गर्भावस्था का बारहवां हफ्ता यानी ये हफ्ता पहली तिमाही का आखिरी हफ्ता है। इस समय तक आपके बच्चे का महत्वपूर्ण विकास अंतिम पड़ाव पर होता है। दूसरी तिमाही शुरू होने के बाद गर्भपात का डर भी कम हो जाता है। इस दौरान आपके बच्चे के ज्यादातर अंगो का विकास हो चुका होता है और नाल उन्हें पोषक तत्व देकर उनकी देखभाल करने लगती हैं। शिशु की क्रियाएं अब और अधिक प्रखर होती जा रही हैं, अगर आप अपने पेट को हल्के से धप्पा लगाएं तो आप पाएंगी कि वह थोड़ा सा कसमसाने लगता है।
आइये आपको गर्भावस्था के इस हफ्ते के सभी लक्षणों, शिशु में होने वाले विकास व सावधानियों से अवगत कराते हैं –
बारहवें सप्ताह के लक्षण
आपकी प्रेगनेंसी के इस सप्ताह के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं –
1. बार-बार पेशाब आना – बार बार यूरीन पास करने की इक्षा में बढ़ोतरी होगी और ऐसा सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान होना भी संभव है।
2. योनी स्त्राव – इस सप्ताह आपके योनी स्त्राव में भी वृद्धि होने की संभावना है।
3. थकान – आपको अधिक थकान महसूस होगी व सिर चकराने की समस्या भी हो सकती है। इसके लिए आपको ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ये गर्भावस्था का एक आम लक्षण है।
4. सूजन या गैस – शरीर में सूजन होना संभावित है। इसी के साथ गैस व कब्ज से भी आप परेशान हो सकती हैं।
5. निप्पल्स का रंग – आप देखेंगी की आपके निप्प्ल्स के आस-पास की त्वचा अधिक गहरी और काली हो रही है। आपका स्तन भी बच्चे के स्तनपान के लिए विकसित हो रहा है।
6. मन का शांत होना – इस हफ्ते से आप पहले की अपेक्षा शांत व आरामदायक महसूस करेंगी। अब आपके गर्भ गिरने की संभावना भी कम हो गई है। इसलिए अब आपको अपने रिश्तेदारों को नन्हे मेहमान के आने की खबर दे देनी चाहिए।
बारहवें हफ्ते में बच्चे का विकास
आपके शिशु का आकार तीन हफ्ते पहले के आकार की तुलना में दुगना हो चुका होता है। इस बार आपका शिशु एक पके प्लम के आकार का होता है। वह लगभग पांच सेंटीमीटर से 6.5 सेमी या दो से ढाई इंच लंबा होता है।
गर्भ में पल रहा शिशु अब तरल पदार्थ को चूसना और आहार को निगलना शुरू कर देगा। सब कुछ सही रहने पर शिशु की लंबाई और आकार में परिवर्तन होता रहेगा।
बच्चेह की मुठ्ठी खोलने और बंद करने की प्रक्रिया भी अब शुरू होने लगी है। समय-समय पर बच्चेह के होठ और भौंहे सिकुड़ने लगी हैं। आंखें और कान चेहरे के अनुपात में विकसित होने शुरू हो गए हैं। इसी के साथ आपके बच्चे के सेक्स ओर्गंस भी बन चुके हैं। हफ्तों और महीनों का समय बीतने के साथ शिशु की बनावट में और भी बदलाव आएगा।
प्रेगनेंसी के बारहवें सप्ताह के लिए आहार
अभी आप माँ बनने के सफर पर हैं। अर्थात आपको एक साथ दो जिंदगियों का ख्याल रखना है। ऐसे में आपको अपने भोजन और भोजन शैली पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आगे हम आपको इस हफ्ते की भोजन से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताने जा रहें हैं –
1. फल व पत्तेदार सब्जियाँ – इस बात में कोई संदेह नहीं कि फल और हरी पत्तेदार सब्जियाँ आपके और आपके बच्चे के सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसलिए आपको ज्यादा से ज्यादा फलों और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
2. आयरन, प्रोटीन व फाइबर – गर्भावस्था के दौरान प्रत्येक गर्भवती महिला को आयरन, प्रोटीन, फाइबर व मैग्नीशियम युक्त भोजन का सेवन करते रहना चाहिए।
3. विटामिन बी-6 व बी-12 – ये दोनों ही विटामिन्स आपके बच्चे के रेड ब्लड सेल्स को बनाने में सहायक हैं। इसलिए इनका सेवन आपके लिए अत्यंत आवश्यक है।
4. फोलिक एसिड – पहली तिमाही तक आपको आहार या सप्लीमेंट के रूप में फोलिक एसिड पर्याप्त मात्रा में लेते रहना चाहिए।
5. तरल पदार्थ – इस समय आपको नारियल पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। इसी के साथ आपको दिनभर में 10 से 12 गिलास पानी पीकर हाईड्रेटेड रहना चाहिए।
आइये अब जानते हैं की इस दौरान आपको किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए –
1. इस दौरान आपको कच्चा मांस व अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. सॉफ्ट चीज व अन्पैस्टराइस्ड दूध नही लें चाहिए।
3. धूम्रपान व शराब से बिल्कुल दूरी बना लेनी चाहिए।
बारहवें सप्ताह के लिए सलाह
अब हम आपको इस हफ्ते बरतने वाली अन्य सावधानियों के बारे में बता देते हैं। जिनमें इस हफ्ते क्या करें व क्या नहीं शामिल हैं –
1. अगर स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने लग गयें हैं तो उन्हें लेकर परेशान न हों। डॉक्टर के परामर्श से आप वहाँ कोई क्रीम लगा सकतीं हैं।
2. शरीर की आवश्यकता के अनुसार प्रीनेटल विटामिन्स लेती रहें।
3. कठिन व्यायाम करने से बचें व भरपूर नींद लें।
4. अपने शिशु से बातें करें, तनाव न लें व खुश रहें।
5. बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। यदि अधिक समस्या हो तो डॉक्टर से मिलने में हिचकिचाएं नहीं।
आशा करता हूँ अब आप गर्भावस्था के इस सप्ताह से जुड़ी इन सभी महत्वपूर्ण बातों को भली-भाँति समझ गयीं होंगी। आपको माँ बनने के लिए ढेरों शुभकामनाएं।