपड़े पहने जिनसे आपका ज्यादा से ज्यादा शरीर ढका रहे।
- कपड़ों पर आपको पर्मेथ्रिन लगाना है जिससे मच्छर आपसे दूर रहेंगे।
- मलेरिया बुखार हो जाने पर सामान्य तौर पर मरीज को एंटी मलेरिया ड्रग्स दी जाती है।
मलेरिया का डायग्नोसिस | Malaria Ka Diagnosis
- किसी भी रोगी को मलेरिया का बुखार हो जाता है तो उसका डायग्नोसिस कई प्रकार से किया जा सकता है।
- सामान्य तौर पर ब्लड सैंपल लेने के बाद ब्लड स्मीयर टेस्ट किया जाता है।
- अगर पहले ब्लड स्मीयर टेस्ट में मलेरिया परजीवी नजर नहीं आता है और डॉक्टर को फिर भी डाउट होता है तो वह अगले 36 घंटे तक हर 8 से 12 घंटे बाद बार-बार टेस्ट करता रहता है।
- इसके अलावा ब्लड के अंदर मलेरिया परजीवी कम है या ज्यादा है इसकी जांच की जाती है।
मलेरिया का उपचार | Malaria Ka Treatment
- मलेरिया का इलाज करने के दौरान मरीज को एंटी मलेरियल ड्रग दी जाती है जिससे बुखार नियंत्रण में आता है, साथ ही मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स दिए जाते हैं।
- मलेरिया के इलाज में क्लोरोक्वीन दवा सबसे ज्यादा असरकारक होती है। बाजार में क्विनीन, मेफ्लोक्विन, डॉक्सीसाइक्लिन नाम से दवाई उपलब्ध हैं।
- अगर मरीज को प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया हुआ है तो मरीज को आईसीयू में भर्ती करवाना पड़ता है साथ ही सख्त देखभाल की जाती है।
- अगर गर्भवती महिला को मलेरिया बुखार हो गया है तो सामान्य तौर पर क्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
सारांश | Conclusion
मलेरिया ऐसा बुखार है जो कभी भी किसी को हो सकता है। जो लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमजोर होते हैं उनको यह बुखार कभी भी हो सकता है। मलेरिया का बुखार होने पर आपको घबराने बिल्कुल नहीं है। अगर आपको मलेरिया बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है। मलेरिया बुखार के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी लोगों को होगी इसको लेकर लोग उतने ही ज्यादा जागरूक बनेंगे। इसलिए आप इस जानकारी को सभी लोगों तक शेयर जरूर करें।
आज इस आर्टिकल को अगर अपने अंत तक पढ़ लिया तो आपको मलेरिया बुखार से संबंधित कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। उम्मीद करते हैं कि जो भी जानकारी दी है वह आपको पसंद आई होगी। इसी प्रकार की जानकारी के लिए नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे।