Ulcer Kya Hai? जाने अल्सर के कारण, लक्षण और उपचार

Ulcer Kya Hai: पेट के अन्दर की दीवारों पर कई बार घाव हो जाते है जिसकी वजह से हमें बहुत ज्यादा दर्द और जलन का अनुभव होता है। पेट के अन्दर के अंग जैसे छोटी आंत, बड़ी आंत में श्लेष्मा की एक मोटी परत होती है जो विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और इन्फेक्शन से पेट की रक्षा करती है। अलसर हो जाने पर हम प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं लेते है तो इसके खतरनाक परिणाम हमें देखने को मिलते है। ऐसे में आपको अलसर की बीमारी के बारे में सभी प्रकार की जानकारी पहले ही होना जरुरी है

आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की अलसर क्या है? अलसर के लक्षण और कारण क्या है? अलसर कितने प्रकार का होता है? अलसर का उपचार कैसे करते है? ऐसी सभी जानकारी के लिए आपको आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढना होगा।

अल्सर क्या हैं? | Ulcer Kya Hai?

पेट के अन्दर की दीवारों पर एक चिकनी परत होती है जिसे हम म्यूकस मेम्ब्रेन के नाम से जानते है। यह परत पेट में बनने वाले खतरनाक हाइड्रोक्लोरिक एसिड से पेट के अन्दर की दीवारों और अंगो को सुरक्षित रखती है। यह एसिड पेट में भोजन को पचाने के लिए बहुत जरुरी होता है। यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ होने पर पेट के अंदर की परत को नष्ट करने लगता है जिसकी वजह से घाव हो जाते हैं। बहुत सारी दवा और एंटीबायोटिक लेने से भी कई बार पेट में अल्सर हो जाता है। कई प्रकार के बैक्टीरिया की वजह से भी पेट में इस प्रकार के अल्सर हो जाते हैं जो बहुत ही तकलीफ दायक होते हैं। पेट के अलावा शरीर के अन्य अंगों में भी अल्सर हो सकता है।

अल्सर कितने प्रकार के होते हैं? | Ulcer Kitne Parkar Ke Hote Hai?

अल्सर कई प्रकार का होता है। सामान्य तौर पर पेट में ही अल्सर होता है लेकिन शरीर के कुछ अन्य अंग भी है जहां पर अल्सर हो सकता है। आईए जानते हैं अल्सर के अलग-अलग प्रकार…

पेप्टिक अल्सर

पेट की अंदर की जो परत होती है उसमें छोटी आंत के ऊपरी हिस्से पर अल्सर हो जाते हैं उसे हम पेप्टिक अल्सर कहते हैं। पेट में बनने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड और कहीं प्रकार के एंजाइम की वजह से पेट के अंदर की परत को नुकसान हो जाता है। कई बार एंटीबायोटिक दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से भी इस प्रकार से पेप्टिक अल्सर बन जाता है। पेप्टिक अल्सर कई प्रकार के होते हैं जिसे हम गैस्ट्रिक अल्सर, छोटी आंत का अल्सर और बड़ी आंत के अल्सर के नाम से जानते हैं।

धमनी अल्सर

इस प्रकार का अल्सर सामान्य तौर पर आपके टखने पर, पैरों की उंगलियां, एड़ी के बाहर के हिस्से की तरफ विकसित हो जाते हैं। इस प्रकार के अल्सर की वजह से यहां पर ब्लड वेसल को काफी ज्यादा नुकसान होता है। इसकी वजह से लाल और पीले या फिर कभी-कभी काले रंग के निशान पड़ जाते हैं और स्किन और पैरों में दर्द रहने लगता है।

वेनस अल्सर

इस प्रकार का अल्सर बहुत ही सामान्य है। अल्सर हमारे पैर और घुटने के बीच टखने के अंदरूनी क्षेत्र पर यह अल्सर हो जाता है। यहां पर ब्लड सप्लाई जब सही प्रकार से नहीं होती है तो यहां अल्सर उत्पन्न हो जाते हैं। इसकी वजह से आपको सूजन, दर्द, जलन और म्यूकस का डिस्चार्ज देखने को मिलता है।

माउथ अल्सर

कई बार हमारे मुंह के अंदर भी छाले हो जाते हैं जिसे हम सामान्य तौर पर माउथ अल्सर के नाम से जानते हैं। यह छाले आपके गाल के ऊपर, जीभ के ऊपर और मसूड़े के ऊपर होते हैं। बहुत ज्यादा एसिडिक फूड खाने से, बहुत ज्यादा गर्म चीज खाने से और कई बार चोट लग जाने की वजह से भी मुंह के अंदर अल्सर उत्पन्न हो जाता है। अगर आप नियमित रूप से मुंह की सफाई नहीं करते हैं तो ऐसा अल्सर होता है।

जेनिटल अल्सर

कई बार यह अल्सर हमारी लिंग, योनि और गुदा मार्ग के आसपास के क्षेत्र में उत्पन्न हो जाते हैं। सामान्य तौर पर इस प्रकार का अल्सर लंबे समय तक यौन संचारित बीमारियों के रहने से, किसी विशेष प्रकार की एलर्जी से, किसी ट्रॉमा की वजह से होते हैं।

कई बार ऐसा होता है कि जब अस्पताल में मरीज लंबे समय तक बेड पर रहते हैं और नियमित रूप से उनकी स्लीपिंग पोजिशन या आराम करने की पोजीशन को चेंज नहीं किया जाता है तो कई बार पीठ पर उनको अल्सर उत्पन्न हो जाते हैं।

अल्सर के लक्षण क्या हैं? | Ulcer Ke Lakshan Kya Hai?

