Kidney Kharab Hona Kya Hai: किडनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है जो शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलने में और शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण काम करता है। हमारे ब्लड को फिल्टर करने का काम किडनी ही करती है। अगर किसी भी वजह से किडनी ठीक प्रकार से काम नहीं करती है तो शरीर में अनेक प्रकार के रोग हो सकते हैं। किडनी खराब होने या फेल होने की स्थिति में शरीर में बनने वाले अपशिष्ट पदार्थ खून में ही घूमते रहते हैं जिससे खून विषैला हो जाता है। कई बार समय रहते अगर रोगी का इलाज नहीं किया जाता है तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
किडनी खराब होने से संबंधित जो बीमारी है उसके बारे में सही जागरूकता होना जरूरी है। इसीलिए आज हम जानेंगे कि किडनी खराब होना या किडनी फेल होना क्या होता है? यह कौन-कौन से कारणों की वजह से होता है? किडनी खराब होने के क्या लक्षण नजर आते हैं, साथ में इसके ट्रीटमेंट, कॉम्प्लिकेशन और बचाव के तरीके भी जानेंगे। पूरी जानकारी के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
किडनी खराब होना क्या है? | Kidney Kharab Kya Hai?
किडनी खराब होना को हम मेडिकल भाषा में एक्यूट किडनी फेल्योर के नाम से जानते हैं। इस बीमारी के अंदर हमारे खून को किडनी के द्वारा फिल्टर नहीं किया जाता है, किडनी के अंदर जो खून को फिल्टर करने की क्षमता होती है वह नष्ट हो जाती है। इसकी वजह से अपशिष्ट पदार्थ खून में ही जमा होने लगते हैं जिससे शरीर में एक केमिकल इंबैलेंस बन जाता है। किडनी खराब होना या एक्यूट किडनी फेलियर रोगी को कभी भी अचानक हो सकता है। जिसमें इमरजेंसी कंडीशंस के अंदर रोगी को अस्पताल में भर्ती किया जाता है। ऐसी स्थिति में रोगी को एक विशेष ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।
किडनी खराब होने के प्रकार | Kidney Kharab Ke Prakar
किडनी फेलियर मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है। आईए जानते हैं इसके बारे में…
एक्यूट किडनी फेलियर
अचानक से जब आपकी किडनी काम करना बंद कर दे तो इसे हम एक्यूट किडनी फेल्योर के नाम से जानते हैं। ऐसी स्थिति में आपकी किडनी कुछ घंटे से लेकर कुछ दिनों के लिए काम करना बंद कर देती है जिसकी वजह से आपके शरीर में कई प्रकार के इन्फेक्शन, मूत्र मार्ग में रुकावट, डिहाईड्रेशन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी को बहुत कम पेशाब आता है। ज्यादातर मामलों में दवाई के माध्यम से उपचार किया जा सकता है लेकिन कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ जाती है।
क्रॉनिक किडनी डिजीज
इस प्रकार की बीमारी में किडनी खराब होने की प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरी होती है कई बार डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से जब आप लंबे समय तक पीड़ित रहते हैं तो धीरे-धीरे क्रॉनिक किडनी डिजीज उत्पन्न हो जाती है इस बीमारी के अंदर किडनी में ग्लौमेरउलोनेफ्राइटिस के अंदर सूजन आ जाता है जिसकी वजह से बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। शरीर में कई प्रकार के लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। कई बार किडनी ट्रांसप्लांटेशन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस बीमारी को इलाज करने के लिए रोगी को डायलिसिस जैसी दर्दनाक प्रोसेस से गुजरना होता है।
किडनी खराब होने के कारण | Kidney Kharab Hone Ke Karan
हमारी खराब लाइफस्टाइल की वजह से किडनी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे बहुत सारे कारण है जिनकी वजह से आपकी किडनी खराब हो सकती है।
- डायबिटीज – डायबिटीज के मरीजों के अंदर किडनी खराब होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि इनके अंदर हाई ब्लड प्रेशर बना रहता है और ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
- हाई ब्लड प्रेशर – ऐसे लोग जो हमेशा से ही हाई ब्लड प्रेशर का शिकार रहते हैं। उनके अंदर किडनी फेलियर की संभावना भी बढ़ जाती है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर की वजह से किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- स्मोकिंग – अगर आप धूम्रपान करते हैं तो इसकी वजह से आपकी किडनी खराब हो सकती है।
- किडनी फेलियर की हिस्ट्री – अगर आपको पहले भी किडनी से संबंधित कोई बीमारी हो चुकी है तो आपको किडनी खराब होने की संभावना हो सकती है।
- लंबे समय तक जब बहुत ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है तो इसकी वजह से भी किडनी फेलियर हो सकता है।
- नमक की मात्रा बहुत ज्यादा उपयोग करना किडनी के लिए हानिकारक होता है।
- नियमित रूप से अगर आप फास्ट फूड खाते हैं तो यह आपकी किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
- फोन में किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन होने की वजह से या नसों में रूकावट होने की वजह से किडनी फेलियर हो सकता है।
किडनी खराब होने के लक्षण | Kidney Kharab Hone Ke Lakshan
- अत्यधिक थकान महसूस करना
- त्वचा में सूखापन और खुजली होना
- ठीक से नींद ना आना
- बार-बार पेशाब लगना
- पेशाब से खून आना
- पेशाब से झाग आना
- पेशाब का रंग बदल जाना।
- रात के समय पेशाब ज्यादा होना
- आंखों के आसपास सूजन
- पैरों और टखनों में सूजन
- भूख न लगना
- मांसपेशिययों में ऐंठन
- हीमोग्लोबिन कम हो जाना
- वजन बढ़ना
- पेट में दर्द होना
- सास लेने में दिक्कत
- पीठ में दर्द
- सीने में दर्द
किडनी खराब होने की अलग-अलग स्टेज | Kidney Kharab Hone Ki Alag-Alag Stages
सामान्य तौर पर जब आपकी किडनी खराब होना शुरू होती है तो यह एक दिन में होने वाली प्रक्रिया नहीं है। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है जिसको हम सामान्य तौर पर ग्लौमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट के आधार पर नापते हैं। अलग-अलग स्टेज के आधार पर GFR में बदलाव होने लगता है जिससे कुल पांच स्टेज में बांटा गया है, जिससे किडनी की पांच अलग-अलग स्टेज निकलकर सामने आती है।
स्टेज 1 (GFR > 90 mL/min)
ऐसी स्थिति में आपकी किडनी की कार्य क्षमता नॉर्मल से अधिक हो जाती है। इसकी वजह से किडनी अपशिष्ट पदार्थों के साथ ही रक्त में उपस्थित प्रोटीन को भी फिल्टर कर देती है। ऐसी स्थिति में आपके पेशाब में प्रोटीन का लेवल बढ़ जाता है जिससे प्रोटीन्यूरिया के नाम से जानते हैं।
स्टेज 2 (GFR 60-89 mL/min)
इस चरण के अंदर आपकी किडनी की कार्य क्षमता थोड़ी कम होने लगती है। इसके लक्षण भी आपके शरीर में नजर आने लगते हैं। आपकी जीवन शैली में इसका प्रभाव साफ दिखाई देता है लेकिन आप अपनी लाइफ स्टाइल को सही करके इस स्थिति को रोक सकते हैं या धीमा कर सकते हैं।
स्टेज 3 (GFR 30-59 mL/min)
किडनी खराब होने की यह तीसरी स्टेज है जिसमें आपको थकान देखने को मिलती है। आपके टखने और पैरों में सूजन रहने लग जाती है और पेशाब के अंदर बदलाव दिखाई देने लग जाता है।
स्टेज 4 (GFR 15-29 mL/min)
चौथी स्टेज के अंदर आपकी किडनी की कार्य क्षमता काफी कम हो जाती है जिसकी वजह से आपको एनीमिया, हड्डियों का रोग, हार्ट डिजीज, पोटेशियम का हाई लेवल जैसी समस्या हो सकती है।
स्टेज 5 (GFR <15 mL/min
यह किडनी खराब होने की अंतिम स्टेज है जिसमें किडनी के काम करने की क्षमता लगभग पूरे तरीके से खत्म हो जाती है। सामान्य तौर पर रोगी को डायलिसिस के माध्यम से कुछ समय तक बचाया जाता है और इसका अंतिम इलाज किडनी ट्रांसप्लांटेशन ही होता है।
किडनी खराब होने का डायग्नोसिस | Kidney Kharab Hone Ke Diagnosis
- किडनी खराब होने के बाद जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर कई प्रकार के एग्जामिनेशन और टेस्ट करके किडनी फेलियर को डायग्नोसिस करता है।
- सबसे पहले डॉक्टर आपके यूरिन का टेस्ट करता है साथ ही यूरिन की कितनी मात्रा आप एक बार में उत्सर्जित करते हैं उसके बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
- यूरिन टेस्ट के माध्यम से यूरिन के अंदर किसी भी प्रकार के प्रोटीन का और अन्य कई तत्वों का पता चलता है।
