Piles Ya Bawasir Rog Kya Hai? कैसे होता है बवासीर? जाने इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Bawasir Rog Kya Hai: बवासीर को हम Piles या Hemorrhoids के नाम से भी जानते हैं। इस बीमारी के अंदर मरीज की गुदा मार्ग के अंदर और बाहर की तरफ सूजन आने लगती है, जिसकी वजह से मस्से बन जाते हैं। यह मस्से कभी गुदा मार्ग के अंदर की तरफ रहते हैं तो कभी बाहर की तरफ आ जाते हैं। ज्यादातर लोगों को उम्र के किसी ने किसी पड़ाव में पाइल्स की कम या ज्यादा समस्या जरूर होती है। अगर समय पर आप पाइल्स का इलाज करवा लेते हैं तो यह ठीक हो जाती है। अगर आप इसमें लापरवाही करते हैं तो आपको कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन देखने को मिल सकते हैं।

सामान्य तौर पर यह बीमारी अनुवांशिक रोग की वजह से होती है। अगर परिवार में पहले किसी को भी पाइल्स की बीमारी हो चुकी है तो संभव है कि आपको भी यह समस्या हो सकती है। पाइल्स का सटीक कारण क्या है इसकी अभी तक कोई भी जानकारी नहीं है लेकिन माना जाता है कि मल त्याग करते समय जब आप बहुत ज्यादा जोर लगाते हैं और यह समस्या आपको कई दिनों तक लगातार रहती है तो आपको पाइल्स की प्रॉब्लम हो जाती है। कई बार यह प्रॉब्लम इतनी बढ़ जाती है कि रोगी को गुदा मार्ग से ब्लीडिंग होने लगती है।

आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की बवासीर या पाइल्स क्या होता है? पाइल्स कितने प्रकार के होते हैं? पाइल्स का कारण लक्षण और बचाव क्या है? साथ ही बवासीर के डायग्नोसिस इलाज और कॉम्प्लिकेशंस के बारे में चर्चा करेंगे? अंत में आपको बताएंगे कि बवासीर की मरीज को क्या खाना चाहिए और कौन-कौन सी चीजों से परहेज करना चाहिए? पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।

बवासीर क्या है? | Bawasir Kya Hai?

बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के अंदर और गुदा के बाहरी भाग पर बहुत ज्यादा सूजन रहने लग जाती है, जिसकी वजह से फ्रेश होते समय बहुत ज्यादा दर्द का अनुभव होता है। गुदा मार्ग में जो टिश्यू रहते हैं उन पर लगातार प्रेशर पड़ने की वजह से वहां पर मस्से विकसित हो जाते हैं। अगर यह बीमारी लंबे समय तक रहती है तो यह मस्से फटने लगते हैं जिसकी वजह से ब्लीडिंग होने लगती है और कई बार गुदा मार्ग में इन्फेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। समय पर ट्रीटमेंट लेकर आप इस बीमारी का इलाज करवा सकते हैं।

बवासीर के ग्रेड | Piles Grades

बवासीर की बीमारी को मुख्य रूप से चार अलग-अलग ग्रेड में विभाजित किया गया है। जितने कम ग्रेड पर आपकी बीमारी है उतनी ही कम आपकी समस्या है और उतनी ही जल्दी इसे ठीक किया जा सकता है।

Grade I – जब आपको पाइल्स की बीमारी की शुरुआत होती है तो गुदा की परत के अंदर सूजन आने लगती है। ऐसी स्थिति में मस्से बहुत छोटे होते हैं और सूजन भी बहुत कम होती है। कई बार तो रोगी को इसके बारे में एहसास भी नहीं होता है।

Grade II – इस स्थिति में आपके पाइल्स या मस्सों का आकार बड़ा होने लगता है लेकिन अभी भी वह आपके गुदा मार्ग के अंदर ही स्थित रहते हैं अगर मल त्याग करते समय वह बाहर आ जाते हैं तो उसके बाद अपने आप ही अंदर भी चले जाते हैं

Grade III – तीसरी ग्रेड की बात करें तो इस प्रकार के बवासीर में गुदा मार्ग के बाहर तक आपको घाव हो जाते हैं और गुदा मार्ग बाहर की तरफ लटकने लग जाता है। हालांकि रोगी इसे अपने हाथ की सहायता से वापस अंदर कर सकता है।

Grade IV – यह बवासीर का सबसे खतरनाक रूप होता है। इसमें मस्से बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं और गुदा मार्ग से बाहर की तरफ ही रहते हैं। इसकी वजह से रोगी को बहुत ज्यादा तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि वह इसका प्रॉपर इलाज कर सके।

बवासीर के प्रकार | Bawasir Ke Parkar

बवासीर के प्रकार की बात करें तो यह मुख्य रूप से 4 प्रकार की होती है।

अंदरुनी बवासीर (Internal hemorrhoids)

इस प्रकार की पाइल्स रोगी के गुदा मार्ग के अंदर ही विकसित होती है। सामान्य तौर पर यह गुदा मार्ग के काफी अंदर होता है ऐसे में रोगी को कई बार यह महसूस नहीं होती है। इस प्रकार की पाइल्स किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं करती है। अगर अंदर किसी वजह से कोई घाव हो गया है तो वह अपने आप ही ठीक भी हो जाता है।

बाहरी बवासीर (External hemorrhoids)

इस प्रकार के पाइल्स रोगी की मलाशय के ठीक ऊपर विकसित होने लगते हैं। इस बवासीर को सामान्य तौर पर बादी बवासीर के नाम से जानते हैं। कई बार ऐसा होता है कि रोगी जब मल त्याग कर रहा होता है उस स्थिति में यह बाहर की तरफ दिखाई देते हैं लेकिन ज्यादातर मामलों में यह अंदर ही रहते हैं और एक गांठ की तरह नजर आते हैं। सामान्य तौर पर इस प्रकार के पाइल्स भी ज्यादा गंभीर नहीं होते हैं। हालांकि आपको दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

प्रोलेप्सड बवासीर (Prolapsed hemorrhoids)

जब इंटरनल पाइल्स के अंदर बहुत ज्यादा सूजन आने लगती है तो वह धीरे-धीरे बाहर की तरफ आने लगती है जिसे हम प्रोलेप्स बवासीर के नाम से जानते हैं। इस प्रकार की पाइल्स में मस्से बाहर की तरफ एक गांठ के रूप में नजर आने लगते हैं। यह गांठ हमें सूजन के रूप में दिखाई देती है।

खूनी बवासीर (Thrombosed hemorrhoids)

यह सबसे कॉम्प्लिकेटेड रूप है, इस स्थिति में खून के थक्के बनने लगते हैं जिससे अंदरूनी और बाहरी पाइल्स विकसित होने लगती है। रोगी जब मल त्याग करता है तो उसे दौरान उसकी बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है। यह ब्लीडिंग बूंद बूंद के रूप में या फिर धार के रूप में भी हो सकती है।

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बवासीर के कारण | Bawasir Ke Karan

सामान्य तौर पर पाइल्स का कारण पीढ़ी दर पीढ़ी फैलता रहता है। यह एक अनुवांशिक रोग है लेकिन इसके अलावा भी कई प्रकार के ऐसे कारण है जिसकी वजह से आपको यह बीमारी हो सकती है।

  • लंबे समय तक खड़े रहने वाली जॉब करते हैं जैसे बस कंडक्टर, ट्रैफिक पुलिस आदि तो आपको यह रोग होने की संभावना है।
  • अगर आपको लंबे समय तक कब्ज रहती है, मल त्याग करने में कठिनाई रहती है, ज्यादा देर तक उकड़ू बैठते हैं तो यह परेशानी हो सकती है।
  • ज्यादा तला हुआ मिर्च मसाले युक्त भोजन करते रहने से यह बीमारी हो जाती है।
  • लंबे समय तक कब्ज की समस्या रहने से आपको पाइल्स हो सकता है।
  • अगर आप फाइबर युक्त भोजन नहीं करते हैं तो आपको पाइल्स हो सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को पाइल्स हो सकता है।
  • अगर आप शारीरिक गतिविधियां बहुत कम करते हैं और आलस करते हैं तो आपको पाइल्स हो सकता है।
  • हमेशा अगर आप धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं तो पाइल्स हो सकता है।
  • अगर आप लंबे समय तक डिप्रेशन में रहते हैं तो आपको पाइल्स हो सकता है।

बवासीर के लक्षण | Bawasir Ke Lakshan

पाइल्स हो जाने के बाद आपको गुदा मार्ग के आसपास बहुत कठोर और गांठ जैसा महसूस होने लगता है। कई बार इसमें दर्द होता है तो कई बार इसमें खून आता है।

  • अगर आपको लगता है की मल त्याग करने के बाद भी आपका पेट भरा हुआ है तो यह पाइल्स के लक्षण है।
  • मल त्याग करते समय बहुत ज्यादा दर्द होना पाइल्स के लक्षण है।
  • गुदा मार्ग के आसपास खुजली रहना, लालीपन रहना, सूजन रहना, पाइल्स के लक्षण है।
  • अगर आपको अपने मल में म्यूकस नजर आए तो यह है पाइल्स के लक्षण है।
  • दिन भर बार-बार मल त्याग करने की इच्छा होते रहना पाइल्स के लक्षण है।

इस प्रकार के लक्षण अगर आपको कभी भी नजर आते हैं तो आपको बिल्कुल लापरवाही ना करते हुए जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपना उचित ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।

बवासीर से बचाव | Bawasir Ke Bachav

पाइल्स की बीमारी होने से बचना है तो कुछ बचाव आपको पहले से ही अपनाने होंगे ताकि यह गंभीर समस्या आपको ना हो, क्योंकि इस प्रकार की बीमारी में सामान्य तौर पर रोगी किसी से चर्चा भी नहीं करते हैं और उनको यह बीमारी कई बार कॉम्प्लिकेटेड हो जाती है। आईए जानते हैं इससे बचाव के उपाय…

  • टॉयलेट सीट पर आपको ज्यादा समय तक नहीं बैठना है क्योंकि इसकी वजह से आपके गुदा मार्ग और उसके आसपास के क्षेत्र पर दबाव बढ़ता है।
  • जितना ज्यादा हो सके पानी पिए इससे आपको कब्ज नहीं होगी और मल त्याग करने में भी आसानी होती है।
  • जब भी आपको मल त्याग करने का प्रेशर आता है तो इसे अनदेखा न करें और तुरंत फ्रेश होने जाए ताकि आपको ज्यादा जोर ना लगाना पड़े।
  • अपनी डाइट में आपको फाइबर युक्त भोजन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना है। हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, अपनी भोजन में ज्यादा से ज्यादा लेना है, ईसबगोल को अपनी डाइट में शामिल कर लेना है।
  • नियमित रूप से आपको एक्सरसाइज करना है और अपने शरीर को एक्टिव रखना है योगा करना है ताकि आपकी पेट की अच्छी एक्सरसाइज हो सके।
  • कभी भी एक जगह लंबे समय तक नहीं बैठता है या फिर एक जगह लंबे समय तक खड़े नहीं रहना है। हमेशा बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें और इधर-उधर घूमते रहे।

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बवासीर का डायग्नोसिस | Bawasir Ke Diagnosis

सामान्य तौर पर जब कोई भी रोगी डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर उसका इलाज करने के लिए उसके सभी लक्षणों के बारे में उससे पूछताछ करता है। जिससे पता लग सके कि किस प्रकार की पाइल्स रोगी को है। कई बार डॉक्टर एनोस्कॉपी के माध्यम से गुदा मार्ग का परीक्षण करते हैं ताकि अंदर तक देखा जा सके की किस प्रकार का पाइल्स रोगी को है।

बवासीर का इलाज | Bawasir Ka ilaj

ज्यादातर मामलों में पाइल्स अपने आप ही ठीक हो जाता है इसके लिए रोगी को अपने लाइफस्टाइल का ध्यान रखना होता है। रोगी अपने खान-पान में बदलाव करके बवासीर की समस्या को खुद ही ठीक कर सकते हैं। जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर मुख्य रूप से तीन प्रकार से आपका इलाज करते हैं।

रोगी की लाइफस्टाइल में परिवर्तन से इलाज

  • डॉक्टर आपको अपनी लाइफस्टाइल में परिवर्तन करने के बारे में कहते हैं, साथ ही आपको हाई फाइबर युक्त फल और सब्जियां खाने के लिए कहते हैं।
  • इसके साथ ही रोगी को ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है ताकि उसको कभी भी कब्ज न हो।
  • किसी भी प्रकार के नशे से रोगी को दूर रहने की सलाह दी जाती है।
  • अगर रोगी मोटापे का शिकार है तो उसे वजन कम करने की सलाह दी जाती है।

पाइल्स का दवा के माध्यम से इलाज

अगर आपको पाइल्स की परेशानी बहुत ज्यादा नहीं है तो आप डॉक्टर द्वारा दी गई कई प्रकार की मरहम, क्रीम, दर्द निवारक दवाइयां आदि का उपयोग करके ट्रीटमेंट कर सकते हैं। अगर आपको कब्ज रहती है तो डॉक्टर आपको जुलाब की दवाई देता है। सामान्य तौर पर ग्रेड दो और ग्रेड तीन की पाइल्स के इलाज के लिए इस प्रकार का ट्रीटमेंट किया जाता है, जिसमें डॉक्टर आपको पाइल्स के सूखने की दवाई देते हैं। कुछ समय बाद पाइल्स सूखकर झड़ जाती है और यह लुप्त हो जाती है।