अल्सर होने पर कई प्रकार के लक्षण आपके शरीर में दिखाई देते हैं। हालांकि कुछ लक्षण ऐसे भी हो सकते हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग पाए जा सकते हैं। आईए जानते हैं इन लक्षणों के बारे में…

  • पेट का अल्सर होने पर सामान्य तौर पर हमें पेट के ऊपर के भाग में या नाभि के ऊपर की तरफ तो कई बार छाती में दर्द और जलन का अनुभव होता है।
  • अल्सर के अंदर हमें पेट में बहुत तेज जलन, दर्द और काटने जैसा अनुभव होता है।
  • सामान्य तौर पर यह दर्द जब हम खाली पेट रहते हैं तो और भी ज्यादा महसूस होता है।
  • रात के समय और सुबह जल्दी हमें यह दर्द ज्यादा महसूस होता है।
  • अल्सर के दौरान कई बार कुछ मिनट से लेकर कई घंटे तक लगातार दर्द होता रहता है।
  • अल्सर के अंदर जी मिचलाना, उल्टी आना, भूख नहीं लगना और वजन कम होने जैसे लक्षण हमें नियमित रूप से नजर आते हैं।
  • अल्सर में आपका पेट फूल जाना और सीने में जलन एक मुख्य लक्षण है।
  • आपके मल के अंदर खून आ सकता है।
  • आपकी खाने-पीने का रूटीन चेंज हो जाता है।

अल्सर के कारण क्या हैं? | Ulcer Ke Karan Kya Hai ?

अल्सर सामान्य तौर पर दो मुख्य कारणों की वजह से होता है, जिसमें पहला कारण बैक्टीरिया की वजह से और दूसरा कारण दवाओं की वजह से। आईए जानते हैं इसके बारे में…

बैक्टीरिया के कारण अल्सर

एक बैक्टीरिया है जिसका नाम हेलीकोबेक्टर पाइलोरी है। यह बैक्टीरिया बहुत ही सामान्य है जिन्हें हम सामान्य तौर पर महसूस नहीं कर पाते हैं। इस बैक्टीरिया के लक्षण को समझ पाना हमारे लिए आसान भी नहीं होता है। सामान्य तौर पर यह बैक्टीरिया हमारे पेट के भीतर पाई जाने वाली परत पर पाया जाता है। इसी वजह से किसी भी उम्र में आप अल्सर की चपेट में आ सकते हैं। 

इस बैक्टीरिया की वजह से पेट में बनने वाली एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसकी वजह से यह एसिड पेट के अंदर की म्यूकस मेंब्रेन को नष्ट कर देता है। इसके बाद हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया का संक्रमण फैलने लगता है। सामान्य तौर पर यह बैक्टीरिया खराब भोजन और खराब पानी की वजह से एक्टिव हो जाता है।

दर्द निवारक दवाओं के कारण अल्सर

बहुत सारी दर्द निवारक दवाई और एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स जैसे आइब्यूप्रोफ़न (Ibuprofen), एस्पिरिन (aspirin), नेपरोक्सन (Naproxen) का जब आप नियमित रूप से लंबे समय तक उपयोग करते हैं तो इसकी वजह से भी आपको अल्सर हो सकता है। कई अन्य ऐसी दवाएं हैं जैसे स्टेरॉयड, एंटीकोगुलेंस, सिलेक्टिव सेराटोनिन इंसिबिटर्स जैसी दवाओं की वजह से भी आपको अल्सर हो सकता है।

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अल्सर होने के अन्य कारण

  • ऊपर बताए गए दोनों कारणों के अलावा भी बहुत सारे ऐसे कारण है जिसकी वजह से अल्सर होता है।
  • 50 वर्ष से अधिक की उम्र में आपको अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • नियमित रूप से बहुत ज्यादा शराब और तंबाकू का सेवन अल्सर को बढ़ाता है।
  • अगर आप बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं तो अल्सर हो सकता है।
  • बहुत ज्यादा मसालेदार भोजन नियमित रूप से करने से अल्सर होता है।
  • हमें किसी भी प्रकार से लिवर किडनी या फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी हुई है तो अल्सर हो सकता है।
  • अगर आप रेडिएशन वाले क्षेत्र में बहुत ज्यादा रहते हैं तो आपको अल्सर हो सकता है।

