Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या क्यों मनाई जाती है, महत्व और संपूर्ण विधि यहां से देखें

Mauni Amavasya: हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार कुल 12 अमावस्या पूरे साल भर में मनाई जाती है। वैसे तो सभी अमावस्या महत्वपूर्ण है, लेकिन मौनी अमावस्या सभी महत्वपूर्ण अमावस्या में से एक है। जिसे माघ अमावस्या भी कहा जाता है। आज हम Mauni Amavasya के बारे में संपूर्ण जानकारी जानने वाले हैं। जैसे कि माघ अमावस्या क्यों मनाई जाती है, महत्व और विधि क्या है।

Mauni Amavasya
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Mauni Amavasya 2024 Mai Kab Hai: माघ अमावस्या 2024 में कब मनाई जाएगी

हर वर्ष की तरह इस बार भी माघ अमावस्या मनाई जाएगी। इस बार 9 फरवरी 2024 को सुबह 8:02 बजे से 10 फरवरी को सुबह 4:28 तक माघ अमावस्या मनाई जाएगी।

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Mauni Amavasya Kya Hai: मौनी अमावस्या क्या है?

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का काफी महत्व होता है। इस दिन दूर-दूर से श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करने के लिए आते हैं। माघ अमावस्या के दिन ही लोगों के द्वारा अपनी श्रद्धा अनुसार दान पुन्य भी किया जाता है।

गंगा, यमुना एवं प्रयागराज समेत कई जगह पर इस दिन मेलों का आयोजन भी किया जाता है। इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। तभी इस अमावस्या का नाम मौनी अमावस्या होता है। कहां जाता है कि इस दिन देवता और पितृ स्नान करने के लिए आते हैं।

Mauni Amavasya kyo Manayi Jati Hai: मौनी अमावस्या क्यों मनाई जाती है?

मौनी अमावस्या मनाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार मन के देवता चंद्र देव होते हैं। जब अमावस्या के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं, तो हमारे मन की स्थिति बिगड़ने लगती है। मन की स्थिति को काबू करने के लिए मौन व्रत रखा जाता है।

इस व्रत के बारे में कहा जाता है कि मौन व्रत रखने से हमें मन वांछित फल की प्राप्ति होती है। माघ अमावस्या में भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इसीलिए हिंदू धर्म के लोग इस व्रत को रखते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं।

Mauni Amavasya Ke Fayde: मौनी अमावस्या के महत्व क्या है?

  • मौनी अमावस्या में पूजा करना हर हिंदू के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • इस व्रत को करने से मन पर काबू करना आसान हो जाता है।
  • मौनी अमावस्या की व्रत और पूजा, जो भी कोई पूरी श्रद्धा से करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस व्रत को लेकर यह भी मान्यता है, कि जो कोई भी मौनी अमावस्या के दिन दान देता है, उससे भगवान काफी ज्यादा प्रसन्न हो जाते हैं। उसके द्वारा किए गए दान का कई गुना उसे वापस मिल जाता हैं।
  • मौनी अमावस्या के संबंध में यह भी कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से इस व्रत को रख लेता है, उसे 100 यज्ञ के जितना फल मिलता है।
  • इसी वजह से दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन स्नान करने के लिए प्रसिद्ध नदी या कुंड में आते हैं।

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Mauni Amavasya Vrat Vidhi Kya Hai: मौनी अमावस्या की व्रत विधि क्या है?

जैसे कि हमने आपको बता ही दिया है कि मौनी अमावस्या पूरे साल भर में आने वाली 12 अमावस्या में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु और शिवजी की पूजा की जाती है।

अगर आप भी इस व्रत को करके फल पाना चाहते हैं, तो पूरे विधि विधान से व्रत रखना होगा। तभी इसका फल मिलेगा।

माघ अमावस्या में आपको किसी पवित्र नदी जैसे की गंगा, जमुना या फिर प्रयागराज संगम पर जाकर स्नान करना चाहिए। यदि कहीं जा नहीं सकते हैं, तो आप अपने घर पर भी स्नान कर सकते हैं। लेकिन स्नान करने से पहले पानी में गंगाजल की बूंदें जरूर डाले।

स्नान करने के बाद आपको भगवान विष्णु और शिवजी जी की पूजा अर्चना करनी है।

इसके अलावा भगवान सूर्य देव जी को नमस्कार करते हुए जल अर्पित करना होगा।

ध्यान रहे की पूजा के दौरान भगवान विष्णु और शिव जी के मंत्र का उच्चारण अवश्य करते रहें।

पूजा करने के बाद आपको भोजन या फिर जो कुछ भी आप अपनी श्रद्धा से खाना बना सकते हैं। खाना बनाकर गरीब लोगों में दान करना होगा। इस प्रकार से माघ अमावस्या की व्रत विधि पूरी हो जाएगी।

 

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