गर्भधारण करने के उपाय और सुरक्षा इस मामले में लोगो में प्रायः कम जानकारी पायी जाती है। भारत में यौन शिक्षा पर खुल कर बात न किया जाना एक प्रमुख कारण माना जा सकता है। लोगो में उत्सुकता के साथ साथ एक डर भी बना रहता है की कैसे सुरक्षित और स्वस्थ गर्भधारण किया जाये। ये कुछ उपाय है जिन्हे अपना कर आप मनमर्ज़ी से गर्भधारण कर बच्चे का सुख ले सकती है। आखिर माँ बनना आप को एक पूर्ण स्त्री बनाता है। नीचे कुछ सुझाव और उपाय दिए गए है जो आप के लिए लाभदायक है।
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डॉ से सलाह लेना जाँच करवाना
सबसे पहले किसी प्र्रशिक्षित डॉक्टर से सलाह ले और स्वास्थ की जाँच कराये जिससे अगर आप के शरीर में कोई समस्या है उसका पता चल जायेगा जिससे आप आगे आने वाले कम्प्लिकेशन से आसानी से बच सकते है। जाँच हो जाने से यौन रोग ( होने की संभावना भी नहीं रहेगी। बच्चे प्लान करते समय ये निश्चित रूप से किया जाना चाहिए। डिम्बग्रंथि अल्सर, फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय के स्तर की सूजन जैसे परेशानियों की भी जांच करवा लेनी चाहिए।
सेक्स करने का उचित समय जाने
गर्भधारण करने के लिए आवश्य्क है उचित समय डाक्टर की सलाह के अनुसार ओवुलेशन यानी अंडोत्सर्ग के आस पास का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
ओवुलेशन के दौरान कम से कम 72 घंटे में एक बार ज़रूर सेक्स करना चाहिए। इसका समय 24 से 40 दिन के बीच हो सकता है. अब यदि आप को अपने अगली महावारी के आने का अंदाजा है तो आप उससे 12 से 16 दिन पहले का समय यही आपका ओवुलेशन का समय होगा। यहाँ यह ध्यान रखने योग्य बात है की पोजीशन ऐसी होनी चाहिए जिसमे sperms (शुक्राणु) के रिसाव की सम्भावना कम हो और पुरुषो को 48 घंटे में एक बार से ज्यादा ना इजैक्यूलेट करें वरना उनका स्पर्म काउंट काफी नीचे जा सकता है , जो फर्टीलाईज़ड करने में पर्याप्त ना हो इन चीज़ो का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
सम्भोग के बाद करे थोड़ी देर आराम
सेक्स के बाद थोड़ी देर लेटे रहने से महिलाओं कि योनी से स्पर्म के निकलने की संभावना नहीं रहती। इसलिए सेक्स के बाद 15-20 मिनट लेटे रहना ठीक रहता है.
Healthy Lifestyle (स्वस्थ जीवनशैली) है जरुरी
गर्भधारण करने के लिए पति-पत्नी को एक स्वस्थ्य- जीवनशैली बनाये रखनी चाहिए इससे होने वाली संतान भी अच्छी होगी। स्वस्थ पर ध्यान दे
- खाने – पीने में पर्याप्त भोजन और फल की मात्रा रखें हरी पत्तेरदार सबब्जिया खाए
- रोजाना नियमित व्यायाम करे
- विटामिन का सही मात्रा का उपयोग पुरुष-स्त्री दोनों की fertility rate (प्रजनन दर) बढ़ाता है तथा इससे
- बच्चा पैदा करने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है
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तनाव-मुक्त रहना है जरुरी
अत्यधिक तनाव आपके रेपोडक्टिव फंक्शन में बाधक है जो आप के गर्भधारण करने में एक समस्या मानी जाती है , तनाव में रहने पर आप के सेक्स करने की इच्छा कम होती है। तनाव की अधिकता औरतो में मासिक धर्म को रोक सकती है। स्वस्थ शरीर के साथ साथ मन का शांत होना भी बेहद जरुरी है ये आप के प्रिग्नेंट होने की संभावना को काफी अधिक कर सकता है। तनाव मुक्त रहने के लिए नियमित रूप से साँस लेना – व्यायाम और रिलैक्सेशन टेक्नीक का प्रयोग किया जाना चाहिए।
ज्यादा गर्मी से अंडकोष को बचाना है जरुरी
गर्भधारण करने के लिए Testicles ( अंडकोष ) को ज्यादा गर्मी से बचाना चाहिये जिसका प्रमुख कारण यह है की मानव स्पर्म ज्यादा तापमान में मृत हो सकते है इसलिए अण्डकोष की संरचना शरीर के बहरी हिस्से में है ताकि वो ठन्डे रह सके यही स्पर्म का निर्माण होता है। कुछ ध्यान देने योग्य बात यह है की गाड़ी चलते समय ऐसे सीट का प्रयोग करें जिसमे से थोड़ी हवा पास हो सके. और बहुत ज्यादा गरम पानी से इस अंग को ना धोएं। एक स्वस्थ अंडकोष में हेल्दी स्पर्म का बनता है जो आप के गर्भधारण करने के लिए मह्त्वपूर्ण है। हेल्दी स्पर्म फर्टीलिज़ैशन की संभावना को बढ़ाते है।
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किसी तरह का नशा ना करे
ड्रग्स, नशीली दवाओं, सिगरेट या शराब के सेवन आदमी-औरत , दोनों के हार्मोन का संतुलन ख़राब होता है। यह आपकी प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है और बच्चों में भी उसे परिणाम देखे जा सकते है। गौरतलब है की सिगरेट पीने वाली महिलाओं में गर्भ धारण करने की संभावना 40 % तक घट जाती है। स्मोकिंग ना करे ये आप के और आप के बच्चे दोनों के लिए हनिकारक होता है।
दवाओं का प्रयोग कम से कम करें
कई दवाइयां, यहाँ तक कि आराम से मिल जाने वाली आम दवाइयां भी आपकी प्रजनन शक्ति पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। कई चीजें ओवुलेशन को रोक सकती हैं, इसलिए दवाओं का उपयोग कम से कम करें। किसी भी दावा को लेने या छोड़ने से पहले डॉक्टर से सलाह जरुर ले।
Lubricants (लुब्रिकेंट्स) के प्रयोग से बचे
योनि को लुब्रिकेट में प्रयोग होने वाले कुछ ज़ेल्स, तरल पदार्थ , इत्यादि स्पर्म को महिलाओं की प्रजनन संबंधी क्षेत्र में जाने से रोके सकते है इसका प्रयोग उन दिनों में ना ही करने तो बेहतर है। इसलिए इनका प्रयोग अपने डाक्टर से पूछ कर ही करें.वैसे किसी आर्टिफीसियल लुब्रिकेंट्स का प्रयोग करने की आवश्यकता ही नहीं है, क्योंकि कामोत्तेजना के दौरान शरीर खुद ही पर्याप्त मात्रा में लिक्विड प्रोडूस करता है जो स्पर्म और अंडाणु दोनों के लिए स्वस्थ होता है.