Top 5 Motivational Movies for Kids: माता-पिता अक्सर ही अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में बिजी रहते हैं। अपने बच्चों को सभी प्रकार की सुख सुविधा देने के चक्कर में अपने बच्चों को ही समय नहीं दे पाते हैं। बच्चे भी अपने माता-पिता से ज्यादा मोबाइल में बिजी रहने लग गए हैं। नौकरी से बहुत ही कम समय बचता है जब माता-पिता अपने बच्चों के पास समय बिता पाते हैं। ऐसे में वीकेंड पर समय व्यतीत करने का सबसे अच्छा तरीका है की माता-पिता और बच्चे साथ में बैठकर किसी फिल्म को इंजॉय करें।
यहां पर आज हम आपको पांच ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो माता-पिता को अपने बच्चों के साथ बैठकर देखना चाहिए। यह सभी फिल्में बच्चों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक है और मनोरंजन के साथ-साथ यह बहुत कुछ सिखाती भी है। आईए जानते हैं इन फिल्मों के बारे में…
Taare Zameen Par
21 दिसंबर 2007 को रिलीज हुई इस फिल्म के निर्देशक का नाम आमिर खान और अमोल गुप्ता है। फिल्म के अंदर ईशान नाम के एक बच्चे की कहानी दिखाई गई है जिसकी माता-पिता हमेशा ही उसको क्रिटिसाइज करते रहते हैं। उसकी कमजोर एकेडमी परफॉर्मेंस की वजह से उसके माता-पिता उसको बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं। जहां पर राम नाम के एक टीचर को पता चलता है कि उसे बच्चों को डिस्लेक्सिया नाम की बीमारी है।
फिल्म की कहानी कॉमेडी के साथ-साथ ही बहुत कुछ सिखाती भी है। विशेष रूप से बच्चों के साथ हैं फिल्म बच्चों के माता-पिता को भी देखना जरूरी है। इस फिल्म के माध्यम से बच्चों में छिपे हुए टैलेंट को किस प्रकार से बाहर निकालना है वह सिखाया जाता है। फिल्म के अंदर दर्शील जाफरी, आमिर खान, टिस्का चोपड़ा जैसे सितारे नजर आते हैं।
Iqbal
2005 में रिलीज हुई यह फिल्म क्रिकेट के प्रति दीवानगी को दिखाती है। इस फिल्म के निर्देशक का नाम नागेश कुकुनूर है। फिल्म के अंदर आपको श्रेयस तलपड़े, नसरुद्दीन शाह, श्वेता बसु प्रसाद, गिरीश कर्नाड, प्रतीक्षा लेनकर जैसे सितारे नजर आएंगे। इस समय इस फिल्म को Zee5 आप पर देख सकते हैं। इस फिल्म के अंदर गांव के रहने वाले एक मुख बधिर लड़की की कहानी दिखाई गई है जिसका सपना है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम में खेलना चाहता है। इस लड़के के पास किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं होती है और इसके क्रिकेट खेलने का इसके पिता भी बहुत ज्यादा विरोध करते हैं।
अपनी सभी परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए इकबाल कैसे भारतीय टीम तक जगह बनाने में कामयाब होता है उसके बारे में इस फिल्म में हमें सीखने को मिलता है। यह फिल्म हमें सिखाती है कि व्यक्ति को कभी भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए। कठिन निश्चय के साथ कठिन परिश्रम करते रहना चाहिए जिससे एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
Dhanak
2016 में रिलीज हुई इस फिल्म का निर्देशन नागेश कुकुनूर ने किया है। फिल्म के अंदर आपको कृष छाबड़िया, हेतल गाड़ा जैसे सितारे देखने को मिलते हैं। यह फिल्म देखने के लिए नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध करवा दी गई है। धनक नाम से इस फिल्म के अंदर दो भाई-बहन जिनका नाम परी और छोटू है की कहानी दिखाई गई है। छोटू अंधा है उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता है परी उसके नवे जन्मदिन पर उसकी आंखों का ऑपरेशन करवाना चाहती है जिसके लिए वह शाहरुख खान को मदद हेतु एक चिट्ठी लिखनी है कि उनकी मदद की जाए।
जब इन दोनों भाई बहनों को पता चलता है कि शाहरुख खान राजस्थान में ही शूटिंग कर रहे हैं तो दोनों पैदल ही उनसे मिलने के लिए निकल जाते हैं। फिल्म के अंदर आपके भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम दिखाया जाता है साथ ही दोनों की दोस्ती भी देखने को मिलती है। इस फिल्म के अंदर में मासूमियत भरे अंदाज में छोटे बच्चों का रिश्ता दिखाया गया है यह फिल्म बच्चों को बहुत ही पसंद आती है।
Hawaa Hawaai
इस फिल्म के अंदर पार्थो गुप्ते, साकिब सलीम, मकरंद देशपांडे जैसे सितारे देखने को मिल रहे हैं। 2014 में रिलीज हुई यह एक स्पोर्ट्स ड्रामा मूवी है। देखने के लिए यह फिल्म disney+ हॉटस्टार पर उपलब्ध करवा दी गई है। आप इसे पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। फिल्म के अंदर आपको अर्जुन नाम के लड़के की कहानी दिखाई गई है जो गरीब परिवार का है लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह दिन-रात मेहनत करता रहता है। अर्जुन अपने स्केटिंग कोच अनिकेत जी के साथ मिलकर अपनी मंजिल को पाना चाहता है।
इस फिल्म के अंदर दिखाया गया है कि आपके पास अगर सब कुछ नहीं है लेकिन हमारे पास जितना है उसके लिए हमें शुक्रगुजार होना चाहिए। इस फिल्म के अंदर बच्चों को सीखने के लिए मिलता है कि कैसे एक कदम पूरी जिंदगी बदल सकता है। फिल्म के अंदर अनिकेत जी और अर्जुन के बीच में एक अलग रिश्ता दिखाया गया है जिससे दोनों के ही जीवन में बदलाव आता है।
Stanley ka Dabba
यह फिल्म देखने के लिए disney+ हॉटस्टार पर उपलब्ध है। यह एक कॉमेडी फिल्म है जो बच्चों को हंसाने और रुलाने का काम एक साथ करती है। इसके अंदर एक छात्र जिसका नाम स्टेनले है की कहानी दिखाई गई है। जिसे अपने घर से कभी लंच बॉक्स नहीं मिलता है इसी वजह से उसके सभी दोस्त उसके साथ लंच बॉक्स शेयर करते हैं जो बात उसके टीचर को पसंद नहीं आती है। पूरी कहानी आपको स्टेनले के डिब्बे के चारों तरफ घूमती हुई नजर आएगी।
2011 में रिलीज हुई इस फिल्म के निर्देशक का नाम अमोल गुप्ता है। इस कहानी के माध्यम से बच्चों को सीखने के लिए मिलता है कि जो भी चीज मौके पर आपके पास है आपको उनकी कदर करनी चाहिए। क्योंकि बहुत सारे बच्चे तो ऐसे होते हैं जिनको छोटी-छोटी चीजों के लिए भी संघर्ष करना होता है। इस फिल्म के माध्यम से बच्चों में एक पॉजिटिव एटीट्यूड डेवलप किया जाता है।
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