ISRO XPoSat Launch : आँध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। लांच किये गए इस सैटेलाइट के माध्यम से भर्ती को अन्तरिक्ष की कई अहम् जानकारी मिलने वाली है । भारत का यह मिशन अन्तरिक्ष को लेकर कई नयी नयी अहम् जानकारी सामने आयेगी , इसके साथ ही साथ यह मिशन ब्लैक होल की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।
इसरो ने फिर से एक बार फिर रच दिया इतिहास , आखिर इस अंतरिक्ष मिशन से क्या मिलेगा । ISRO XPoSat Launch
इसरो ने एक बार फिर देश के नाम गर्व से ऊँचा कर दिया हैं ऐसा इसीलिए क्यूंकि इसरो ने एक बार फिर एक नया इतिहास रचा हैं । इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक्स–रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है, जिसके माध्यम से इस सैटेलाइट के लॉन्च से भारत को अंतरिक्ष की कई अहम जानकारियां मिलने वाली हैं।
Union Minister of State Science & Technology Dr Jitendra Singh tweets, "Successful launch of PSLV-C58 XPoSat Mission. Proud to be associated with the Department of Space at a time when Team ISRO continues to accomplish one success after the other, with the personal intervention &… pic.twitter.com/ZLPMPrPPSj
— ANI (@ANI) January 1, 2024
ये है इस मिशन की खासियत
इस मिशन की सबसे खास बात यह हैं की XPo सैटेलाइट से इसरो अंतरिक्ष से आने वाले एक्स-रे स्त्रोत का पता लगा सकेगा। इस मिशन के तहत यह पता लगाया जायेगा की ये एक्स रे किस आकाशीय पिंड से आ रही है । इसके साथ ही साथ आकाशपिंड में मौजूद ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा। वही इसके अलावा न्यूट्रॉन सितारे (तारे में विस्फोट के बाद के बचे हिस्से), आकाशगंगा में मौजूद नाभिक को समझने में मदद मिलेगी।
अमेरिका के बाद दूसरा देश बना भारत
आपकी जानकारी के लिए बात दे की इस मिशन को लांच करने में अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश बन गया है । इस मिशन के आहत क्स रे रहस्यों का पता लगाने के साथ ब्लैक होल की जानकारी इकट्ठा करने के लिए इसरो ने एक्सपो सैटेलाइट को लॉन्च किया है। इसरो के द्वारा लांच किया गया यह मिशन पुरे 5 सालो का होगा । इससे पहले नासा दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष का अध्ययन करने के लिए काम कर चुकी है ।
अंतरिक्ष में भारत की बढ़ेगी ताकत
भारत के इसरो के द्वारा लांच किये गए इस मिशन के बाद अब भारत की अंतरिक्ष में ताकत भी बढ़ जाएगी। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष में खोज, शोध एवं विकास के प्रयासों को बड़ा मंच प्रदान करेगा। इसरो के द्वारा इस प्रयास के कारण इसरो पुरे विश्व से अपना लोहा मनवा रही हैं । इस मिशन के द्वारा इससे कई नई जानकारियां सामने आएगी।
650 KM की ऊंचाई पर तैनाती
आपकी जानकारी के लिए बता दे की इसरो के द्वारा अन्तरिक्ष में भेजे गए यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा , इसके साथ ही साथ अन्तरिक्ष के अन्य क्षेत्र की तस्वीरे भी लेगा । इस सैटेलाइट में मौजूद टेलिस्कोप को रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है यह सैटेलाइट ब्रह्मांड के 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्रोतों जैसे की पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बाइनरी, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई,नॉन-थर्मल सुपरनोवा k अध्ययन करेगा । आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस सैटेलाइट को 650 km की ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा ।