गर्भवती स्त्री को गर्भावस्था के दौरान निरंतर सुझाव दिये जाते हैं कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं। इसी के चलते समयोपरांत कई भ्रांतियों ने जन्म ले लिया। आज के आधुनिक युग में भी इन भ्रांतियों का बड़े पैमाने पर अनुसरण किया जाता है। अतः यह लेख इन्हीं मिथ्या तथ्यों की अयथार्थता की सिद्धि को समर्पित है।
भ्रांति: पपीते का सेवन करने से गर्भ गिरने की संभावना है।
सत्य: पके हुए पपीते का सेवन गर्भवती स्त्री के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी, सी के साथ-साथ पोटेशियम,फाॅलिक एसिड व बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है जो शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सुधारता है। हालांकि गर्भवती महिला को कच्चे पपीते से परहेज़ रखना चाहिए क्योंकि इसमें पाये जाने वाले एन्ज़ाइम्स गर्भाशय को संकुचित कर सकते हैं।
भ्रांति: पालती मारकर बैठने से भ्रूण गिर जाएगा
सत्य: ऐसा कुछ नहीं है। पालती मारकर बैठने से मात्र रक्त संचार की गति धीमी पड़ जाती है, जिसके कारण आपको पैरों में हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
भ्रांति: गर्भवती स्त्री यदि रस्सी के ऊपर पैर रख देती है तो भ्रूण के गले पर गर्भनाल का फंदा बंध सकता है।
सत्य: स्पष्ट रूप से यह कथन सर्वथा तर्कहीन है। यह विश्वास करना ही कठिन है कि इस आधुनिक युग में भी लोग ऐसी विवेकहीन बातें मानते हैं।
भ्रांति: गर्भवती स्त्री द्वारा मसालेदार भोजन का अत्यधिक सेवन शिशु की दृष्टि को क्षीण कर सकता है तथा गर्भ गिरने का कारण भी बन सकता है।
सत्य: गर्भवती महिला के मसालेदार भोजन खाने का शिशु से किसी प्रकार का संबंध नहीं है। परंतु ऐसा करने से गर्भवती महिला को पेट में जलन तथा अपच संबंधी समस्या होने के आसार अवश्य होते हैं।
भ्रांति: गर्भावस्था में यदि महिला चूहों अथवा चींटियों के झुंड का रास्ता रोकती है तो शिशु के गर्भ से निकलने के रास्ते में भी बाधा उत्पन्न होगी।
सत्य: इस कथन का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। संभवतः इसके प्रचलन के पीछे की अवधारणा गर्भवती महिला को इन संक्रामक जीवों के संपर्क में आने से रोकने की रही होगी।
भ्रांति: गर्भावस्था में ठंडे पदार्थों का सेवन भ्रूण को क्षति पहुंचाता है।
सत्य: यह कथन अभी तक वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हुआ है। चिकित्सकों के अनुसार ठंडे पदार्थ आम तौर पर शिशु को प्रभावित नहीं करते। हालांकि इस अवस्था में सोडा आदि वातित पेयों के सेवन से बचना चाहिए।
भ्रांति: गर्भावस्था के दौरान ग्रहण में बाहर निकलने से गर्भपात हो सकता है।
सत्य: यह दावा निष्प्रमाण है। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से गर्भवती महिला की रक्षा करने के लिए यह कथन प्रचलन में आया है।
भ्रांति: पेट पर बार-बार हाथ फेरने से भ्रूण को हानि पहुंचती है।
सत्य: ऐसा बिल्कुल नहीं है। वास्तव में गर्भावस्था में पेट पर हल्का हाथ फेरते रहने से आराम की अनुभूति होती है, जिससे गर्भवती स्त्री को अच्छी नींद आती है तथा रक्त संचार सुधरता है। कई बार ऐसा करने से शिशु प्रतिक्रिया भी देता है।
गर्भावस्था के दौरान आपको उपरोक्त लिखित भ्रांतियों में से कुछ अवश्य सुनने को मिलेंगी। इन निराधार तथ्यों का खंडन करें और अपना ध्यान अपनी सेहत पर केंद्रित करें। भरपूर फल-सब्जियों का सेवन करें, खूब पानी पिएं, व्यायाम करें और धूप में बैठें। इसके उपरांत भी यदि आपके मन में कोई शंका हो तो अपने चिकित्सक से संपर्क करें।