गर्भावस्था का तेरहवां हफ्ता – लक्षण, बच्चे का विकास व सावधानियाँ

गर्भावस्था के तेरहवें सप्ताह तक आते-आते आपकी पहली तिमाही पूरी हो चुकी होती है और तेरहवें सप्ताह में आप दूसरी तिमाही में प्रवेश कर जाती हैं। अभी भी आपको बहुत लम्बा समय व्यतीत करना है और इस दौरान आपको अपनी और अपने पेट में पल रहे बच्चे का भी विशेष ध्यान रखना है। दूसरी तिमाही का समय औसतन तेरहवें सप्ताह से अट्ठाईसवें सप्ताह तक जोड़ा जाता है, जो लगभग चौथे, पांचवे और छठे महीने का समय होता है। आइये हम आपको गर्भावस्था के इस सप्ताह की अहमियत समझाते हुए इस हफ्ते के लक्षणों, भ्रूण में होने वाले बदलावों व बरतने वाली सावधानियों के बारे में बताते हैं। जिससे आपकी प्रेगनेंसी का यह हफ्ता भी कुशलतापूर्वक पूर्ण हो सके।

तेरहवें सप्ताह के लक्षण

इस दौरान मितली और थकान का अहसास अब कम होने लगता है, इसलिए यह चिंता होना सामान्य है कि आपकी गर्भावस्था जारी है या नहीं। यह सुनने में भी काफी अजीब लग सकता है, मगर जिन लक्षणों से आप पहले तीन महीने से परेशान थीं, गर्भावस्था की याद दिलाने वाले उन्हीं लक्षणों की अब आपको कमी खलने लगेगी। इस हफ्ते दिखाई देने वाले लक्षण इस प्रकार हैं –

1. पेट दर्द – अब आपके जननांगों पर दबाव पड़ना कम हो जाएगा, क्योंकि आपका गर्भाशय आपकी पेल्विक हड्डियों के उपर आ जाता है। कमर के मोटे होने से भी मूत्राशय पर दबाव कम पड़ता है। लेकिन इससे आपके पेट में दर्द हो सकता है।

2. जननांगों में दर्द – इस दौरान आपके पेट के निचले हिस्से व जननांगों में भी दर्द हो सकता है। आपको इसे नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए और अपने डॉक्टर से इसके बारे में राय लेनी चाहिए।

3. छाती में जलन – इस दौरान आपके छाती व गले में जलन के लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।

4. शक्ति महसूस होना – उल्टी और मितली जैसी समस्याएं कम होने के कारण आपको अधिक शक्ति का अनुभव होगा।

5. थकावट – अभी भी थकान आपका पीछा नही छोड़ेगी। इसलिए अच्छी नींद ले व भरपूर आराम करें।

6. लिंग्मेंट में दर्द – इस दौरान लिंग्मेंट में दर्द हो सकता है और आपको आपके स्तन ढीले लग सकते हैं।

तेरहवें सप्ताह में भ्रूण का विकास

इस समय आपका बेबी मटर की फली की आकार का है। जिसका वजन लगभग 19 ग्राम व लम्बाई तीन इंच होगी। अभी भी गर्भाशय के अंदर शिशु के बढ़ने के लिए काफी जगह होती है और शिशु तेज़ी से विकास भी कर रहा होता है।

इस दौरान उसकी आखें भी समीप आकर अपना स्थान लेने लगती हैं और उसकी भौहों का भी निर्माण होता है। इसी के साथ उसकी आंतें भी सही पोजीसन पर आ जाती हैं।

अग्नाशय से इंसुलिन का उत्पादन होने लगता है, जो प्रसव के बाद और उसके बाद के जीवन में भी शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। हड्डियों में कठोरता आने लगती है। प्लेसेंटा के माध्यम से माँ से बच्चे में रक्त संचरण होता है। इस हफ्ते के अंत तक बच्चे की आंतें भी कार्य करना शुरु कर देती हैं।

इस दौरान बच्चे के अंडाशय या वृषण पूरी तरह से विकसित हो चुके होंगे। जननांग दिखाई दे रहें होंगे और शरीर पर बाल भी बढ़ने लगेंगे।

गर्भावस्था के तेरहवें सप्ताह के लिए आहार

जैसे-जैसे प्रेगनेंसी के इस सफ़र में आप आगे बढती जा रहीं हैं, वैसे-वैसे आपको अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा और समय-समय पर खान-पान में कुछ बदलावों की भी आवश्यकता होगी। आइये अब आपको इस हफ्ते खान-पान से जुड़ी सावधानियों के बारे में बताते हैं –

1. प्रोटीनयुक्त भोजन – अपने बच्चे के विकास के लिए आपको अपने भोजन में प्रोटीन को अवश्य शामिल करना चाहिए। मांस, मछली, अंडे, बीन्स, पनीर, दूध, नट व बीज इत्यादि पनीर के अच्छे स्त्रोत हैं।

2. विटामिन ‘सी’ – गर्भवती महिला को प्रतिदिन कम से कम 70 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’ का सेवन करना चाहिए। आप संतरें, अंगूर, हनीडू व टमाटर जैसे फलों का सेवन अवश्य करें।

3. हाईड्रेटेड रहें – गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ हाईड्रेटेड रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इसलिए खूब पानी पियें।

4. फोलिक एसिड – गर्भावस्था में आपको फोलिक एसिड यानि फोलेट युक्त आहार का अवश्य सेवन करना चाहिए।

5. जंक फ़ूड से बचे – अब आपको बाहरी सामान जैसे जंक फ़ूड व तले-भुने खाद्य पदार्थों से दूरी बना लेनी चाहिए।

6. पपीता है नुकसानदेह – माँ बनने वाली सभी स्त्रियों को पपीते का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।

7. धूम्रपान व शराब – धूम्रपान व शराब इन दोनों का ही सेवन गर्भावस्था में वर्जित है। इसी के साथ आपको कैफीनयुक्त पदार्थ जैसे – चाय, कॉफ़ी व चॉकलेट आदि नहीं लेना चाहिए।

तेरहवें सप्ताह के लिए सलाह

आइये अब आपको इस सप्ताह की कुछ अन्य सावधानियों के बारे में बताते हैं, जिनमें इस सप्ताह क्या करें व क्या नहीं सम्मिलित हैं –

1. कच्चे, अधपके व अधिक तले-भुने खाद्य पदार्थ ना खाएं। अगर आप खाना खुद बनाती हैं तो भोजन की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
2. प्रीनेटल विटामिन्स लेना जारी रखें।
3. अगर आपकी त्वचा शुष्क है और खुजली भी हो रही है तो अच्छे मोस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
4. पर्याप्त नींद लें व आराम करें एवं घर का भोजन ही करें।
5. तनाव से बचें व खुश रहें।
6. किसी भी दवाई का बिना डॉक्टर के परामर्श के सेवन न करें। कोई भी समस्या होने पर संकोच न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

तो इस प्रकार अब आप गर्भावस्था के तेरहवें हफ्ते से जुड़ी इन सभी आवश्यक बातों को भलीभाँती समझ गयी होंगी। आशा करता हूँ यह लेख आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आपको होने वाले बच्चे के लिए शुभकामनाएं।

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