हमारे यहाँ शादी ब्याह जैसे शुभ अवसरों पर सुपारी का एक विशेष महत्व होता है और कुछ रस्मों में इसका प्रयोग भी किया जाता है, भारत और मुख्यतः उत्तर भारत मे सुपारी पान का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण रोल है और कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि बिना सुपारी के पान अधूरा है । इन सभी विशेषताओं के अतिरिक्त सुपारी के ढेर सारे फायदे भी हैं एंव कुछ नुकसान भी हैं और इस लेख में हम यही जानेंगे कि सुपारी खाने के क्या फायदे और नुकसान हैं,
सुपारी खाने के फायदे :
सुपारी खाने से कैविटी से छुटकारा :
सुपारी के पास जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिसके कारण वह हमें कैविटी से बचाता है और इसी वजह से पहले टूथपेस्ट में सुपारी का भी प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब इसका प्रयोग अन्य घटकों की अपेक्षा कम हो गया है ।
सुपारी खाने से शुगर से बचाव :
सुपारी हमे मधुमेह या शुगर से भी बचाता है, क्योंकि जो लोग सुपारी का नियमित प्रयोग करते हैं या उसे चबाते हैं तो उसके मुँह में ज्यादा लार बनती है और वो हमें शुगर से लड़ने में मदद करती है।
सुपारी खाने से हाई बीपी से छुटकारा :
यदि आपको हाई बीपी जैसी कोई समस्या है तो आपको तुरंत ही सुपारी का उपयोग शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि सुपारी में टैनिन नामक तत्व मौजूद होता है जो कि हाई ब्लड प्रेशर को रोकने में हमारी सहायता करता है।
सुपारी चेचक में भी लाभदायक :
यदि चेचक में आप सुपारी का नियमित उपयोग करते हैं तो जल्द ही आप उससे छुटकारा पा सकते हैं, परंतु इसके लिए आपको सुपारी का चूर्ण बनाकर उसे पानी के साथ लेना होगा ।
सुपारी खाने के नुकसान :
सुपारी खाने से कैंसर होता है :
सुपारी पर किए गए कई शोधों से हमे पता चलता है कि सुपारी का नियमित सेवन कैंसर का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि सुपारी में वे सभी तत्व मौजूद होते हैं जो किसी भी कैंसर के लिए उत्तरदायी हैं।
सुपारी खाने से दांतो पर दुष्प्रभाव होता है :
यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से सुपारी का सेवन करता है तो उसका दुष्प्रभाव उस व्यक्ति के दांतों पर भी पड़ता है और शुरुआत में उसके दांत लाल तथा बाद में उसके दांत काल भी हो जाते हैं । इसके अतिरिक्त नियमित सुपारी सेवन सके मसूड़े ढीले पड़ जाते हैं और खराब भी हो जाते हैं।
सुपारी एक नशा :
यदि कोई व्यक्ति हर रोज सुपारी चबाता है तो उसे उसकी लत लग जाती है और डॉक्टर भी ऐसा करने को मना करते हैं।
सुपारी में विषाक्त तत्वों की बहुलता :
सुपारी में विषाक्त पदार्थों की बहुलता पाई जाती है और जिसके कारण यह संभावनाएं उत्पन्न हो जाती है कि जब ये तत्व हमारे शरीर मे जाएंगे तो दूसरे तत्वों के साथ मिलकर वे किसी अन्य विषैले तत्व को उत्पन्न कर सकते हैं जो हमारे लिए हानिकारक है।