गर्भावस्था का 30वाँ सप्ताह, अर्थात अभी आप अपनी प्रेगनेंसी के अंतिम तिमाही व सातवें महीने में हैं। पिछले कुछ हफ़्तों की तरह यह हफ्ता भी कुछ कठिनाइयों व सवालों के साथ आता है। जैसे-जैसे प्रसव का दिन समीप आते जा रहा है, वैसे-वैसे आपके मन में बहुत से भावनात्मक बदलाव हो रहें हैं। ऐसे में प्रत्येक हफ्ते की भाँती इस हफ्ते की भी सम्पूर्ण जानकारी का होना आपके लिए आवश्यक है। इस लेख में हम आपको गर्भावस्था के 30वें सप्ताह के लक्षणों, बच्चे में होने वाले बदलावों, खान-पान व बरतने वाली सभी सावधानियों के बारे में बताने जा रहें हैं।
गर्भावस्था के 30वें सप्ताह के लक्षण
1. नींद में समस्या – पैरों में अक्सर ऐंठन होना व बार-बार पेशाब के लिए शौचालय जाने के कारण आपको नींद आने में समस्या हो सकती है।
2. पेट फूलना – बच्चे और गर्भाशय के लगातार बढ़ने के कारण आपका पेट और अधिक बाहर की ओर निकल आता है और फूला हुआ दिखाई देता है।
3. पाचन सम्बन्धी समस्याएं – गर्भावस्था के दौरान पाचन सम्बन्धी समस्याएँ तो रहती ही हैं। जिनमें कब्ज, अपच व सीने में जलन आदि शामिल हैं। इससे बचने के लिए आपको फाइबरयुक्त भोजन करने की सलाह दी जाती है।
4. स्तनों में बदलाव – आपका स्तन लगातार दूध के निर्माण का कार्य कर रहा होता है। इसलिए स्तनों के आकार में वृद्धि हो जाती है और साथ ही एरोला व निप्पलस का रंग गाढ़ा हो जाता है।
5. पैरों के आकार में परिवर्तन – इसी दौरान प्रेगनेंसी हारमोन के कारण जोड़ो के ढीले हो जाने के कारण पैरों के आकार में परिवर्तन हो जाता है।
6. घबराहट व तनाव – जैसे-जैसे प्रसव का समय नजदीक आता है आपकी घबराहट बढती जाती है। हालाँकि आपको फिलहाल सभी प्रकार के तनावों से दूर रहना चाहिए।
गर्भावस्था के 30वें सप्ताह में बच्चे का विकास
इस समय आप अपने बच्चे के आकार को एक खीरे के समान मान सकती हैं। 30वें सप्ताह में आपके शिशु की लम्बाई 40.64 सेंटीमीटर अर्थात लगभग 16 इंच है। वहीँ आपके बच्चे का वजन लगभग 1.4 किलोग्राम होता है।
अब आपके बच्चे की आँखे प्रकाश और अन्धकार में अंतर करना शुरू कर देती हैं। साथ ही बच्चे की त्वचा अब चिकनी होने लगती है और उसके नीचे वसा (फैट) जमा होने लग जाता है।
बच्चे के ब्रेन टिशु भी अब बनने शुरू हो जाते हैं। और इस हफ्ते से बोन मैरो ज्यादा मात्रा में रेड ब्लड सेल्स बनाने लग जाते हैं। आपके शिशु का नर्वस सिस्टम भी विकसित हो जाता है और बॉडी फंक्शन को कण्ट्रोल करने लग जाता है।
गर्भावस्था के 30वें सप्ताह के लिए आहार
1. तरल पदार्थ – गर्भावस्था के दौरान तरल पदार्थों की आपूर्ति होना आवश्यक है। इसके लिए आपको अंगूर, सेब, गाजर आदि के रस का सेवन करना चाहिए। साथ ही शरीर को ठंडक पहुंचाने के लिए लस्सी व निम्बू पानी आदि का भी सेवन करना चाहिए।
2. आयरन – प्रसव के दौरान एनीमिया व रक्त स्त्राव आदि से बचने के लिए आपके शरीर में आयरन की उपस्थिति अनिवार्य है। इसके लिए आपको आयरनयुक्त भोजन जैसे रेड मीट, अंडे, बीन्स और चावल आदि का सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो अपने चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सप्लीमेंट के तौर पर भी आयरन ले सकती हैं।
3. कैल्शियम – बच्चे के दांतों व हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम का सेवन आपको अवश्य करना चाहिए। इसके लिए आप दूध, दही, पनीर व अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन कर सकती हैं।
4. कैफ़ीन – कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन आपके बच्चे के उपर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए आपको चाय, कॉफ़ी व चॉकलेट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
5. स्मोकिंग व अल्कोहल – स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन प्रेगेनेंसी के दौरान निषेध माना गया है। क्योंकि इसका सीधा सम्बन्ध आपके बच्चे के विकास से है। इसलिए आपको ऐसे पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
गर्भावस्था के 30वें सप्ताह के लिए सलाह
1. इस समय आपको एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता है। साथ ही घर का भोजन ही खाना चाहिए।
2. इस समय आपको ढीले-ढाले व आरामदायक कपड़े पहनने की आवश्यकता है। भारी सामान उठाने से भी आपको परहेज करना चाहिए।
3. आपको समय-समय पर जानकारी प्राप्त करके अपने सभी चेकउप को समय से करा लेना चाहिए।
4. आपको दिनभर में 10 से 12 ग्लास जल का सेवन करके खुद को हाइड्रेट रखने की ज़रुरत है।
5. आप चाहें तो प्रेगनेंसी क्लासेस भी ज्वाइन कर सकती हैं। परन्तु अगर आप किसी कारणवश वहाँ जाने में असमर्थ हैं तो इन्टरनेट के माध्यम से ऑनलाइन भी ऐसे क्लासेज को ज्वाइन कर सकती हैं।
6. स्वयं को तनाव से बचाकर रखें। जितना हो सके खुश रहें और अपने परिवार जनों व मित्रों के साथ अपना समय व्यतीत करें।
तो इस प्रकार अब आप गर्भावस्था के 30वें सप्ताह से जुड़ी इन सभी बातों को भली-भाँती समझ गयीं होंगी। आशा करता हूँ यह लेख आपके लिए फायदेमंद सिद्ध होगा। आपको मातृत्व प्राप्ति के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।