हेलो दोस्तो क्या है मालदीव के बहिष्कार  के बारे में अगर आपको नहीं पता तो आइए जानते हैं पूरी चर्चा ?

मालदीव और भारत के रिश्तों में राजनीति की अहम भूमिका है। विदेश मंत्रालय राष्ट्रीय हित और नीतियों के मुताबिक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में संतुलन बनाने के प्रयास करता है।

ताजा घटनाक्रम दोनों देशों के रिश्तों में आई तल्खी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी चर्चा में है पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्री मरियम शिउना की विवादित टिप्पणी भी चर्चा में है

सोशल मीडिया यूजर्स मालदीव का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं। लगातार दो दिनों तक लक्षद्वीप गूगल पर सबसे अधिक सर्च किया गया

यूजर्स वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए शेयर कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी मालदीव यात्रा कैंसिल करने के बाद लक्षद्वीप और दूसरी जगहों का प्लान बना रहे हैं। ऐसे में मालदीव के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है।

2021 में मालदीव को लगभग 3.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व पर्यटन से मिला। 2022 में लगभग 2.41 लाख भारतीय मालदीव गए। 2023 में भी दो लाख लोग मालदीव गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में लक्षद्वीप दौरे पर गए जिसके बाद बायकॉट मालदीव ट्रेंड होने लगा। 

मालदीव पर्यटन से कितना कमाता है

मालदीव में युवा मामलों की उप मंत्री मरियम शिउना ने अपमानजनक टिप्पणी की थी। पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने इसकी निंदा की थी। इसी बीच वर्तमान सरकार ने कहा है कि मंत्री शिउना का बयान सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करती।

मालदीव की मंत्री शिउना ने पीएम मोदी के लक्षद्वीप प्रवास की तस्वीरों और वीडियो पर आपत्तिजनक और अपमानित करने वाल टिप्पणी की थी। सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट करने लगे कि अब लोगों को अपनी छुट्टी मालदीव की बजाय लक्षद्वीप में मनानी चाहिए।

पीएम मोदी का लक्षद्वीप प्रवास

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक मालदीव अरबों के कर्ज में डूबा है। चीन का लगभग 1.3 बिलियन डॉलर बकाया है

चीन के कर्ज तले डूबा मालदीव

भारत और मालदीव के लिए नया ट्रेंड क्यों खतरनाक माना जा रहा है? यह समझना भी अहम है। चीन समर्थक मुइज्जू के शासनकाल में आशंका है कि मालदीव में फिर से चीन का दखल बढ़ेगा और भारत से मालदीव के रिश्ते कमजोर हो जाएंगे।

मालदीव-भारत के बीच टकराव को न्यूनतम करने के प्रयास

मालदीव की नई सरकार का विदेश नीति से जुड़ा फैसला भी है। इसमें भारतीय सैनिक भी शामिल हैं। देश के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शपथ के बाद ही उनके कार्यालय ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई कि सरकार ने भारत से देश से अपनी सैन्य मौजूदगी वापस लेने के लिए कहा है। इसे मुइज्जू की विदेश नीति माना जा रहा है।

मुइज्जू की विदेश नीति

भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन हितैषी और भारत विरोधी भी माना जाता है। मोहम्मद मुइज्जु पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह की जगह आए हैं। सोलिह को भारत का समर्थक माना जाता था।

चीन और मालदीव की दोस्ती