Amalaki Ekadashi: आमलकी एकादशी का काफी महत्व होता है। हर वर्ष आमलकी एकादशी का व्रत किया जाता है। आज हम आपको आमलकी एकादशी व्रत के बारे में पूरी जानकारी बताने वाले हैं।
यह जानेंगे कि आमलकी एकादशी का महत्व क्या है, आमलकी एकादशी क्यों मनाई जाती है और आमलकी एकादशी व्रत विधि क्या है, ताकि जो भी कोई प्राणी इस व्रत को रखें, उसका कल्याण हो। चलिए विस्तार से जान लेते हैं।
Amalaki Ekadashi 2024 Mai Kab Manayi Jayegi: आमलकी एकादशी 2024 में कब मनाई जाएगी?
20 मार्च 2024 को आमलकी एकादशी मनाई जाएगी।
Amalaki Ekadashi Kya Hoti Hai: आमलकी एकादशी क्या होती है?
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। यह एकादशी हिंदू धर्म के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा तो की ही जाती है। भगवान विष्णु के साथ आंवला के पेड़ की पूजा भी की जाती है । कहां जाता है कि इस दिन जो भी प्राणी पानी में आंवाला डालकर नहा ले, उसे सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है ।
Amalaki Ekadashi Kyu Manate Hai: आमलकी एकादशी क्यों मनाते हैं?
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु जी की नाभि से ब्रह्मा जी की उत्पत्ति हुई थी। ब्रह्मा जी भगवान विष्णु से यह जानना चाहते थे कि उनकी उत्पत्ति कैसे हुई। इसीलिए उन्होंने भगवान विष्णु जी की तपस्या शुरू कर दी ।
भगवान विष्णु ब्रह्मा जी की पूजा आराधना से काफी ज्यादा खुश हुए और भगवान विष्णु जी ब्रह्मा जी के सामने प्रकट हो गए। ब्रह्मा जी भगवान विष्णु को देखकर काफी ज्यादा प्रसन्न हुए। प्रसन्नता के कारण उनकी आंखों से आंसू आ गए और उनके आंसू से आंवला का पेड़ बन गया।
तभी भगवान विष्णु ने कहा कि जो भी प्राणी सच्चे मन से आंवला के पेड़ के नीचे विधि विधान से मेरी पूजा करेगा, उसे जाने अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाएगी। इसके अलावा उसकी हर इच्छा पूरी होगी।
इसीलिए इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला की पूजा भी की जाती है और पानी में आंवला डालकर नहाया जाता है।
Amalaki Ekadashi Ka Mahatv Kya Hai: आमलकी एकादशी का महत्व क्या है?
जो भी प्राणी सच्चे मन से भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला के पेड़ की पूजा इस दिन कर लेता है, उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान विष्णु पूरी करते हैं।
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि अगर किसी से अनजाने में कोई पाप हुआ है, तो आमलकी एकादशी का व्रत रखने से उसके पाप का दोष भी खत्म हो जाता है।
Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi Kya Hai: आमलकी एकादशी की व्रत विधि क्या है?
इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवला के पेड़ की पूजा भी की जाती है। चलिए हम आपको अब भगवान विष्णु और आंवला के पेड़ की पूजा कैसे करनी है, अलग-अलग विधि बता देते हैं।
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भगवान विष्णु की पूजा इस प्रकार करें
- भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको सुबह उठकर जल्दी स्नान करना होगा
- भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करके, पूजा शुरू करें।
- धूप जलाएं, देसी घी का दिया जलाएं, फूल, फल, चंदन और अन्य पूजन सामग्री के माध्यम से विधि विधान से पूजा करें।
- भगवान विष्णु जी के मंत्र और आरती का भी उच्चारण करें।
- इस प्रकार भगवान विष्णु जी की पूजा पूरी हो जाएगी। आपको अगले दिन व्रत खोलना होगा।
- व्रत खोलने के लिए आप सात्विक भोजन या फिर फलहार का ही इस्तेमाल करें।
आवंला के पेड़ की पूजा इस प्रकार करें
- बिना आंवला के पेड़ की पूजा किए आमलकी एकादशी व्रत विधि पूरी नहीं होगी।
- सबसे पहले आपको आंवला के पेड़ के चारों ओर साफ सफाई करनी है।
- सफाई करने के बाद गोबर या फिर मिट्टी से लिपाई भी कर सकते हैं।
- इसके बाद आपको आंवला के पेड़ के पास वेदी बनानी होगी और वेदी में एक लोटा जल का भर कर रखना होगा।
- कलश पर चंदन का टीका लगाए।
- कलश में सुगंधी और पंच रत्न मिलाए।
- इसके बाद कलश पर एक मिट्टी का ढक्कन रख दे और उसके ऊपर दिया जलाएं।
- कलश को वस्त्र पहनाएं।
- भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें।
- इसके बाद जब आप व्रत को खोलेंगे, तो ब्राह्मण या गरीब लोगों को भोजन खिलाएं और उन्हें दान दक्षिणा दें।
- इस प्रकार से विधिपूर्वक आमलकी एकादशी व्रत पूरा हो जाएगा।