पाइल्स का सर्जरी के माध्यम से इलाज

  • इसका ट्रीटमेंट स्क्लेरोथेरेपी के माध्यम से भी किया जाता है जिसमें बवासीर सिकुड़ कर सुख कर झड़ जाता है।
  • इंफ्रारेड कोएगुलेशन के माध्यम से भी बवासीर का इलाज किया जाता है जिसमें बवासीर के मस्सों को इंफ्रारेड किरणों द्वारा जलाकर नष्ट कर दिया जाता है।
  • अगर आपको अन्य किसी प्रकार से आराम नहीं आ रहा है तो जनरल सर्जरी के माध्यम से पाइल्स का इलाज किया जाता है।
  • अगर आपको ब्लीडिंग पाइल्स है तो हेमोर्रोइडेक्टमी के माध्यम से खूनी बवासीर के मस्सों को हटा दिया जाता है।
  • कई बार ब्लीडिंग को रोकने के लिए खूनी बवासीर के मस्सों को बंद दिया जाता है, इसके बाद कुछ समय में यह सुख कर नष्ट हो जाते हैं।

बवासीर के कॉम्प्लिकेशंस | Bawasir Ke Complication

अगर आप अपनी पाइल्स की बीमारी का इलाज समय पर नहीं करवाया है तो कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन उत्पन्न हो सकते हैं। यह कॉम्प्लिकेशन कई बार बहुत ही ज्यादा परेशानी का कारण बन जाते हैं। आईए जानते हैं इसके बारे में…

  • अगर आपको बाहरी पाइल्स है तो समय पर इलाज नहीं करवाने से उनमें ब्लीडिंग होने लगती है।
  • बवासीर की वजह से गुदा के अंदर का हिस्सा भी बाहर निकल जाता है जिसे स्ट्रगुलेशन या थ्रांबोसिस कहते हैं।
  • कई बार गुदा मार्ग में अल्सर उत्पन्न होने लगता है जिससे मवाद पड़ जाती है।
  • अगर गुदा मार्ग में किसी भी वजह से खून की सप्लाई रुक जाती है तो वहां पर गैंग्रीन उत्पन्न हो जाता है।
  • गुदा मार्ग का इन्फेक्शन भी हो सकता है।

बवासीर के मरीज को क्या खाना चाहिए | Bawasir Ke Marij Ko Kya Khana Chahiye?

पाइल्स हो जाने पर मरीज को ऐसा भोजन करना चाहिए जिसकी तासीर ठंडी हो, जो पचाने में आसान हो और जिसमे फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा हो। इससे पाइल्स ठीक करने में भी मदद मिलती है। रोगी को अपने भोजन में नीचे बताई चीज जरूर शामिल करनी चाहिए।

  • अंकुरित अनाज
  • दही या छाछ
  • पानी
  • पत्तीदार सब्ज़ियां 
  • साबुत अनाज
  • ताज़ा फल

बवासीर के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए | Bawasir Ke Marij Ko Kya Nahi Khana Chahiye?

बवासीर हो जाने पर आपको कुछ चीजों से हमेशा ही परहेज करना चाहिए क्योंकि यह चीज आपकी पाइल्स की बीमारी को और भी ज्यादा बढ़ा देंगे और उसे कॉम्प्लिकेटेड कर देंगे।

  • कैफीनयुक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कॉफ़ी, चाय
  • शराब
  • कार्बोहाइड्रेट या वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ
  • मांस, मछली, और अंडे
  • चटपटा खाना जैसे पानी पुरी चटपटी चाट आदि
  • फर्मेंट किए हुए खाद्य पदार्थ से बचाना है
  • किसी भी प्रकार के जंक फूड का इस्तेमाल नहीं करना है
  • किसी भी प्रकार के एसिडिक खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना है

सारांश | Conclusion

पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जो सामान्य तौर पर कोई भी व्यक्ति जीवन में एक बार कम या ज्यादा जरुर महसूस करता है। अगर अनुवांशिक रूप से यह बीमारी आपकी पीढ़ियों में चलती आ रही है तो जीवन में कभी ना कभी आपको पाइल्स होती जरूर है। सामान्य तौर पर पाइल्स अपने आप ही ठीक हो जाती है लेकिन आपको ज्यादा समस्या हो रही है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सामान्य तौर पर हमारी भागदौड़ भरी जिंदगी और व्यस्त लाइफस्टाइल की वजह से यह बीमारी होती है।

अगर आज आपने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ लिया है तो आपको पाइल्स की बीमारी के बारे में बहुत सारी जानकारी मिल गई है। इस जानकारी को सिर्फ आपको अपने आप तक सीमित नहीं रखता है बल्कि उन लोगों तक भी शेयर करना है। इसी प्रकार की जानकारी के लिए नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

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