गर्भावस्था का यह सत्रहवां हफ्ता, यह बताता है कि अभी आप प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही और चौथे महीने में हैं। इस हफ्ते आपके बेबी का वजन लगभग दोगुना हो गया है। वहीँ बहुत हद तक अब आप एक गर्भवती स्त्री की तरह दिखने लग जाती हैं और आपका पेट बाहर की ओर निकलता हुआ दिखने लग जाता है। आपके वजन में भी वृद्धि देखने को मिलती है। इसी के साथ अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। जिनके बारे में आगे हम आपको इस हफ्ते बच्चे में होने वाले बदलावों व बरतने वाली सावधानियों समेत बताने जा रहें हैं।
प्रेग्नेसी के सत्रहवें सप्ताह के लक्षण
1. पेट दिखना व गर्भाशय का बड़ा होना – अब आपका पेट बाहर की ओर उभरा हुआ दिखना शुरू हो जाएगा। बच्चे को हिलने डुलने के लिए गर्भाशय बढ़कर जगह बनाने लगेगा। इसी के साथ आपका गर्भाशय पेट की ओर आंतों को ऊपर या बाहर की ओर धकेलना शुरू कर देता है।
2. साईटिका का दर्द – इस दौरान कुछ महिलाओं को पैरों की नसों में कभी-कभी साईटिका का दर्द महसूस हो सकता है।
3. योनी स्त्राव – इस दौरान बहुत सी महिलाओं को योनी स्त्राव व नाक बंद होने की समस्या का अनुभव होता है।
4. वजन व भूख में वृद्धि – वजन बढ़ने के साथ साथ आपकी भूख भी बढ़ेगी। अपने वजन का ख्याल रखें व पौष्टिक आहार ही लें।
5. सीने में जलन – पिछेल हफ़्तों की तरह सीने में जलन अभी भी हो सकता है। इसी के साथ सिर चकराना व कब्ज़ आदि भी इस हफ्ते के लक्षणों में शामिल हैं।
गर्भावस्था के सत्रहवें हफ्ते में बच्चे का विकास
इस समय आपका शिशु आलू के आकार का है। आपके शिशु का वजन लगभग 140 ग्राम है और उसकी लम्बाई लगभग 5.1 इंच अर्थात 13 सेंटीमीटर के आस-पास होता है। इस समय आपके बच्चे की त्वचा ढीली व झुर्रीदार होगी। अब वह बाहर की आवाज़े सुन सकता है और उस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकता है।
इस समय आपके बच्चे की आँखे विकसित हो चुकी हैं लेकिन अभी भी वो बंद ही हैं। इसी के साथ बच्चे की भौहें व पलके भी बढ़ रहीं हैं। उँगलियों पर वे रेखाएं भी विकसित हो चुकीं हैं जिन्हें आम भाषा में फिंगरप्रिंट कहा जाता है। धीरे धीरे बच्चे का नरम कार्टिलेज अब हड्डियों में परिवर्तित होता जा रहा है और उसका सरकुलेटरी सिस्टम भी पूरी तरीके से काम करने लगा है।
गर्भावस्था के सत्रहवें सप्ताह के लिए आहार
इस बात से तो आप भली भाँती परिचित होंगी ही, कि गर्भावस्था के दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। इसलिए आगे हम आपको इस हफ्ते की सही डाईट के बारे में बताने जा रहें है।
1. प्रोटीनयुक्त भोजन – इस दौरान हर माँ को प्रोटीनयुक्त भोजन अवश्य करना चाहिये। क्योंकि प्रोटीन बच्चे के सेल्स को बनाने में मदत करता है।
2. आयरन व कैल्शियम – दूसरी तिमाही के दौरान माँ व बच्चे दोनों के लिए आयरनयुक्त व कैल्शियम से भरपूर भोजन आवश्यक है।
3. ओमेगा 3 व फैटी एसिड – खाद्य पदार्थों में, ओमेगा 3 फैटी एसिड प्राप्त करने के लिए आपको टोफू, सोयाबीन, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे और दूध पीना चाहिए ।
4. हाइड्रेट रहें – गर्भावस्था के दौरान पेय पदार्थों का सेवन कार हाइड्रेट रहना भी अत्यंत आवश्यक है। इसलिए आपको दिनभर में 10 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए।
5. धूम्रपान व शराब – धूम्रपान करना व शराब का सेवन इन दोनों से आपका दूर दूर तक कोई नाता नहीं होना चाहिए। ये दोनों ही आपके व आपके बच्चे के लिए हानिकारक है।
6. कैफीन – चाय, कॉफ़ी व चॉकलेट अर्थात कैफीन वाले पदार्थ से दूरी बनाकर रखें।
गर्भावस्था के सत्रहवें सप्ताह के लिए सलाह
1. बिना डॉक्टर के सलाह के कोई भी दवा ना लें।
2. ढीले व आरामदायक कपड़े पहनें और हमेशा सपोर्टिव ब्रा ही पहनें।
3. जूते व चप्पल फ़्लैट ही पहने।
4. खुद को तरोताजा व स्वस्थ रखने के लिए हल्के वर्कआउट अवश्य करें।
5. जरूरी अनपूरक लेते रहें व भरपूर आराम करें।
आपको आपके होने वाले बेबी के लिए शुभकामनाएं।