Migraine Kya Hai: माइग्रेन का नाम तो आपने जरूर सुना होगा। माइग्रेन एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें आपको बहुत तेज सर दर्द होता है। सर दर्द के अलावा जी मिचलाना, उल्टी और दस्त जैसी समस्या भी आपको होती है। तेज लाइट और तेज आवाज में ऐसे व्यक्ति बहुत ही संवेदनशील रहते हैं। माइग्रेन का अटैक जब शुरू होता है तो यह कुछ मिनट, कुछ घंटे से लेकर कई बार कई दिनों तक भी चलता रहता है। यह समस्या होने पर व्यक्ति अपनी दैनिक लाइफस्टाइल में बहुत सारी समस्याओं का सामना करता है।
अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसको हमेशा सर दर्द रहता है या आप इस समस्या से पीड़ित हैं तो आज हम आपको इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आज हम जानेंगे कि माइग्रेन क्या होता है, माइग्रेन के लक्षण कारण क्या होते हैं, माइग्रेन कितने प्रकार का होता है, साथ ही जानेंगे माइग्रेन के कुछ घरेलू उपचार के बारे में….
माइग्रेन क्या है | Migraine Kya Hai?
माइग्रेन एक सर दर्द की बीमारी होती है जिसमें सर के आधे हिस्से में दर्द होता रहता है। ब्रेन में नर्वस सिस्टम में हुए कुछ बदलाव की वजह से यह दर्द होता है। इस बीमारी में कई बार दर्द हल्का तो कई बार बहुत कष्ट दायक होता है। यह एक नॉर्मल सर दर्द नहीं है जो कुछ देर में ठीक हो जाता है। कई बार तो यह दर्द बर्दाश्त के बाहर हो जाता है। सामान्य तौर पर यह महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है लेकिन पुरुषों में भी इसके मरीज देखे जाते हैं।
माइग्रेन के लक्षण क्या है | Migraine Ke Lakshan Kya Hai?
सर दर्द की बीमारी तो आपको कभी ना कभी हुई होगी लेकिन कोई भी उपचार करने के बाद आपको उससे छुटकारा मिल जाता है। लेकिन माइग्रेन की समस्या में सर दर्द हमेशा होता रहता है। माइग्रेन के अंदर आपको रोशनी से और चमकीली चीजों से परेशानी होने लगती है। माइग्रेन की पहचान आप कुछ लक्षणों के माध्यम से कर सकते हैं जिसकी डिटेल हम नीचे बता रहे हैं।
- आंखों के आगे काले धब्बे दिखाई देना
- त्वचा में हमेशा चुभन महसूस होते रहना
- दिन भर बिना किसी कारण के उबासी आते रहना
- कमजोरी महसूस करना
- आंखों के नीचे काले घेरे बन जाना
- बहुत ज्यादा गुस्सा आना
- चिड़चिड़ापन बने रहना
- सर के आधे हिस्से में दर्द होना
- रोशनी और आवाज के प्रति संवेदनशील होना
माइग्रेन के कारण क्या है | Causes of Migraine
माइग्रेन की बीमारी में हमारे ब्रेन के नर्वस सिस्टम और ब्लड वेसल्स में कुछ बदलाव होते हैं जिसके कारण बहुत ही तेज सर दर्द होता है। अभी तक माइग्रेन का कोई फिक्स कारण पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ ऐसे कारण अवश्य हैं जो माइग्रेन की बीमारी को ट्रिगर करते हैं दिन में से कुछ प्रमुख कारण हम आपको नीचे बता रहे हैं।
- शरीर में पानी की कमी होना
- हमेशा बहुत ज्यादा चिंतित रहना
- जरूर से ज्यादा तनाव में रहना
- महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव
- तेज रोशनी
- बहुत तेज आवाज
- नींद पूरी नहीं कर पाना
- आंखों में दर्द रहना
- नींद के रूटीन में नियमित रूप से परिवर्तन होना
- बहुत ज्यादा सिगरेट और शराब का सेवन
- ज्यादा गर्मी
- बदबूदार इलाके में ज्यादा निवास करना
- गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल
- समय पर खाना नहीं खाना
- खाने को स्कीप कर देना
- बहुत ज्यादा ट्रैवल करना
अगर आप इस बीमारी से पीड़ित है तो आपको हमेशा अपने पास एक छोटी नोटबुक रखनी चाहिए। जब भी आपको सर दर्द शुरू हो तो आपको इस बात को नोट करना चाहिए कि सर दर्द शुरू होने से पहले आप क्या काम कर रहे थे। इससे आपको पता चल पाएगा की कौन सी बातें आपके सिर दर्द को ज्यादा ट्रिगर करती है और आप उनसे बचकर इस समस्या से बचाव कर सकते हैं।
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माइग्रेन कितने प्रकार का होता है | Migraine Kitne Parkar Ka Hota Hai
माइग्रेन कई प्रकार के होते हैं, अगर आप यह समस्या से पीड़ित है तो आपको पता होना चाहिए कि आप किस प्रकार के माइग्रेन से पीड़ित है। आईए जानते हैं उनके बारे में…
क्रोनिक माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन में आपको महीने में 15 दिन या उससे ज्यादा समय तक दर्द रहता है।
पीरियड्स माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान माइग्रेन के दर्द का अनुभव होता है।
एब्डोमिनल माइग्रेन – इस प्रकार का माइग्रेन सामान्य तौर पर 14 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। यह माइग्रेन पेट में आंत की अनियमित कार्य करने की वजह से होता है।
वेल्टिबुलर माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन में रोगी को बार-बार चक्कर आते हैं।
हेमिप्लेजिक माइग्रेन – इस प्रकार के माइग्रेन में रोगी के शरीर में एक तरफ कमजोरी आ जाती है।
माइग्रेन से बचाव कैसे करें | Migraine Se Bachav Kaise Kare
- माइग्रेन से बचने के लिए आपको अपनी जीवन शैली को सुधारना होगा।
- आपको बहुत ज्यादा मात्रा में कैफीन शराब स्मोकिंग आदि से बचना होगा।
- बहुत ज्यादा मात्रा में आपको खट्टे चीज और खट्टे फल खाने से बचना होगा।
- आपको ज्यादा से ज्यादा ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन बी वाले आहार लेने हैं।
- आपको रोजाना कम से कम 7 से 8 गिलास पानी का पीना है।
- भोजन में नमक का इस्तेमाल कम से कम करें।
- रोजाना अपनी नींद को पूरी करें।
- बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की दवाई ना ले।
- बहुत ज्यादा शोर वाली जगह पर लंबे समय तक ना रुके।
- लंबे समय तक आपको तेज धूप तेज गर्मी में नहीं भटकना है।
- भूख लगे तो खाना खा लेना है लंबा इंतजार नहीं करना है।
- एक लिमिट से बढ़कर आपको जंक फूड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
माइग्रेन का एलोपैथिक ट्रीटमेंट क्या है | Migraine ka Allopathic Treatment kya Hai?
माइग्रेन की समस्या का इलाज पाने के लिए आपको एक न्यूरोलॉजिस्ट से मिलना होगा। लेकिन न्यूरोलॉजिस्ट आपकी मेडिकल हिस्ट्री आपके लक्षणों और कुछ टेस्ट करने के बाद आपका उपचार करता है। इसके लिए आपका एमआरआई, सिटी स्कैन भी किया जा सकता है।
सामान्य तौर पर माइग्रेन के उपचार में पेन किलर का उपयोग किया जाता है। पेन किलर आपका दर्द की फ्रीक्वेंसी को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। जब भी आपको सर दर्द महसूस होता है आपको पेन किलर लेना होगा जिससे आपको आराम मिल जाता है। पेन किलर के साथ ही कई बार अगर आपको उल्टी और दस्त है तो उसकी दवाई भी डॉक्टर आपको अलग से देता है।
योग प्राणायाम से करें माइग्रेन का उपचार
योगा के अंदर बहुत पावर होती है। कुछ ऐसे प्राणायाम और योगासन है जो नियमित रूप से अभ्यास करेंगे तो आपको माइग्रेन की समस्या बहुत कम हो जाती है। कुछ आसान है जिनके नाम हस्तपादासन, सेतुबंधासन, शशांकासन, हलासन, मत्स्यासन, शवासन, मर्जरासन, शिशु आसन पश्चिमोत्तानासन, पद्मासन आदि के माध्यम से आपको माइग्रेन में बहुत लाभ मिलता है। अगर आप प्राणायाम करना चाहते हैं तो कपालभाति, अनुलोम, विलोम और भ्रामरी प्राणायाम कर सकते हैं जिसे आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और माइग्रेन में भी मदद मिलती है।
होम्योपैथिक में संभव है इलाज | Homeopathy me Migraine Ka ilaj
होम्योपैथिक पद्धति बहुत ही तेजी से विकसित हो रही है। आपका जो इलाज एलोपैथिक या फिर आयुर्वेद में उपलब्ध नहीं है उसका इलाज होम्योपैथी के माध्यम से संभव होता है। माइग्रेन का इलाज होम्योपैथी के माध्यम से पूरे तरीके से संभव है। होम्योपैथी एक लाक्षणिक चिकित्सा पद्धति है जिसमें आपके लक्षणों को ध्यान में रखकर ही आपको दवा दी जाती है। इसके लिए आपको सही प्रकार से डॉक्टर से काउंसलिंग लेनी होगी।
आयुर्वेद में संभव है माइग्रेन का इलाज | Ayurvedic Treatment of Migraine
अगर आपको एलोपैथिक दवाइयां से कोई फायदा नहीं आ रहा है तो आप आयुर्वैदिक ट्रीटमेंट का सहारा ले सकते हैं। पंचकर्म के अंदर आपको कई प्रकार की खास जड़ी बूटियां से तैयार काढ़ा पिलाया जाता है और तेल मालिश की जाती है। रोजाना 15 से 20 मिनट की यह प्रक्रिया आपको पूरी करनी है जो लगभग 1 महीने तक चलती है जिससे आपकी माइग्रेन की समस्या ठीक हो सकती है।
माइग्रेन के घरेलु उपचार | Migraine Ke Gharelu Upchar
अगर आपको माइग्रेन की समस्या है तो आप बहुत सारे घरेलू उपचार घर पर ट्राई कर सकते हैं। जिनसे आपको कुछ हद तक या कई बार बहुत अच्छा माइग्रेन के दर्द में फायदा होता है। आईए जानते हैं इन घरेलू उपचारों के बारे में।
- अगर आपको माइग्रेन के साथ में मिचली की समस्या हो रही है तो आप अदरक के टुकड़े चबा सकते हैं।
- आपके सर में जिस हिस्से में दर्द हो रहा है वहां पर आप पिपरमेंट के तेल से मालिश करेंगे तो आपको राहत मिलेगी।
- आपके सर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा है उस तरफ की नाक में आपको सरसों के तेल की दो-तीन बूंद या फिर गाय के घी की तीन-चार बूंद टपकाना है और सर को बेड पर लेट कर नीचे की तरफ लटका लेना है ताकि तेल या घी अंदर तक चल जाए, इससे आपको राहत मिलेगी।
- अगर आप नियमित रूप से भाप लेते हैं तो माइग्रेन की समस्या में आपको कुछ हद तक आराम मिलता है।
- नियमित रूप से अपने सर, गर्दन और कंधे की मालिश करते रहने से आपको माइग्रेन में आराम मिलता है।
- आप चाहे तो एक टॉवल के अंदर बर्फ रखकर इससे आपके सर, गर्दन और माथे की सिकाई कर सकते हैं जिससे आपको राहत मिलेगी।
डिक्लेरेशन`
मैंने आज आपको इस आर्टिकल में माइग्रेन, उसके कारण और उसके उपचार पद्धतियों के बारे में जानकारी दी है। साथ ही आपको बताया है कि आप माइग्रेन से खुद को कैसे बचा सकते हैं। हम कोई हेल्थ एक्सपर्ट नहीं है हमने यहां पर जो भी जानकारी दी है वह एजुकेशनल उद्देश्य से दी है। आप इसका उपयोग अपने स्तर पर वेरिफिकेशन करने के बाद ही करें। माइग्रेन की समस्या का इलाज डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही करें।