गर्भ धारण करना और माँ बनना प्रत्येक स्त्री के लिए सबसे बड़े सुख की प्राप्ति होती है। कुछ स्त्रियाँ आसानी से गर्भ धारण कर लेती हैं तो कुछ को बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ जाता है। अगर आप ने भी गर्भवती होने का पूरा मन बना लिया है या आपको गर्भ धारण करने में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो आज का यह लेख आपके लिए ही है। इस लेख में हमने गर्भ धारण करने के सही समय और ध्यान रखने योग्य बातों पर चर्चा की है और साथ ही गर्भवती होने के घरेलु उपायों के बारे में भी बताया है। जो की आपकी इस परिस्थिति में मददगार सिद्ध होंगी।
गर्भ धारण करने का सही समय जानने का तरीका:-
डिंबोत्सर्जन या ओवुलेशन के दौरान गर्भधारण करने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसलिए आपको ऐसे समय में सम्भोग करने की सलाह दी जाती है। यदि किसी स्त्री का मासिक चक्र 28 दिन का है, तो उसके डिंबोत्सर्जन की अवधि 11 वें से 14वें दिन के बीच हो सकती है। हालांकि, सभी महिलाओं की शारीरिक स्थिति के अलग-अलग होने के कारण डिंबोत्सर्जन के सटीक समय का पता लगा पाना मुश्किल है। ज्यादातर मेडिकल एक्सपर्ट की माने तो गर्भधारण करने के लिए मासिक चक्र के 7वें दिन से लेकर 20वें दिन के बीच समय संभोग के उत्तम है।
अपने डिंबोत्सर्जन के सही समय का अंदाजा लगाने के लिए आप चाहें तो अपने शरीर के तापमान या ओवल्युशन कैलकुलेटर का भी उपयोग कर सकती हैं।
बात करें पुरुष के शुक्राणुओं की तो वे स्त्री के शरीर में पांच दिन तक रह सकते हैं। वहीं, स्त्री का डिम्ब अर्थात ओवम फैलोपियन ट्यूब के अंदर महज 12 से 24 घंटे तक ही जीवित रह सकता है। इसलिए डिंबोत्सर्जन की प्रक्रिया के दौरान संभोग करना शुक्राणुओं को अंडे को निषेचित यानी फर्टिलाइज करने में आसानी होती है। जिसके फलस्वरूप स्त्री के गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है।
गर्भ धारण करने के लिए ध्यान रखने योग्य बातें:-
1. सही उम्र का ध्यान रखें – गर्भ धारण करने के लिए सही उम्र का होना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि सही उम्र में गर्भ धारण करने से माँ और शिशु दोनों का ही स्वास्थ्य अच्छा रहता है। स्त्रियों के शरीर में अंडो की मात्रा और गुणवत्ता समय के साथ-साथ घटने लग जाती है। ऐसे में 25 से 30 वर्ष के बीच गर्भ धारण करने का समय उत्तम होता है।
2. तनाव से दूर रहें – गर्भधारण करने के लिए सबसे पहले आपको मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा, क्योंकि गर्भवती होने पर अपना ख़ास ख्याल रखना और बच्चे को जन्म देकर उसका लालन पालन करना जिम्मेदारी भरा काम होता है। ऐसे में अगर आप किसी प्रकार के मानसिक तनाव से जूझ रहीं हैं तो पहले उस समस्या का समाधान कर लें।
3. डाक्टरी जाँच है ज़रूरी – गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको चिकित्सक से अपना चेकअप अवश्य कराना चाहिए। जिससे पता लग सके की कहीं आप किसी बीमारी के चपेट में तो नहीं। अगर ऐसा हो तो घबराएं नहीं, पहले उस बीमारी से निजात पायें फिर गर्भ धारण की प्रक्रिया शुरू करें।
4. सम्भोग से जुड़ी सावधानियाँ – संतान प्राप्ति की जल्दी में सम्भोग ना करें। क्योंकि ऐसा करने पर तनाव व जल्दीबाजी आप पर हावी रहती है जो की आपके गर्भधारण करने की क्षमता पर बुरा असर डालता है। गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए सम्भोग के बाद कुछ देर पीठ के बल लेटी रहें, जिससे शुक्राणुओं के बाहर निकलने की गुंजाइश बहुत कम हो जाती है।
गर्भधारण करने के लिए घरेलु उपाय
1. सेहतमंद आहार – नियमित रूप से स्वस्थ व संतुलित आहार लेना आपके स्वास्थ्य व प्रजनन क्षमता दोनों को बढ़ाता है। इसलिए पौष्टिक भोजन को अपनी डाईट में शामिल करें।
2. एक्सरसाइज करें – शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी हो जाता है। साथ ही ऐसी एक्सरसाइज भी करें जो आपकी प्रजनन क्षमता को बढाए।
3. जननांगों का तापमान नियंत्रित करें – पुरुषों को चाहिए की वे अपने जननांगों के आस-पास का तापमान बढ़ने ना दें क्योंकि इससे शुक्राणुओं के उत्पादन पर असर पड़ता है।
4. शराब व धूम्रपान से बचें – अब से लेकर प्रसव के समय तक आपको शराब और धूम्रपान के सेवन पर रोक लगानी होगी। क्योंकि ऐसे पदार्थ गर्भ धारण करने के साथ-साथ भ्रूण के विकास में भी बाधा का कार्य करते हैं।
5. दवाओं का सेवन कम करें – अधिक दवाओं का सेवन आपकी प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डालता है। इसलिए कम से कम दवाओं का सेवन करें।
6. रिलैक्स रहें – खुदको हमेशा रिलैक्स रखें व भरपूर नींद लें। जिससे की आप तरोताजा महसूस करें व आपका अपने काम में मन लगा रहे।
7. ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल न करें – शारीरिक सम्बन्ध बनाने के दौरान ल्यूब्रिकेंट्स का प्रयोग न करें। इससे स्पर्म पर बुरा असर पड़ता है।
8. पानी में सेंधा नमक मिलाकर पियें – सेंधा नमक महिलाओं में बांझपन के प्रति लड़ने में अधि कारगर माना जाता है। इसलिए रोज सुबह 1 चम्मच सेंधा नमक में 750 मिली पानी मिलाकर पियें।
9. कच्चे लहसुन का सेवन करें – लहसुन का सेवन गर्भवती होने के कारगर उपचारों में से एक है। साथ ही यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में भी कारगर होता है। इसलिए आपको लहसुन की 4 से 5 फांके कच्चा चबाकर खानी चाहिए।
10. गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर का प्रयोग – इससे महिलाओं के गर्भाशय की कार्यशीलता में बढ़ोतरी होती है। इसके लिए आप एक कप गर्म जल में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उसका सेवन कर सकती हैं।