हमारे हिंदू धर्म में अधिकांश प्रत्येक महीने में व्रत और त्योहार आते ही रहते हैं। हम हिंदू प्रत्येक त्योहार और व्रत को विधि विधान से मनाना और पूरी श्रद्धा के साथ प्रत्येक विशेष दिन के महत्व को समझते हुए हम उसे मानते हैं। अधिकांश हम हिंदू अपने देवी देवताओं को अपने परिवार और अपने आने वाले और बीती हुई पीढ़ियों के कल्याण की कामना करते हूए मानते है।
तो इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए दिसंबर 2024 में आने वाले सभी व्रत और त्योहारों की सूचीबद्ध क्रमानुसार लाए हैं। ताकि आप आसानी से तिथि जानकर प्रत्येक व्रत और त्योहार के लिए आप खुद को पहले से तैयार कर ले।
व्रत और त्योहार की तिथि | व्रत और त्योहार के नाम |
1 दिसंबर 2024, रविवार | मार्गशीर्ष अमावस्या |
5 दिसंबर 2024, बृहस्पतिवार | विनायक चतुर्थी |
6 दिसंबर 2024, शुक्रवार | विवाह पंचमी |
11 दिसंबर 2024, बुधवार | गीता जयंती |
11 दिसंबर 2024, बुधवार | मोक्षदा एकादशी |
13 दिसंबर 2024, शुक्रवार | प्रदोष व्रत |
15 दिसंबर 2024, रविवार | त्रिपुर भैरवी जयंती |
15 दिसंबर 2024, रविवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
25 दिसंबर 2024, बुधवार | क्रिसमस दिवस, बैंक हॉलिडे |
26 दिसंबर 2024, बृहस्पतिवार | मंडल पूजा सफला एकादशी |
28 दिसंबर 2024, शनिवार | शानी त्रयोदशी प्रदोष व्रत |
दिसंबर माह में जो व्रत और त्यौहार मनाए जाते हैं, आइए जाने संपूर्ण विवरण के साथ जानकारी
1 दिसंबर 2024, रविवार – मार्गशीर्ष अमावस्या
दिसंबर महीने में अब की बार मार्ग शीर्ष अमावस्या पहली तारीख रविवार के दिन पड़ रही है। यह 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगी और 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी। मार्गशीर्ष अमावस की अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन और व्रत करके अपने पापों का नाश होता है
इस अमावस्या को “अगहन अमावस्या” और “पितृ अमावस्या” के नाम से भी जाना जाता है।
5 दिसंबर 2024, बृहस्पतिवार – विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्दशी का व्रत भगवान गणेश की पूजा पद्धति के रूप में किया जाता है। इस व्रत को करने से भक्त की प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत प्रत्येक माह की अमावस्या के चौथे दिन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी में पूर्ण किया जाता है।
विनायक चतुर्थी की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको सुबह स्नान इत्यादि करके साफ-सुथरे कपड़े पहनने होते हैं। विनायक चतुर्थी की पूजा दोपहर के समय करनी होती है। पूजा के अंतर्गत तिल, लड्डू, दूर्वा, चंदन इत्यादि रखना है तथा गणेश भगवान की कथा करनी है।
फरवरी के व्रत त्यौहार | मार्च के व्रत त्यौहार | अप्रैल के व्रत त्यौहार | मई के व्रत त्यौहार
6 दिसंबर 2024, शुक्रवार – विवाह पंचमी
हमारे हिंदू धर्म के अनुसार विवाह पंचमी 2024 के शुभ दिन पर भगवान राम और सीता का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी 2024 मार्ग शीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विधि विधान से मनाया जाता है। यही कारण है कि हमारे हिंदू धर्म में प्रत्येक वर्ष मार्ग शीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को प्रभु राम और सीता माता के विवाह की सालगिरह मनाई जाती है।
विवाह पंचमी का शुभ मुहूर्त 2024 के अंतर्गत 5 दिसंबर 2024 गुरुवार दोपहर 12:49 बजे से लेकर 6 दिसंबर 2024 शुक्रवार दोपहर- 12:07 बजे तक है।
11 दिसंबर 2024, बुधवार – गीता जयंती
गीता जयंती के पावन दिन की बात की जाए तो, इस दिन माना जाता है कि कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अपनों के प्रेम के मोह में बंधे हुए अर्जुन को श्री कृष्ण भगवान जी ने गीता का ज्ञान समझाया था। यही कारण है कि इस दिन को गीता जयंती के रूप में, हिंदू धर्म के अंतर्गत मनाया जाता है। गीता जयंती को “मोक्षदा एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है।
