Mahilaon mein Bacchedani ka Munh Samay Par Nahi Khulne Ka Karan: जब बच्चा गर्भ में होता है और नवा महीना चलने लग जाता है तो महिलाएं अपनी डिलीवरी को लेकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित होने लग जाती है। कई बार ऐसा हो जाता है की डिलीवरी की तारीख निकल जाती है लेकिन महिलाओं को प्रसव पीड़ा का बिल्कुल एहसास नहीं होता है जिसकी वजह से उनकी बच्चेदानी का मुंह समय पर नहीं खुलता है। ऐसा कई कारणों की वजह से हो सकता है जिसके बारे में आज इस आर्टिकल में हम जानकारी प्राप्त करेंगे।
महिलाओं में 9 महीने पूरे होने के बाद भी यानी डिलीवरी डेट आने के बाद भी अगर प्रसव पीड़ा का एहसास बिल्कुल नहीं है तो इसे हम ओवरड्यू प्रेगनेंसी के नाम से जानते हैं। अगर आप भी इस प्रकार की समस्या का सामना कर रही है तो आपको बिल्कुल देरी नहीं करना है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है।
आइये आज जानते हैं कि महिलाओं में बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलने का क्या कारण होता है और आप कौनसे घरेलू उपाय अपनाकर बच्चेदानी का मुंह समय पर खोल सकते हैं ताकि आपको नॉर्मल डिलीवरी हो जाए। आईए जानते हैं इसके बारे में…
डिलीवरी से कितने दिन पहले बच्चेदानी का मुंह खुलना शुरू हो जाता है?
सामान्य तौर पर जब प्रेगनेंसी का 39 वां और 40वां सप्ताह चल रहा होता है तो उसे समय आपके बच्चेदानी का मुंह थोड़ा-थोड़ा खुलना शुरू हो जाता है। इसके लिए डॉक्टर फिंगर टेस्ट के माध्यम से ही आपको बताते हैं की बच्चेदानी का मुंह कितना खुला हुआ है। अगर बच्चेदानी का मुंह 10 सेंटीमीटर या उससे ज्यादा खुला हुआ है तो नॉर्मल डिलीवरी आसानी से हो जाती है। अगर इससे कम खुला हुआ है तो नॉर्मल डिलीवरी बहुत मुश्किल होती है।
अगर किसी भी कारणवस जन्म लेने वाले बच्चे का वजन ज्यादा होता है तो 37वें सप्ताह में भी आपको बच्चेदानी का मुंह खुलता हुआ नजर आ सकता है और पेट के निचले हिस्से में आपको दर्द महसूस हो सकता है। इसके अलावा कुछ महिलाओं में वाइट डिस्चार्ज होने लगता है। अगर आप इस प्रकार की समस्या का सामना कर रही हैं तो इसके लिए तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें।
महिलाओं में बच्चेदानी का मुंह समय पर नहीं खुलने के कारण | Mahilaon mein Bacchedani ka Munh Samay Par Nahi Khulne Ka Karan
- जब महिलाएं बहुत अधिक उम्र में अपनी प्रेगनेंसी की प्लानिंग करती है तो इस प्रकार की समस्या हो सकती है।
- अगर महिला का वजन बहुत ज्यादा है तो इसकी वजह से समय पर बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलता है।
- अगर गर्भ में पल रहे शिशु का पूर्ण रूप से शरीर विकसित नहीं हुआ है तो बच्चेदानी का मुंह कई बार नहीं खुलता है।
- अगर आप पहले भी इस प्रकार की ओवरड्यू प्रेगनेंसी का एक्सपीरियंस कर चुके हैं तो ऐसा दोबारा भी हो सकता है।
- हो सकता है कि आपने जो प्रेगनेंसी की डेट कैलकुलेट की है वह गलत है तो आपको उसे दोबारा से कैलकुलेट करना चाहिए।
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डिलीवरी से पहले बच्चेदानी का मुंह खोलने के घरेलू उपाय
अगर आप एक प्रेग्नेंट महिला है और डिलीवरी के लिए बिल्कुल तैयार है फिर भी आपके बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलता है तो कुछ घरेलू उपाय अपना कर आप बच्चेदानी का मुंह खोल सकते हैं।
नियमित रूप से एक्सरसाइज