अल्सर का डायग्नोसिस | Ulcer Ka Diagnosis

अगर आपको अल्सर है तो डॉक्टर कई प्रकार से आपकी जांच करके अल्सर का पता लगते हैं। आईए जानते हैं इसके बारे में

यूरिया ब्रेथ टेस्ट

इस प्रकार के टेस्ट में रोगी को हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया से संक्रमण है या नहीं इसका पता लगाया जाता है। इसके लिए पहले रोगी को एक विशेष प्रकार का ड्रिंक दिया जाता है। इसकी वजह से पेट में उपस्थित हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया टूटने लगता है। इसके बाद रोगी का सांस का टेस्ट किया जाता है जिससे पता लगता है कि उसे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी का संक्रमण है या नहीं।

स्टूल एंटीजन टेस्ट और ब्लड टेस्ट

पहले अल्सर का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता था लेकिन अब स्टूल एंटीजन टेस्ट किया जाता है। स्टूल के अंदर यह चेक किया जाता है कि उसमें हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया है या नहीं।

गैस्ट्रोस्कॉपी

इस प्रकार के टेस्ट में एक एंडोस्कोपी के माध्यम से कैमरा पेट के अंदर पहुंचा जाता है जिससे यह चेक किया जाता है कि पेट के अंदर अल्सर है या नहीं। इसके लिए पहले आपके गले पर और मुंह के अंदर एक पदार्थ का छिड़काव किया जाता है जिससे आपको कैमरे को अंदर निकलने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है।

एंडोस्कोपी

एंडोस्कोपी के माध्यम से पेट में बने वाले एसिड की मात्रा को काम किया जाता है। इसके लिए एक एंडोस्कोपिक बैलून का उपयोग किया जाता है।

अल्सर का इलाज कैसे करें? | Ulcer Ka Ilaj Kaise Kare?

सामान्य तौर पर अल्सर का इलाज एंटासिड और एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। एंटासिड की वजह से पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को कंट्रोल किया जाता है और एंटीबायोटिक आपके पेट में उपस्थित हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया को नष्ट करने में काम आती है। अगर अल्सर को हम बिना ट्रीटमेंट के छोड़ दें तो आगे चलकर आपको एनीमिया और पेट की आंत का कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है।

सामान्य तौर पर दवाओं के माध्यम से ही अल्सर का ट्रीटमेंट कर दिया जाता है लेकिन कभी-कभी कुछ अवस्था में आपको सर्जिकल प्रोसेस का भी सामना करना पड़ सकता है। सामान्य तौर पर अल्सर की ट्रीटमेंट के दौरान आपको स्मोकिंग और शराब छोड़नी होती है। इसके अलावा किसी भी प्रकार की नॉन-स्टेरॉयडल ड्रग का उपयोग करने से मना किया जाता है।

अल्सर की कॉम्प्लिकेशंस क्या हैं? | Ulcer Ki Complications Kya Hai

जब अल्सर होता है और हम इसका समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो आगे चलकर आपको कोई प्रकार की कॉम्प्लिकेशन देखने को मिल सकते हैं। आईए जानते हैं कुछ ऐसे ही कॉम्प्लिकेशन के बारे में…

इंटरनल ब्लीडिंग

सामान्य तौर पर जब भी अल्सर होता है तो आपको इंटरनल ब्लीडिंग देखने को मिलती है। आपके शरीर के अंदर जहां पर अल्सर बने हुए हैं वहां से ब्लीडिंग होती है। अगर लंबे समय तक ऐसा होता है तो आपको एनीमिया की शिकायत हो सकती है। इंटरनल ब्लीडिंग होने पर आपको उल्टी या मल के अंदर रक्त के सैंपल देखने को मिल जाते हैं। एंडोस्कोपी के माध्यम से इंटरनल ब्लीडिंग का सामान्य तौर पर पता लग जाता है।

परफोरेशन

अल्सर होने के बाद सामान्य तौर पर परफोरेशन नहीं होता है। लेकिन ऐसा हो गया है तो यह बहुत ही सीरियस कंडीशन है। इसकी वजह से पेट के अंदर बैक्टीरिया जो फैला हुआ है वह शरीर के दूसरे अंगों तक फैल जाता है। साथ ही अल्सर की वजह से आपको बहुत तेजी से इंफेक्शन होता है जो आगे चलकर बहुत ही घातक हो जाता है।

सारांश | Conclusion

अल्सर एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। इसके लक्षण अगर आपको नजर आते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पेट का अल्सर बहुत ही सामान्य है और इसके बहुत ज्यादा लक्षण नजर आने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। अल्सर के अंदर सामान्य तौर पर आप बहुत थके हुए महसूस करते हैं।

आपने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा है तो आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। उम्मीद करते हैं कि आज जो भी जानकारी यहां पर आपको दी गई है वह आपको पसंद आई होगी। हेल्थ और अन्य लाइफस्टाइल संबंधी जानकारी के लिए नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें। साथ ही यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे दूसरों तक भी शेयर करें।

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