गीता जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर 2024 को 3:40 से आरंभ होकर 12 दिसंबर 2024 को दोपहर 1:10 तक है।
11 दिसंबर 2024, बुधवार – मोक्षदा एकादशी
मोक्षदा एकादशी को “वैकुंठ एकादशी” के नाम से भी जाना जाता है। यह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन हमें व्रत रखते समय दिन भर बिना कुछ कहे “मौन” रहने का नियम का पालन करना होता है।
2024 में इसकी शुभ तिथि बुधवार 11 दिसंबर 2024 बैठी है। इस तिथि का शुभ आरंभ 11 दिसंबर सुबह 3:40 से लेकर 12 दिसंबर सुबह 1:09 तक है।
13 दिसंबर 2024, शुक्रवार – प्रदोष व्रत
हर एक माह की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी मनाई जाती है। प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। सूर्य उदय के बाद और रात्रि के पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है।
15 दिसंबर 2024, रविवार – त्रिपुर भैरवी जयंती
मां त्रिपुर भैरवी तमोगुण और रजोगुण से संपूर्ण है। हमारे हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां भैरवी के 13 रूप है और प्रत्येक रूप का हमारे लिए बहुत अधिक महत्व है। यदि इनकी पूजा पूरे हृदय से, विधि विधान पूर्वक की जाए तो सुख-समृद्धि, संपदा का घर में वास होता है।
15 दिसंबर 2024, रविवार – मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
हमारे हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष के माह को दान पूर्ण और भक्ति का महा माना जाता है। श्री कृष्ण भगवान ने स्वयं श्रीमद् भागवत गीता में कहा है की मार्गशीर्ष सभी महीना में से सबसे शुद्ध और पवित्र महीना है।
मार्ग शीर्ष पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर 2024 को है जिसका शुभ मुहूर्त 14 दिसंबर शाम 5:30 शुरू होकर 15 दिसंबर दोपहर 2:35 तक है।
25 दिसंबर 2024, बुधवार – क्रिसमस दिवस
यह तो हम सभी जानते हैं कि क्रिसमस डे के महत्ता ईसाइयों के लिए होती है। यह दिन दिसंबर माह में बड़े दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सार्वजनिक छुट्टि और बैंक भी बंद होते हैं। पूरे देश में यह छुट्टी लागू की जाती है और भारत के अलग-अलग राज्यों में यह त्यौहार विशिष्ट तरीके से मनाया जाता है।
26 दिसंबर 2024, बृहस्पतिवार – मंडल पूजा सफला एकादशी
सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा की जाती है और व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को भगवान विष्णु की अपार कृपा, सुख-समृद्धि मिलती है। व्रत करने वाले व्यक्ति के सभी काम सफल होते हैं और बुरे विचारों से और कर्मों से निजात मिलती है।
कहा जाता है की यदि आज के दिन पूजा विधि में कुछ खास सामग्री रखी जाए तो भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं और पूजा का फल देते हैं। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का 108 बार जाप इस दिन करना शुभ माना जाता है।
28 दिसंबर 2024, शनिवार – शनि त्रयोदशी प्रदोष व्रत
हमारे हिंदू मान्यताओं के अनुसार पुत्र प्राप्ति हेतु शनि प्रदोष व्रत किया जाता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में करते हैं और साथ ही साथ शनि प्रदोष व्रत की कथा भी सुनते हैं। इस वर्ष प्रदोष व्रत अप्रैल, अगस्त और दिसंबर माह में आ रहे हैं।
प्रत्येक माह में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, शनि प्रदोष व्रत का मुहूर्त पौष कृष्ण त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को 02:26 सुबह से लेकर 29 दिसंबर को 03:32 सुबह तक रहेगी।
प्रदोष व्रत की पूजा का उत्तम समय 4:30 शाम से 7:00 बजे शाम तक होता है।