गर्भावस्था का नौवाँ महीना | 9 Month Pregnancy in Hindi लक्षण, शारीरिक बदलाव व सावधानियाँ

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गर्भावस्था का नौवां महीना ऐसा समय होता है, जब ज्यादातर महिलाओं को अपने बच्चे के आने का इंतजार नहीं हो पाता तो वहीँ कुछ महिलायें प्रसव पीड़ा को लेकर चिंतित महसूस करती हैं। अब आपका बेबी पूरी तरह से विकसित हो चुका है लेकिन उसका वजन और दिमाग अभी भी विकासशील है, इसलिए गर्भावस्था के इस अंतिम महीने के दौरान भी आपको बहुत सी सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता है एवं आपको इस महीने के लक्षण, शरीर में होने वाले बदलाव, कराये जाने वाले टेस्ट एवं खान-पान से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जान लेना चाहिए, जिसके बारे में हम आपको आगे बताने जा रहें हैं।

गर्भावस्था के नौवें महीने के लक्षण

1. बार-बार पेशाब आना – नौवें महीने में बार-बार पेशाब आने की समस्या और बढ़ जाती है।

2. स्तनों से रिसाव – स्तनों से पीले रंग का रिसाव जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं, बढ़ने लगता है।

3. ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन – प्रेगनेंसी के अंतिम समय के दौरान ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन बढ़ने लग जाते हैं जो की प्रसव जितने पीड़ादायक नही होते परन्तु पीड़ा अवश्य देते हैं।

4. सीने में जलन से राहत – इस दौरान आपको सीने में जलन व साँस लेने में होने वाली समस्या से छुटकारा मिलेगा क्योंकि अब आपका बेबी जन्म लेने के लिए अपनी पोजीसन ले लेता है। अर्थात उसका सर नीचे श्रोणी भाग की तरफ हो जाता है।

5. शिशु की गतिविधियाँ कम होना – इस दौरान आपको अपने बेबी की गतिविधियाँ कम महसूस होंगी क्योकिं वो अब विकसित हो चुका होगा और उसे गतिविधियाँ करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही होगी।

6. पतला मल आना – गर्भावस्था के अंतिम दिनों में पतला मल आने की समस्या भी हो जाती है।

7. योनी स्त्राव से साथ रक्त प्रवाह – इस दौरान आपको योनी स्त्राव के साथ रक्त भी आने लगता है जो की प्रसव से कुछ दिन या कुछ सप्ताह पहले हो सकता है, हालाँकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

नौवें महीने में होने वाले शारीरिक बदलाव

1. इस दौरान नितम्ब तंत्रिका पर अधिक दबाव पड़ने से पीठ दर्द की समस्या और बढ़ेगी।
2. अब आपका श्रोणी भाग बच्चे के जन्म के लिए धीरे-धीरे खुलने लगता है।
3. आपका वजन अब 11 से 16 किलो के मध्य बढ़ चुका होगा।
4. इस दौरान कुछ गर्भवती महिलाओं को शरीर पर अधिक बालों का होना महसूस हो सकता है।
5. अब आपके लिए झुकना असंभव सा प्रतीत होगा एवं इस दौरान आपको झुकने की कोशिश भी नही करनी चाहिए।

नौवें महीने में कराये जाने वाले टेस्ट व स्कैन

इस महीने डॉक्टर आपको हर सप्ताह चेकअप के लिए बुला सकता है। आइये जानते हैं की इस महीने डॉक्टर द्वारा कौन-कौन से टेस्ट किये जाते हैं –

1. हमेशा की तरह अभी भी आपके वजन और ब्लड प्रेसर की जांच की जाएगी।
2. शुगर और प्रोटीन टेस्ट के लिए आपका यूरिन टेस्ट भी किया जायगा।
3. आपके गर्भाशय और शिशु का आकार मापा जाएगा, साथ ही साथ शिशु की स्थिति पर भी नज़र डाली जायेगी।
4. होमोग्राम टेस्ट के द्वारा आपका ब्लड सैंपल लेकर शरीर के ब्लड काउंट की जांच की जायेगी।
5. भ्रूण के दिल की धडकनों की भी जाँच की जा सकती है।

आइये अब आपको आपके खान-पान से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताते हैं –