अपने प्रसव को आसान बनाने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से एक्सरसाइज का सहारा लेना चाहिए (देखें प्रेगनेंसी में किये जाने वाले योग आसान )। एक्सरसाइज करने से तनाव कम होता है और बच्चेदानी का मुंह खोलने में एक्सरसाइज लाभदायक होती है। लेकिन आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी है इसके बारे में डॉक्टर से ही जानकारी प्राप्त करें।
नियमित रूप से वॉक
प्रेग्नेंट महिलाओं को कभी भी एक जगह नहीं बैठना चाहिए। घर में ही हमेशा घूमते रहना चाहिए और अपनी पोजीशन को हमेशा बदलते रहना चाहिए। इसकी वजह से बच्चेदानी के मुंह पर एक दबाव पड़ता है जिससे प्रसव पीड़ा समय पर होने लगती है और नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाएं चाहे तो एक बर्थिंग बॉल का इस्तेमाल कर सकती है।
अरंडी के तेल का उपयोग
अरंडी का तेल बंद बच्चेदानी के मुंह को खोलने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है। 30ml से लेकर 50ml तक का अरंडी का तेल आप पी सकते हैं। अरंडी का तेल पीने से प्रोस्टाग्लैंडइन हार्मोन रिलीज होने लगता है जो प्रसव पीड़ा को शुरू करने में मदद करता है। हालांकि हमें अरंडी के तेल का उपयोग डॉक्टर की परमिशन के बिना नहीं करना चाहिए। अरंडी के तेल को पीने से हमें दस्त हो सकते हैं।
अनानास का उपयोग
अनानास के अंदर ब्रोमोलिन नाम का एक एंजाइम होता है जो बच्चेदानी के मुंह में उपस्थित टिश्यू को तोड़ता है जिससे बच्चेदानी का मुंह नरम होने लगता है। इस प्रक्रिया की वजह से बच्चों के जन्म में आसानी होती है। हालांकि बहुत ज्यादा पाइनएप्पल खाने से आपके मुंह में छाले हो सकते हैं।
हमेशा हंसते रहना
प्रेग्नेंट महिला को कभी भी किसी भी प्रकार के दुख और तनाव में नहीं रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की टेंशन और डिप्रेशन में रहने से महिलाओं के बच्चेदानी का मुंह नहीं खुलता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को हमेशा अपने दोस्तों के साथ घर परिवार के सदस्यों के साथ हंसते बोलते रहना चाहिए।
ब्रेस्ट और निप्पल का स्टिमुलेशन
मेडिकल रिसर्च में यह सामने आया है कि गर्भावस्था के अंतिम दिनों में ब्रेस्ट निप्पल को स्टिम्युलेट करते रहने से ऑक्सीटोसिन हार्मोन का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है। यह हार्मोन गर्भाशय को सिकुड़ने के लिए जिम्मेदार होता है। इस हार्मोन की वजह से गर्भाशय में संकुचन होने लगता है और डिलीवरी पेन शुरू हो जाता है।
खजूर का उपयोग
गर्भावस्था के आखिरी दिनों में आपको खजूर का नियमित रूप से उपयोग करना चाहिए। खजूर खाते रहने से समय पर बच्चेदानी का मुंह खुलने में काफी मदद मिलती है जिससे आपकी डिलीवरी आसान हो जाती है। बच्चेदानी का मुंह को फैलाने में खजूर में उपस्थित तत्व बहुत मदद करते हैं।
डिस्क्लेमर
यहां पर आपको जो भी जानकारी दी गई है वह अलग-अलग प्रकार के वेरीफाइड सोर्स से उठाई गई है लेकिन यह जानकारी अलग-अलग महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रकार से उपयोगी साबित होती है। कुछ घरेलू उपाय सभी महिलाओं पर काम नहीं करते हैं ऐसे में प्रेगनेंसी में हो रही किसी भी प्रकार की समस्या में पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले और उसके बाद ही ऊपर दी की जानकारी का उपयोग करें। हमने आपको यह जानकारी सिर्फ एजुकेशन के उद्देश्य से दी है।