- ब्लड टेस्ट करने के बाद में यूरिया और क्रिएटिनिन लेवल को चेक किया जाता है अगर यह है लेवल तेजी से बढ़ रहे हैं तो किडनी फेलियर की संभावना है।
- अल्ट्रासाउंड और सिटी स्कैन के माध्यम से किडनी का स्टडी किया जाता है।
- अंतिम स्टेज में जरूरत पड़ने पर किडनी की बायोप्सी की जाती है जिसमें इंजेक्शन के माध्यम से एक सैंपल निकालकर उसकी जांच की जाती है।
किडनी खराब होने का उपचार | Kidney Kharab Hone Ka Upchar
अगर आपको किडनी खराब होने की स्टेज शुरुआती दौर में है तो आपका दवाई के माध्यम से इलाज किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर आपको अलग-अलग प्रकार की दवाई देता है जिससे आपका मेडिकल मैनेजमेंट किया जा सके। आपको एनीमिया, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर आदि की समस्या हो सकती है जिसको दवाई के माध्यम से ट्रीटमेंट किया जाता है।
अगर आपकी किडनी खराब होने की स्टेज बहुत आगे बढ़ चुकी है तो ऐसी स्थिति में आपका खून के अंदर पोटेशियम की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके लिए फिर रोगी के खून का डायलिसिस किया जाता है। इस डायलिसिस के अंदर आर्टिफिशियल किडनी की मदद से आपके पूरे ब्लड को फिल्टर किया जाता है। एक सप्ताह में तीन बार यह डायलिसिस किया जाता है तभी रोगी जिंदा रह पाता है।
अगर ऊपर बताये गए सभी ट्रीटमेंट फेल हो जाते हैं तो किडनी खराब होने पर किडनी ट्रांसप्लांट ही फाइनल ट्रीटमेंट है। ऐसी स्थिति में आपकी खराब किडनी को सर्जरी के माध्यम से हटा दिया जाता है और उसके स्थान पर किसी डोनर की स्वस्थ किडनी को रिप्लेस कर दिया जाता है।
किडनी खराब होने के कॉम्प्लिकेशंस | Kidney Kharab Hone Ke Complications
- किडनी खराब होने पर आपकी छाती के अंदर एक लिक्विड का निर्माण होने लगता है जिससे आपको सांस लेने में भी तकलीफ होती है।
- किडनी खराब होने पर कई बार आपके सीने में भी दर्द रहने लगता है क्योंकि आपकी हृदय को कवर करने वाली परत के अंदर सूजन आ जाता है।
- शरीर के अंदर जब ब्लड फिल्टर नहीं होता है तो इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस की वजह से आपकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती है।
- अगर समय पर रोगी का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है और उचित देखभाल नहीं की जाती है तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।
किडनी खराब होने से बचाव के उपाय | Kidney Kharab Hone se Bachav Ke Upay
- किडनी खराब होने से बचने के लिए आपको हर साल मिनिमम एक बार यूरिन की और रक्त की जांच करवानी चाहिए।
- स्मोकिंग और नियमित रूप से शराब का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
- हमेशा आपको स्वस्थ और पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए।
- रोजाना आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना है।
- किसी भी प्रकार के तले भुने और जंक फूड का बहुत ज्यादा सेवन नहीं करना है।
- नमक का आपने भोजन में उपयोग कम से कम करना है।
- ज्यादा मिर्च मसाले वाले भजन बिल्कुल नहीं करना है।
- डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाई खुद से ना ले।
- किसी भी प्रकार की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
सारांश | Conclusion
आजकल की जिस प्रकार की लाइफस्टाइल हो गई है उसकी वजह से किडनी खराब होना कई लोगों में देखा जाता है। लेकिन इसका शुरुआती स्टेज में ही ट्रीटमेंट कर दिया जाता है तो यह आपको ज्यादा समस्या नहीं देती है। किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है जो हमारे ब्लड को फिल्टर करने का काम करती है। इसमें किसी भी प्रकार की खराबी होने से हमें शारीरिक रूप से कई प्रकार के कष्ट झेलने पड़ते हैं।
आज इस आर्टिकल को अपने अंत तक पढ़ा है तो आपको किडनी खराब होना या किडनी फेल्योर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। इस जानकारी को आपको सिर्फ अपने तक सीमित नहीं रखता है बल्कि सभी लोगों तक किसी शेयर करना है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।