क्या खाए

1. शिशु अपने बड़े आकार के कारण आपके पाचनतंत्र का अधिकांश हिस्सा घेर लेता है जिसकी वजह से खाना पचने में दिक्कनत होने लगती है। इस से बचने के लिए आपको सीमित और पौष्टिक भोजन करना चाहिए।
2. पहले की तरह अभी भी आपको ताजे फल व सब्जियाँ खानी होंगी जिससे आपके शरीर को फाइबर मिल सके और आप कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकें।
3. खूब पानी पियें जिससे आप कब्ज की समस्या से बचीं रहें और पानी पीते रहने से आपके पैरों में पड़ने वाले क्रैम्स्ससे भी नहीं होंगे। पानी के अलावा आप शर्बत जैसी दूसरी चीजें भी पी सकती हैं लेकिन ध्या्न रहे कि उसमें शुगर की मात्रा अधिक ना हो।
4. इस दौरान आयरनयुक्त भोजन लेना भी आपके लिए अत्यंत आवश्यक है।
5. नीबू, संतरा, अमरूद जैसे फलों को अपने डाईट में शामिल करें। इनमें विटमिन सी काफी मात्रा में होता है और इससे शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।

क्या ना खाएं

1. चाय, कॉफ़ी व चॉकलेट से परहेज करें क्योंकि इसमें कैफ़ीन होता है जो आपके बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं है।
2. शराब और तम्बाकू का नाम मात्र भी सेवन न करने की हिदायत दी जाती है क्योंकि इस से समयपूर्व प्रसव एवं बच्चे के अंदर विभिन्न प्रकार के जन्म दोष होने की आशंका होती है।
3. सैकरीन, जो की एक कृत्रिम तरीके की बनायी हुई मिठास होती है; इसका सेवन करना भी गर्भावस्था में वर्जित है।
4. आपको साफ्ट चीज का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
5. इस दौरान आपको कच्चा मांस व कच्चा अंडा एवं उच्च मरकरी वाली मछली नहीं खानी चाहिए।

आइये अब आपको गर्भावस्था के इस अंतिम महीने के दौरान बरतने वाली कुछ अन्य सावधानियों के बारे में बताते हैं –

क्या करें –

1. इस दौरान आपको रिलैक्स होने की ज़रुरत है जिससे आपका तनाव कम हो और आप प्रसव के लिए तैयार हो सकें।
2. अगर आपको गुनगुने पानी से स्नान करने की इक्षा हो तो कार सकती हैं लेकिन ध्यान रखें की पानी ज्यादा गर्म ना हो।
3. इस दौरान आपको अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताना चाहिए और आने वाले नन्हे मेहमान के बारें में बातें करनी चाहिए।
4. इस दौरान आप अपने बच्चे के लिए शौपिंग कर सकती हैं जो आपको एक सुखद अनुभव प्रदान करेगा।
5. कुछ महिलाओं को इस महीने के शुरुआत में ही प्रसव हो सकता है, इसलिए अस्पताल जाने की सभी व्यवस्थाएं पहले से करके रखें।

क्या ना करें

1. इस दौरान जितना हो सके आराम करें और भारी सामान ना उठायें।
2. ज्यादा देर तक खड़ी ना रहें क्योंकि वजन अधिक होने के कारण आपको थकान हो सकती है।
3. इस महीने आपको पीठ के बल बिलकुल नहीं सोना चाहिए क्योंकि आपके पेट का पूरा भार रीढ़ की हड्डी पर पड़ने लगता है जिससे पीठ दर्द की समस्या और बढ़ जायेगी।
4. तनाव से बचें एवं प्रसव पीड़ा के बारे में सोचने के बजाय अपने शिशु के बारे में सोचें। तनाव से अपना ध्यान भटकाने के लिए आप मनोरंजन का सहारा ले सकती हैं, जैसे की – अपना फेवरेट टीवी सीरियल देखना या कुछ देर सोशल मीडिया पर समय बिताना।

तो इस प्रकार अब आप गर्भावस्था के नौवें महीने से जुड़ी इन सभी महत्वपूर्ण बातों को समझ गयी होंगी, आपको आपके आने वाले नन्हें मेहमान के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

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