एनीमिया जैसी बीमारी पर ज्यादा चर्चा नही की जाती और न ही ज्यादा इसपर ध्यान दिया जाता लेकिन हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि एनीमिया एक गंभीर बीमारी है जो खासकर गर्भ महिलाओं को होता है अगर समय से इसका इलाज नहीं किया जाए तो ये एक गंभीर रूप ले लेती है।
क्या होता है एनीमिया:
एनीमिया का सरल अर्थ है, शरीर में खून की कमी का होना दरअसल हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन नामक ऐसा एक तत्व होता है जो खून की मात्रा को बताता है।
एनीमिया की बीमारी हमारे शरीर में तब होता है जब खून के बनने वाले कणों की मात्रा उनके नष्ट होने की मात्रा से कम होती है एनीमिया की बीमारी किशोरावस्था में सबसे ज्यादा होती है। जो महिलायें गर्भ से होती हैं उन्हें बढ़ते शिशु के लिए रक्त का निर्माण करना पड़ता है इसीलिए यह बीमारी गर्भ महिलाओं को सबसे ज्यादा होती है। भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा महिलायें एनीमिया की बीमारी से पीड़ित हैं।
एनीमिया के प्रकार:
आयरन की कमी के कारण एनीमिया:
यह एनीमिया तब होता है जब शरीर में अत्यधिक खून में कमी होती है यह एनीमिया का प्रकोप अकसर में देखने को मिलता है।
इलाज: इस एनीमिया के उपचार के लिए अपने आहार में बदलाव कर सकते हैं और आयरन से भरपूर चीज़ों का सेवन करें
अप्लास्टिक:
एनीमिया का एक ऐसा प्रकार जो हड्डियों की मज्जा पर्याप्त रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है जिस कारण कई स्वस्थ से संबंधित बीमारियॉं लग जाती हैं जैसे सक्रमण, असामान्य दिल की धड़कन।
इलाज: खून में लाल रक्त कोशिकाओं को का स्तर बढ़ाने हेतु रक्त आदान करने की जरूरत होती है।
परनिशियस:
परनिशियस एनीमिया तब होता है जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं हो पाता है क्यूंकि शरीर में पर्याप्त विटामिन B-12 न होने की वजह से प्रोटें की कमी हो जाती है।
इलाज: फोलिक एसिड से भरपूर चीज़ों का सेवन, ज्यादा मात्रा में पानी पीना
एनीमिया के लक्षण:
- स्किन का सफेद दिखना
- जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी
- कमजोरी या अधिक थकावट रहना
- चक्कर आना- विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में।
- बेहोश होना
- सांस फूलना
- चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना
- सिरदर्द
- हाथों और पैरों का ठंडा होना
एनीमिया के कारण:
- लौह तत्व वाली चीज़ों का सही मात्रा में सेवन न करना
- मलेरिया के बाद जिससे लाल रक्त करण नष्ट हो जाते हैं।
- किसी कारण शरीर से खून निकलना या फिर शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहाव
- पेट में कीड़े लगना
- बार-बार प्रेगनेंट होना
एनीमिया के उपचार तथा रोकथाम:
अगर आप भी एनीमिया की बीमारी से पीड़ित हैं तो उसका इलाज काफी जरूरी है साथ ही आप कुछ घरेलू उपाय कर एनीमिया से छुटकारा पा सकते हैं।
- ऐसे फूड्स का सेवन करे जो विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ युक्त हों।
- जो महिलाएं गर्भवती हैं उन्हें 100 दिन तक फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाना खाने के बाद लेनी चाहिए।
- यदि आप भोजन के बाद चाय का सेवन करते हैं तो यह हानिकारक हो सकता है।
- काली चाय एवं कॉफी का सेवन अधिक मात्रा में न करें।
- हमेशा शौचालय को साफ़ रखे।
- नियमित दिन में 10 से 14 गिलास पानी पीएं।
- खाना लोहे की कड़ाही में पकाएं।
हमारे शरीर में खून को स्वस्थ और लाल बनाने के लिए फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है अगर आपकी शरीर में फोलिक एसिड की कमी है तो एनीमिया की बीमारी हो सकती है।
किस चीज़ का सेवन कर प्राप्त करें फोलिक एसिड
- हरी और पत्तेदार सब्जियां
- गोभी
- पानी
- आलू
- मछली
- बाजरा
- अंडे
- शलजम
- मशरूम
- मूंगफली
- एनीमिया के बेहतर इलाज के लिए विटामिन की आवश्यकता होती है।
- विटामिन ए की कमी को दूर करने के लिए खट्टे फलों का सेवन करे।
- हमें मूली, गाजर, टमाटर, शलजम, खीरा जैसी कच्ची सब्जियां प्रतिदिन खानी चाहिए।
- अंकुरित दालों का सेवन करने से बीमारी से छुटकारा मिलता है।
एनीमिया का सही इलाज न होने से संभवित समस्याएं:
ज्यादा थकान: यदि एनीमिया गंभीर रूप ले ले तो तो आपको काफी थकावट हो सकती है और आप दिनचर्या में काम करने में असफल रहेंगे।
गर्भावस्था में कमी: खून की कमी के कारण गर्भावस्था में महिलाओं को जटिलताएं हो सकती हैं।
मृत्यु: अगर एनीमिया का इलाज ठीक तेह से न हो तो शरीर में खून की कमी के कारण मृत्यु भी हो सकती है।