Dengue Bukhar Kya Hai? डेंगू बुखार से कैसे खुद को सुरक्षित रखे, जाने इसके कारण और लक्षण

Dengue Bukhar Kya Hai: डेंगू बुखार एक ऐसी बीमारी है जो एडिस मच्छर के काटने से फैलती है। हर साल इस बीमारी की वजह से लाखों की संख्या में लोग मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। जब डेंगू ग्रस्त व्यक्ति को मच्छर काटता है और उसके बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है तो दूसरा व्यक्ति भी डेंगू बुखार से पीड़ित हो जाता है। मच्छर के सिर्फ एक बार काटने के बाद भी आपको डेंगू हो सकता है। इसी वजह से यह बीमारी बहुत तेजी से फैलती है। डेंगू बुखार के बारे में सही जागरुकता जरूरी है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

भारत के अंदर पिछले दो दशक में इस बीमारी के बहुत मरीज देखे गए हैं। साल दर साल डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। पूरी दुनिया में 100 से भी ज्यादा देशों में यह बीमारी पाई जाती है। छोटे बच्चे हो या बुजुर्ग नागरिक सभी इस बीमारी से पीड़ित रहते हैं। विशेष रूप से बच्चों के अंदर यह बीमारी बहुत ज्यादा पाई जाती है। इसे आम भाषा में हम हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि इसमें हमारी हड्डियों में बहुत तेज दर्द होने लग जाता है।

आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि डेंगू बुखार क्या होता है? डेंगू बुखार के कारण लक्षण और बचाव के उपाय क्या है, साथ ही हम इसकी डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट को लेकर चर्चा करेंगे। अंत में हम जानेंगे कि डेंगू बुखार कितने दिन में ठीक हो जाता है और डेंगू बुखार के मरीज को खाने पीने से संबंधित क्या ध्यान रखना जरूरी है, पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े।

डेंगू बुखार क्या है ? | Dengue Bukhar Kya Hai?

डेंगू बुखार एक वायरस की वजह से होता है और यह वायरस मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। सामान्य भाषा में इसे हम हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं क्योंकि मरीज को हड्डियों में बहुत ज्यादा दर्द का अनुभव होता है। ऐसा लगता है मानो हड्डियां टूट रही है। अगर आपको डेंगू बुखार का कोई भी लक्षण शरीर में दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और जल्दी से जल्दी इसका इलाज करवा लेना चाहिए।

डेंगू बुखार के प्रकार | Dengue Bukhar Ke Parkar

सामान्य तौर पर डेंगू को फैलाने वाले वायरस चार प्रकार के होते हैं। इन चारों में से किसी भी वायरस के कारण आपको डेंगू बुखार हो सकता है। सामान्य तौर पर डेंगू बुखार 3 प्रकार के होते हैं आईए जानते हैं उनके बारे में…

साधारण डेंगू बुखार (Normal Dengue Fever)

साधारण डेंगू बुखार होना बहुत सामान्य है एक बार यह बुखार हो जाने के बाद रोगी को ठीक होने में 5 से 7 दिन लगते हैं उसके बाद मरीज ठीक हो जाता है ज्यादातर डेंगू बुखार के मामलों में इसी प्रकार का बुखार देखने को मिलता है ऐसे में मरीज को घर पर ही ट्रीटमेंट देकर आसानी से ठीक किया जा सकता है इसमें मरीज को डरने की यह ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

डेंगू हैमरेजिक बुखार (Dengue Hemorrhagic Fever)

डेंगू हेमरेजिक बुखार के अंतर्गत रोगी के शरीर के अंदर के अंगों में या बाहर के अंगों से ब्लीडिंग होने लग जाती है। यह एक खतरनाक बुखार है जिसे सामान्य तौर पर ब्लड टेस्ट की वजह से ही पता चलता है। नाक से खून आना, मसूड़े से खून आना, उल्टी में खून आना, शौच में खून आना और स्क्रीन पर लाल रंग के निशान पड़ना आदि इस बुखार में हो जाता है।

डेंगू शॉक सिंड्राेम (Dengue Shock Syndrome)

यह डेंगू बुखार का सबसे खतरनाक रूप है जिसमें रोगी शॉक की अवस्था में चला जाता है। यह डेंगू बुखार की तीसरी स्टेज होती है जिसमें बुखार हो जाने पर रोगी को कई दिनों तक लगातार बुखार बना रहता है और तेज बदन दर्द का सामना भी रोगी को करना पड़ता है। बुखार के अलावा भी रोगी को बहुत तेज सर्दी लगती है, बेचैनी होने लगती है, बार-बार बेहोशी होती है, ब्लड प्रेशर कम या ज्यादा होता रहता है और पूरा बदन दर्द करने लगता है। यह कंडीशन बहुत ही ज्यादा तकलीफदायक होती है।

डेंगू बुखार के कारण | Dengue Bukhar Ke Karan

सामान्य तौर पर डेंगू का बुखार वायरस वाले मच्छरों के काटने की वजह से होता है। डेंगू हेमरेजिक बुखार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाता है। डेंगू वायरस के समूह को फ्लैवीवायरस के नाम से जाना जाता है जिसे हम मुख्य रूप से चार कैटेगरी में डिवाइड करते हैं जिनके नाम डी-ई-एन 1, डी-ई-एन 2, डी-ई-एन 3 और डी-ई-एन 4 है।

एडिस प्रजाति के मच्छर डेंगू को फैलाने का सबसे प्रमुख कारण बनते हैं। यह मच्छर हमारे आसपास जो पानी इकट्ठा हो जाता है उसमें पनपते रहते हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को काटते रहते हैं और वायरस को फैलाते रहते हैं। एक बार जब यह वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है तो 2 दिन से लेकर 7 दिन तक रक्त में फैला रहता है।

हल्के ठंडे मौसम में डेंगू बुखार के मच्छर आसानी से पनपते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं। सामान्य तौर पर तेज गर्मियों में इस प्रकार के मच्छर खत्म हो जाते हैं। डेंगू की बीमारी सामान्य तौर पर आपको सर्दियों में या बारिश के मौसम में ही नजर आती है।

डेंगू बुखार के लक्षण | Dengue Bukhar Ke Lakshan

  • डेंगू बुखार के लक्षण मरीज के अंदर 3 दिन से लेकर 14 दिन तक दिखाई दे सकते हैं।
  • डेंगू बुखार का वायरस जब आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है उसके तीन से चार दिन बाद आपको लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं।
  • डेंगू बुखार होने पर मरीज को जॉइंट पेन बहुत ज्यादा होता है और 104 डिग्री तक का बुखार भी आ जाता है।
  • डेंगू बुखार में ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से गिरने लगता है और मरीज की हृदय गति भी कमजोर होने लगती है।
  • आंखों का रंग लाल होने लगता है और दर्द भी होता है।
  • चेहरे पर गुलाबी दाने निकलने लगते हैं।
  • भूख नहीं लगना, सिर दर्द रहना, लगातार बुखार बना रहना, डेंगू बुखार के लक्षण है।
  • अगर डेंगू बुखार पहले चरण में चल रहा है तो सामान्य तौर पर तीन से पांच दिन में यह लक्षण गायब हो जाते हैं।
  • दूसरे चरण की बुखार में रोगी को पसीना आता है और बुखार कम हो जाता है, फिर थोड़े समय बाद फिर से बुखार आ जाता है फिर पसीना आता है।
  • तीसरी चरण में रोगी के शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और पूरे शरीर पर लाल लाल दाने दिखाई देने लगते हैं।

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डेंगू बुखार के बचाव के उपाय | Dengue Bukhar Se Bachav Ke Upay

  • डेंगू बुखार से बचने का सबसे प्रमुख तरीका यही है कि आप अपने आप को मच्छरों के काटने से बचाए।
  • आपको ऐसे कपड़े पहनने हैं जो पूरे तरीके से आपके शरीर को कवर रखें और खुली जगह कम से कम छोड़ें।
  • रात को सोते समय भी आपको मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करना है।
  • आपके आसपास जहां पर पानी इकट्ठा है वहां पर मच्छरों को पनपने ना दें।
  • घर में जो भी कुलर है या पानी की टंकी है उसको समय-समय पर साफ करते रहे।
  • घर के अंदर नीम की पत्तियां को जलाकर धूआ करें जिससे सभी प्रकार के मच्छर भाग जाते हैं।

डेंगू बुखार का डायग्नोसिस | Dengue Bukhar Ka Diagnosis

  • जब रोगी को डेंगू बुखार हो जाता है तो बुखार के साथ ही उसके जोड़ों में भी तेज दर्द होता है। डेंगू हो जाने पर डॉक्टर सामान्य तौर पर कई प्रकार के टेस्ट करके डेंगू के बुखार का कारण और प्रकार पता करता है।
  • सामान्य तौर पर ब्लड टेस्ट के माध्यम से ही डेंगू बुखार का पता चल जाता है।
  • रोगी के शरीर से सीरम लेकर उसकी जांच की जाती है ताकि उसमें उपस्थित एंटीबॉडी और वायरस का पता लगाया जा सके।

डेंगू बुखार का ट्रीटमेंट | Dengue Bukhar Ka Treatment

डेंगू बुखार का एक प्रॉपर ट्रीटमेंट अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। डेंगू बुखार का सबसे बेहतर इलाज इससे बचाव करना है। सामान्य तौर पर डेंगू बुखार हो जाने पर आपको पेरासिटामोल की दवाई डॉक्टर द्वारा दी जाती है। इसके अलावा कुछ एंटीबायोटिक और एंटीवायरल ड्रग भी आपको दिए जाते हैं। डॉक्टर इस बात का भी ध्यान रखना है कि आपके शरीर में पानी की मात्रा प्रॉपर बनी रहे। इसके लिए आपको इलेक्ट्रोलाइट्स समय-समय पर पीते रहना है दर्द बहुत ज्यादा होता है तो डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाइयां देते हैं। रोगी को कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के कोई ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए। हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही ट्रीटमेंट ले।

डेंगू बुखार के कॉम्प्लिकेशंस  | Dengue Bukhar Ke Complications

डेंगू बीमारी की वजह से शरीर में कई प्रकार के अन्य कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं। अगर आप इसका समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो आपको अन्य कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  • शरीर में पानी की कमी होना।
  • शरीर से लगातार खून की कमी होते रहना।
  • प्लेटलेट्स का अकाउंट लगातार काम होते रहना।
  • मेटाबॉलिज्म की दर का काम हो जाना।
  • हृदय की गति का काम हो जाना।
  • नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे डैमेज होना।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता का बिल्कुल कमजोर हो जाना।
  • लीवर की साइज बढ़ जाना।

डेंगू बुखार में डायट | Dengue Bukhar Me Diet

  • डेंगू बुखार हो जाने के बाद रोगी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीना है।
  • डेंगू बुखार के साथ ही आपको पेट की समस्या हो रही है तो आपको हल्का खाना लेना है।
  • बार-बार गला सूखता है तो आपको नारियल पानी, ताजा सूप, जूस आदि का सेवन करते रहना है।
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा नींबू पानी बनाकर पिलाई जिससे शरीर से गंदगी भी साफ होती है।
  • आयुर्वेदिक चाय बनाकर पिलाये और इसमें अदरक और इलायची डालकर पिलाये।
  • डेंगू के लक्षण नजर आने पर ताजा सब्जियों का जूस पीना चाहिए, जिसमें गाजर खीरा और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होना आवश्यक है।
  • डेंगू के मरीज को दलिया बनाकर खिलाना चाहिए जिसमे फाइबर और पोषक तत्व मौजूद हो।
  • डेंगू मरीज को हमेशा हाई प्रोटीन डाइट ही लेनी चाहिए।
  • डेंगू मरीज को कभी भी ज्यादा तले भुने भोजन, जंक फूड आदि नहीं खाना चाहिए।
  • डेंगू मरीज को कभी भी नॉनवेज नहीं खाना चाहिए।

डेंगू बुखार कितने दिन में ठीक हो जाता है? | Dengue Bukhar Kitne Din Me Thik Hota Hai?

जब किसी मरीज को डेंगू बुखार हो जाता है तो ज्यादातर मरीज 2 से 7 दिन में ठीक हो जाते हैं। यह लक्षण एक से दो सप्ताह तक नजर आ सकते हैं। मृत्यु दर की बात करें तो 1% से भी कम मामलों में रोगी मृत्यु को प्राप्त होते हैं। अगर रोगी को तीसरे स्टेज का डेंगू बुखार है तो मृत्यु दर 2.5% है। पहले चरण का डेंगू बुखार सामान्य तौर पर एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाता है। और रोगी कुछ ही दिनों में रिकवर होकर अपनी थकान और कमजोरी से राहत पा लेता है।

सारांश | Conclusion

डेंगू बुखार भारत में तेजी से फैलती हुई बीमारी है जो सबसे ज्यादा मच्छरों के काटने से फैलती है। आपको काटने वाला मच्छर डेंगू है या नहीं यह तो जांच करने के बाद ही पता चलता है, लेकिन आपको हर संभव कोशिश करना है कि आपको मच्छर नहीं काटे। इसके लिए आपको पहले से ही बचाव करके रखना है। डेंगू बुखार होने पर रोगी को बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। इसी वजह से यह बुखार और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है।

अगर आज आपने इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ा है तो आपको डेंगू बुखार के बारे में बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हो गई है। आप इस जानकारी को सिर्फ अपने तक सीमित न रखें दूसरे लोगों तक भी शेयर करें ताकि डेंगू बुखार के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाई जा सके। उम्मीद करते हैं की दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसी प्रकार की जानकारी के लिए नियमित रूप से हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहें।

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