Makar Sankranti Utsav: मकर संक्रांति क्या है? मकर संक्रांति का त्यौहार कैसे मनाया जाता है, पूरी जानकारी यहां देखें

Makar Sankranti Utsav: भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर हर धर्म के लोग अपने त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं। भारत में हिंदू धर्म के लोग हर महीने कोई ना कोई त्योहार मानते ही रहते हैं। हिंदू धर्म के सबसे प्रसिद्ध त्योहार में से एक Makar Sankranti Utsav भी है। हर वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से पूरे देश में मनाया जाता हैl इस बार 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति मनाई जा रही है।

आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से साल 2024 में बनाए जाने वाले मकर संक्रांति के त्यौहार के बारे में पूरी जानकारी देंगेl जानेंगे की मकर संक्रांति का त्योहार क्या है और मकर संक्रांति का त्यौहार किस तरह से भारत में मनाया जाता है। पूरी जानकारी के लिए पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें।

Makar Sankranti Utsav
Makar Sankranti Utsav

Makar Sankranti Utsav क्यों मनाया जाता है?

जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, तो मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है। वैज्ञानिक के अनुसार, शास्त्रों के अनुसार और कुछ ऐसी पौराणिक कथाएं हैं,जिनके आधार पर मकर संक्रांति का त्यौहार मनाए जाने के पीछे अलग-अलग कारण बताए जाते हैं। हम आपको कुछ प्रसिद्ध कथाएं बता रहे हैं।

शास्त्रों के अनुसार इसीलिए मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार

मकर संक्रांति का त्योहार मनाए जाने के पीछे शास्त्रों में यह बात कही गई है कि जब सूर्य दक्षिणायन में रहता है, तो उस अवधि को देवताओं के उतरायण के 6 महीने को दिन कहा जाता है । दक्षिणायन को अंधकार और नकारात्मक का प्रतीक माना जाता है।

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यह भी माना जाता है कि इस दिन देवता धरती पर उतरते हैं। कहा जाता है कि इस दिन जो भी दान पुण्य किया जाता है, उसका कई गुना होकर हमें वापस मिलता है। इसीलिए इस दिन बहुत लोगों काफी ज्यादा दान भी करते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार इसलिए मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार

वैज्ञानिकों के द्वारा भी मकर संक्रांति के त्यौहार के लिए कुछ मान्यता दी गई है। कहना है कि इस दिन सूर्य के उतरायण होने के कारण मौसम में बदलाव होना शुरू हो जाता है। कहां जाता है कि शीत ऋतु में मकर संक्रांति के बाद राहत मिलनी शुरू हो जाती है और मौसम थोड़ा गर्म होना शुरू हो जाता है।

जब मौसम अच्छा होगा तो अच्छे मौसम में किसानों के द्वारा अपनी अच्छी खेती की जा सकती है और जब खेती अच्छी होगी, तो इस दिन को किसान अपने अच्छे दिन के रूप में मनाते हैं। जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस दिन किसान अलग-अलग तरह के पकवान बनते हैं और घर में पूजा भी करते हैं।

सूर्य और शनि देव की कथा भी है काफी प्रचलित

मकर संक्रांति को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति मनाई जाने के पीछे सूर्य देव और शनि देव की एक कथा भी काफी ज्यादा प्रचलित है। कहा जाता है कि सूर्य देव को कुष्ठ रोग से पीड़ित देखकर यमराज काफी ज्यादा दुखी हो गए थे ।

यमराज के द्वारा सूर्य देव को कुष्ठ रोग से सही करने के लिए तपस्या की गई थी। सूर्य देव जी के द्वारा क्रोध में शनि महाराज के घर शनि की राशि कुंभ को जला दिया था। जिसके कारण शनि की माता और शनि को काफी ज्यादा दुख भोगना पड़ा था।

यमराज के द्वारा सूर्य देव जी को समझाया गया और फिर सूर्य देव जी ने कहा कि वह मकर के दिन शनि के घर आएंगे और  सारी समस्या का हल कर देंगे। यह मान्यता अब तक चलती आ रही है। कहा जाता है कि जो भी मकर संक्रांति के दिन पूजा करता है,अगर उसकी कुंडली में शनि देव विराजमान है और शनि का बुरा प्रभाव है, तो उसका प्रभाव कम हो जाता है। उसे दुख नहीं भोगने पड़ते हैं।

मकर संक्रांति का त्यौहार कैसे मनाया जाता हैं?

भारत में अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति के त्यौहार को अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठते है। सुबह जल्दी उठने के बाद स्नान किया जाता है।
अगर आपके पास उबटन है, तो ऊपर लगाकर आपको स्नान करना चाहिए। नहीं तो आप दूध और दही से भी स्नान कर सकते हैं। यह भी आपके लिए अच्छा रहेगा। बहुत लोग मकर संक्रांति के दिन प्रसिद्ध नदी या तीर्थ स्थान पर स्नान करने के लिए जाते हैं । जिसे काफी ज्यादा पवित्र माना जाता है।

मकर संक्रांति के दिन अपने आराध्य देवता की आरती की जाती हहै मकर संक्रांति के दिन वृक्ष काटना, कठोर बोलना, किसी जानवर को मारना, गाय या भैंस का दूध निकालने से संबंधित कार्य भी नहीं किए जाते हैं।

How Makar sankranti Celebrate In Hyderabad: हैदराबाद में मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है

भारत के हर राज्य में अलग-अलग तरीके से मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है‌। हैदराबाद में मकर संक्रांति का त्यौहार अन्य राज्यों की तुलना में अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति के लिए यहां पर तीन दिवसीय जश्न का आयोजन किया जाता है। तीन दिन तक धूमधाम से मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है।

पहले दिन भोगी की रस्म की जाती है। परंपरागत तरीके के अनुसार इस रस्म में सूर्य देव को पुरानी लकड़ी और सामान अर्पित किया जाता है। जिन्हें आग के माध्यम से जलाया जाता है। इसके बाद पुराने कपड़े और पुराने सामान को भी फेंक दिया जाता है और एक नई तरीके से त्यौहार की शुरुआत की जाती है।

जिसमें नए कपड़े पहने जाते हैं और नया सामान इस्तेमाल किया जाता है। भोग की रस्म में जो परंपरागत समारोह होता है, उसमें देसी बियर युवा अपने बदन पर डालते हैं। दूसरे दिन संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन घर के बड़े और बुजुर्ग लोगों को पारंपरिक भोजन पेश किया जाता है।

तीसरे दिन कनोमा मनाया जाता है। इस दिन पशुओं की पूजा की जाती हैl मकर संक्रांति वाले दिन हैदराबाद में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में पतंगे भी उड़ाई जाती हैं। जगह-जगह पर पतंग से संबंधित कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको मकर संक्रांति त्योहार के बारे में पूरी जानकारी दे दी है। उम्मीद करते हैं आप भी मकर संक्रांति का त्योहार धूमधाम से मनाएंगे।

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