Atal Setu: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई ट्रांसफार्मर लिंक का उद्घाटन कर दिया है। 21 किलोमीटर लंबी इस पुल को अटल सेतु का नाम दिया गया है। यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल बन गया है। यह पुल दक्षिणी मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ता है जिसकी वजह से इन दोनों ही शहरों के बीच की दूरी बहुत ही कम हो जाएगी, साथ ही ईधन और समय की बचत होगी।
इस पुल का निर्माण कार्य 2016 में शुरू किया गया था। 7 साल के बाद इसका काम पूरा हुआ है। पुल का काम 4 साल में पूरा होना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसका काम रोक दिया गया था। अब नवी मुंबई और दक्षिण मुंबई के बीच में जो 2 घंटे की दूरी थी वह घटकर मात्र 20 मिनट हो गई है।
इस पुल की आधारशिला 2016 में रखी गई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही यह काम किया था। अब इस पूल के माध्यम से मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच में सीधा संपर्क हो पाएगा। इस पुल की वजह से पुणे, गोवा, दक्षिण भारत की यात्रा करने में भी समय की कटौती हो जाएगी। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9.2 किलोमीटर लंबी सुरंग जिसकी लागत 8700 करोड रुपए आएगी उसके आधारशिला रखी। इसके अलावा 30000 करोड रुपए से अधिक की योजनाओं का उद्घाटन किया।
कितनी है अटल सेतु की लंबाई
अटल सेतु छह लेन का पुल है जिसकी कुल लंबाई 21.8 किलोमीटर की है। यह पुल 16.5 किलोमीटर पानी के ऊपर बनाया गया है और 5.5 किलोमीटर जमीन के ऊपर बनाया गया है।
अटल सेतु बनाने में कितना खर्चा आया
इस पुल को बनाने के लिए 17840 करोड रुपए की लागत लगाई गई है। इसमें कुल 177903 मीट्रिक टन स्टील 54253, मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी ने जितना विश्वास जताया है उसके अनुसार आने वाले 100 वर्षों तक यह है पुल चलता रहेगा।
अटल सेतु की विशेषताएं
यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है जिसमें स्वचालित टोल संग्रह और एआई परिवहन प्रणाली का उपयोग किया गया है। इस पुल के निर्माण के लिए एक बहुत लंबे और तो टॉपिक स्टील डेक का इस्तेमाल किया गया है। इस पुल के ऊपर कार, टैक्सी, हल्के वजन वाले वाहन, छोटी बसें, दो एक्सेल वाली बसें छोटे ट्रक जाने की अनुमति रहेगी। टोल पर जाने के लिए अलग-अलग प्रकार के वाहनों से अलग-अलग प्रकार का टोल वसूला जाएगा। इस पुल के ऊपर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार में गाड़ी चला सकते हैं।