गर्भावस्था का छठा महीना | 6 Month Pregnancy in Hindi जानिये – लक्षण, शरीर में होने वाले बदलाव व सावधानियाँ

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गर्भावस्था का यह महीना प्रेगनेंसी के दूसरी तिमाही का अंतिम महीना होता है। यह महीना प्रेगनेंसी के कुछ सुखद अनुभव के साथ आता है परन्तु कुछ दिक्कतें भी साथ लाता है। इसलिए आपको गर्भावस्था के छठे महीने के लक्षण, शरीर में होने वाले बदलाव, सावधानियां एवं कराये जाने वाले सभी टेस्ट व स्कैन्स के बारे में जान लेना चाहिए। इस लेख में हम आपको गर्भावस्था के छठे महीने से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताने जा रहें हैं।

गर्भावस्था के छठे महीने के लक्षण

1. पीठ दर्द होना – अब आपके शिशु का आकार बढ़ने लगता है जिससे आपके पेट के आकार में भी वृद्धि होती है, जिस कारण पीठ दर्द की समस्या बढ़ जाती है।

2. एडिमा – इस महीने आपको आपके हाथों, पैरों और टखनों पर सूजन हो सकती है जिसे एडिमा कहते हैं। हालाँकि यह गर्भावस्था का एक आम लक्षण है।

3. अपच – गर्भाशय में वृद्धि होने के कारण पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है जिससे अपच की समस्या हो जाती है। इससे निजात पाने के लिए आप डॉक्टर के सलाह से दवाएं ले सकती है।

4. भूख में वृद्धि – इस दौरान आपको दो जानों का ख्याल रखना होता है इसलिए दोनों के लिए अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जिसके कारण आपको अधिक भूख महसूस होने लगती है।

5. खर्राटे आना – गर्भावस्था के दौरान खर्राटे आना भी एक आम लक्षण है जिसका कारण आपके वजन में होने वाली वृद्धि हो सकती है।

छठे महीने के दौरान शरीर में होने वाले बदलाव

1. मसूड़ो से खून आना – इस महीने भी मसूड़ों से खून आने की समस्या बनी रहती है। अगर यह समस्या बढ़ जाए तो आपको दन्त चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

2. खिंचाव के निशान – गर्भाशय के बड़े होने और पेट के बाहर आने के कारण पेट के निचली हिस्सों में खिंचाव के निशान बनने लगते हैं ।

3. नाभि का बाहर आ जाना – इस दौरान आपकी नाभि थोड़ी बाहर की तरफ निकल जाती है और यह स्थति गर्भावस्था के कुछ समय बाद तक बनी रहती हैं और फिर पहले की अवस्था में आ जाती है।

4. नसें उभर जाना – छठे महीने के दौरान शिशु तक पर्याप्त पोषण पहुंचाने के लिए रक्त की तेज़ आपूर्ति होती है। जिससे कभी-कभी गर्भवती स्त्री के निचले हिस्से, जैसे पेट के नीच और जांघों पर नसें उभर सकती हैं।

5. हाथों और पैरों का कड़ा होना – रक्त संचार के बढ़ जाने के कारण हाथ और पैर कड़े प्रतीत होने लगते हैं।

छठे महीने के दौरान कराये जाने वाले टेस्ट व स्कैन

छठे महीने के दौरान भी गर्भाशय की माप व वजन एवं ब्लड प्रेसर जैसे सामन्य जांच किये जाते हैं लेकिन इनके अलाँवा भी कुछ अन्य महत्वपूर्ण जांच किये जाते हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं –

गर्भावधि मधुमेह जाँच – इस दौरान गर्भवती स्त्री को मधुमेह होना आम है जिसे गर्भावधि मधुमेह कहा जाता है। इस शुगर टेस्ट को ग्लूकोज टोलरेंस कहा जाता है जिसमें आपको ग्लूकोज़ पिलाकर आपके रक्त का नमूना लिया जाता है।

यूरिन जांच – शुगर और प्रोटीन के स्तर की जाँच के लिए यूरिन टेस्ट किया जाता है।

अल्ट्रासाउंड – बच्चे के विकास एवं गतिविधियाँ जानने के लिए अल्ट्रासाउंड टेस्ट किया जाता है।

क्वाड स्क्रीन टेस्ट – इस महीने की शुरुआत होते ही यह टेस्ट कराया जाता है जिसमे गर्भवती महिला के रक्त का सैंपल लेकर उसे लैब टेस्ट के लिये भेजा जाता है जिसमे पता किया जाता है की आगे किसी जाँच की आवश्यकता होगी या नहीं।

छठे, महीने के दौरान क्या खाएं –

1. विटामिन सी – गर्भावस्था के इस चरण में आपके शरीर में रक्त की मात्रा अधिक होने के कारण आपको मसूड़ों से रक्तस्राव हो सकता है जिससे बचने के लिए खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू और कीनू (चिपटी नारंगी) एवं विटामिन सी युक्त अन्य स्रोतों जैसे स्ट्रॉबेरी, अंगूर, पत्ता गोभी और शकरकंद आदि का सेवन करना चाहिए ।

2. फाइबर युक्त सब्जियाँ – अच्छी मात्रा में फाइबर प्रदान करने के साथ ही ये सब्जियाँ विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज का भी अच्छा स्रोत होती हैं इसलिए आपको ऐसी सब्जियाँ अवश्य खानी चाहिए।

3. तरल पदार्थ – गर्भावास्था के दौरान आपको हाईड्रेटेड रहना चाहिए अर्थात पानी का भरपूर सेवन करते रहना चाहिए।

4. फोलिक एसिड – फोलिक एसिड एक मिश्रित विटामिन होता है जो नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक होता है। फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थों को दूसरी तिमाही के दौरान लिए जाने वाले खाने में अवश्य शामिल करना चाहिए जिसमे साबुत अनाज की रोटी और दलिया, हरी सब्जियाँ (ब्रोकोली, पालक और सलाद के पत्ते), अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज, कद्दू, तिल, मूंगफली और बादाम आदि शामिल हैं।

5. आयरन युक्त भोजन – इस दौरान आयरन की कमी होने की संभावना अधिक होती है इसलिए आयरन युक्त भोजन करना चाहिए अथवा इसके लिए आप अनपूरक भी ले सकती हैं।

क्या ना खाएं –

1. इस दौरान आपको कैफीन युक्त पदार्थ जैसे की चाय, कॉफ़ी और चॉकलेट से परहेज़ करना चाहिए।
2. इस दौरान आपको फास्ट फ़ूड का बिलकुल सेवन नहीं करना चाहिए।
3. मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए ये आपके बच्चे के लिए एवं आपके लिए भी सुरक्षित नहीं है।
4. इस दौरान आपको शराब और तम्बाकू का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।

आइये अब गर्भावस्था के छठे महीने से जुड़ी कुछ अन्य सावधानियों के बारे में जान लेते हैं –

क्या करें और क्या नहीं

1. अगर अभी भी आपने आने वाले महीनों के लिए ढ़ीले कपड़े नहीं खरीदें हैं तो अवश्य खरीद लें।
2. शरीर में दर्द की समस्या से राहत पाने के आप गुनगुने पानी से स्नान कर सकती हैं।
3. बिलकुल भी तनाव ना लें और अपने परिवार के साथ समय बिताएं।
4. तनाव कम करने व मन बहलाने के लिए आप मनोरंजन का सहारा अवश्य लें।

आशा है यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आपको आपके माँ बनने के सफ़र के लिए शुभकामनाएं।

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