Falgun Amavasya: जिस प्रकार हिंदू धर्म में एकादशी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसी प्रकार अमावस्या भी होती है। हर महीने एक अमावस्या आती है। फाल्गुन के महीने में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको फाल्गुन अमावस्या क्यों मनाई जाती है, महत्व और व्रत विधि के बारे में पूरी जानकारी जानेंगे।
Falgun Amavasya 2024 Mai Kab Hai:फाल्गुन अमावस्या 2024 में कब है?
साल 2024 मे 10 मार्च 2024 को फाल्गुन अमावस्या मनाई जाएगी। 9 मार्च को शाम 6:17 पर शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा। अगले दिन दोपहर 2:29 तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
Falgun Amavasya Kya Hoti Hai:फाल्गुन अमावस्या क्या होती है?
हिंदू ग्रंथ के अनुसार फाल्गुन अमावस्या व्रत रखने से सुख और शांति मिलती है। इसके अलावा इस दिन पूजा करने से पितृ भी खुश होते हैं। पितृ की शांति के लिए और उनकी मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी फाल्गुन अमावस्या मनाई जाती है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी देवताओं का वास होता है। सभी देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी इस व्रत को रखा जाता है और पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव जी और भगवान शनि देव जी की पूजा भी की जाती है।
Falgun Amavasya Kyo Manate Hai:फाल्गुन अमावस्या क्यों मनाते हैं?
फाल्गुन अमावस्या को लेकर एक पौराणिक कथा काफी ज्यादा प्रचलित है। कहा जाता है कि दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण इंद्रदेव और अन्य देवता काफी कमजोर हो गए थे। जिसके कारण वह सभी दैत्य से हार गए थे। तभी सभी देवता मिलकर भगवान विष्णु जी के पास गए और भगवान विष्णु जी के सामने अपनी पूरी बात रखी।
भगवान विष्णु जी ने कहा कि क्षीरसागर का मंथन करके अमृत निकालें। भगवान विष्णु जी के कहे अनुसार सभी देवता श्रीसागर में चले गए और अमृत निकालने लगे। जैसे ही अमृत निकाला सभी देवताओं के कहने पर इंद्रदेव के पुत्र जयंत अमृत लेकर आकाश में उड़ गए।
लेकिन दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने दैत्यों को यह कहा कि वह अमृत वापस लाने के लिए जयंत का पीछा करें। दैत्यों ने ऐसा ही किया। जयंत का पीछा किया और उसे रास्ते में ही पकड़ लिया। कहा जाता है कि लगभग 12 दिनों तक दैत्यों और देवताओं के बीच अमृत को लेकर युद्ध हुआ।
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इस बीच अमृत की कई बूंदें धरती पर अलग-अलग जगह गिरी। उज्जैन, नासिक, प्रयागराज और अन्य जगह पर भी अमृत की बूंदे गिरी थी। इसीलिए वहां पर लोग स्नान करने के लिए आते हैं। इन जगहों को पवित्र माना जाता है।
Falgun Amavasya Ka Mahatv Kya Hai:फाल्गुन अमावस्या का महत्व क्या होता है?
- फाल्गुन अमावस्या के दिन विधि विधान से पूजा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- परिवार में खुशहाली आती है और गृह क्लेश भी मिट जाता है।
- अगर किसी प्राणी की कुंडली में कालसर्प का दोष होता है, तो इस दिन व्रत रखने से और पूजा करने से यह दोष भी समाप्त हो जाता है।
Falgun Amavasya Ki Vrat Vidhi Kya Hai:फाल्गुन अमावस्या की व्रत विधि क्या है?
- फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर ले ।
- स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दे।
- इस दिन भगवान शिव जी की भी पूजा की जाती हैl
- जहां पर पितरों की तस्वीर लगी हुई है, उस स्थान को भी अच्छे से साफ करें।
- पितरों के सामने देसी घी का दिया जलाएं और पितरों की तस्वीर पर फूलों की माला चढ़ाएं।
- इस दिन भगवान शिव जी की प्रतिमा का दही, दूध और शहद से अभिषेक किया जाता है।
- भगवान शिव जी को काले तिल भी चढ़ाए जाते हैं।
- विधि अनुसार पूजा करने के बाद अंत में ब्राह्मण और गरीब लोगों को भोजन करवाना चाहिए।
- इस दिन तिल, आंवला, कंबल , पलंग, घी और वस्त्र दान में दिया जाता है।